नई दिल्ली: यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा आज चार दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचीं. रूस- यूक्रेन संघर्ष के बाद से पूर्वी यूरोपीय देश के किसी मंत्री के रूप में उनकी यह पहली आधिकारिक यात्रा है. झापरोवा का भारत के विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के साथ बातचीत करने का कार्यक्रम है.
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#WATCH | "India should be pragmatic in diversifying its energy resources, military contracts & political interactions. PM Modi's policy of democracy, dialogue&diversity & "no era of war" & strategic application is really important: Ukraine's Dy Foreign Minister Emine Dzhaparova pic.twitter.com/cOJkB7ZojD
— ANI (@ANI) April 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) April 10, 2023
यूक्रेन की उप-विदेश मंत्री एमीन झापरोवा ने कहा,'अगर यूक्रेन के राष्ट्रपति की बात प्रधानमंत्री मोदी से होगी है तो वे उनको यूक्रेन आने का न्योता जरूर देंगे. मुझे लगता है कि एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में भारत वास्तव में दुनिया का विश्वगुरु है और मूल्यों और न्याय के लिए लड़ते हुए हमने यूक्रेन में यही महसूस किया है.'
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन की ओर से भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के प्रयासों पर चर्चा हो सकती है. इसके अलावा वर्तमान परिदृश्य में रूस और यूक्रेन संघर्ष को लेकर भी चर्चा होने की बात कही जा रही है. बता दें कि भारत का रूस के साथ संबंध अच्छे हैं. यह विश्व के तमाम देशों को भी पता है ऐसे में यूक्रेन के उप विदेश मंत्री का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा, भारत की विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से भी मुलाकात करेंगी और यात्रा के दौरान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, विक्रम मिश्री से भी मिलेंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष केवल बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल किया जा सकता है और यह कि भारत किसी भी शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है. उन्होंने संघर्ष शुरू होने के बाद से कई बार यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति पुतिन दोनों से बात की है.
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि यूक्रेन एक बार फिर से भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहता है. रूस- यूक्रेन संघर्ष से पहले भारत के बहुत सारे छात्र यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे. अचानक युद्ध शुरू होने के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में एक अभियान चलाया गया और इस अभियान के माध्यम से करीब 20 हजार छात्रों को यूक्रेन से यहां लाया गया. वहीं, काफी संख्या में भारतीय वहां रह रहे थे. उन्हें भी आपात स्थिति में यहां लाया गया.
(एएनआई)