हैदराबाद : रूस-यूक्रेन के बीच चल रही युद्ध की स्थिति इस कदर खतरनाक हो चुकी है कि बाकी देश भी अपनी रणनीति में बदलाव कर रहे हैं. दशकों से न्यूट्रल रहे देश भी अब युद्ध के 'मोड' में आ गए हैं. फिनलैंड, स्वीडन, स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रिया, आयरलैंड और वेटिकन सहित तटस्थ देश यूक्रेन पर रूसी युद्ध की निंदा करके यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता के साथ खड़े हो रहे हैं. जापान, जर्मनी ने भी कदम उठाए हैं.
फ़िनलैंड उन देशों में से एक है जिसका नाटो के साथ घनिष्ठ सहयोग है. उसने भी युद्ध की 'दृढ़ता से' निंदा की. वहां की सरकार ने रविवार को यूक्रेन को 2,000 बुलेटप्रूफ जैकेट, 2,000 हेलमेट, 100 स्ट्रेचर के साथ दो आपातकालीन चिकित्सा देखभाल स्टेशनों के लिए उपकरण भेजने का फैसला किया. फ़िनलैंड ने बड़ी वित्तीय सहायता देने का भी निर्णय लिया है. यूक्रेन और फ़िनलैंड के बीच राजनयिक संबंधों के हाल ही में 30 साल पूरे हुए हैं. फिनलैंड के विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'कीव की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए दृढ़ समर्थन है. मंत्रालय ने ट्विटर पर कहा, 'इस कठिन समय के दौरान यूक्रेन के नेताओं और लोगों को साहस और शक्ति की कामना.'
स्वीडन का रूसी विमानों को हवाई क्षेत्र देने से इनकार
स्वीडन के विदेश मंत्री एन लिंडे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आपातकालीन विशेष सत्र के आह्वान का स्वागत किया. लिंडे ने ट्विटर पर कहा, 'पिछले शुक्रवार को यूएनएससी (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) के प्रस्ताव पर रूस के वीटो के कारण यह एक आवश्यक कदम है.' उन्होंने कहा कि 'स्वीडन यूक्रेन को सैन्य सहायता भेजेगा, जिसमें 5,000 टैंक रोधी हथियार, 5,000 हेलमेट, 5,000 बॉडी शील्ड और 135,000 फील्ड राशन शामिल हैं, साथ ही यूक्रेनी सेना को 500 मिलियन स्वीडिश क्रोना (52.9 मिलियन डॉलर) का फंड भी शामिल है.' देश ने सोमवार से स्वीडिश हवाई क्षेत्र से रूसी विमानों पर प्रतिबंध लगाने का भी फैसला किया.
जापान ने आर्थिक प्रतिबंध का समर्थन किया
जापान ने भी रूस पर प्रतिबंधों का समर्थन किया है. जापान ने यूक्रेन को 100 मिलियन डॉलर लोन देने के साथ-साथ 100 मिलियन डॉलर की मानवीय सहायता देने की घोषणा भी की है. पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने नाटो की तरह न्यूक्लियर शेयरिंग प्रोग्राम की बात कही है.
जर्मनी ने उठाए ये कदम
जर्मनी ने भी अपनी विदेश नीति में बदलाव किया है. उसने यूक्रेन को सैन्य मदद देने का एलान किया है. जर्मनी ने यूक्रेन को 500 स्टिंजर मिसाइल देगा. जर्मनी के चांसलर ने अपनी रक्षा पर 113 अरब डॉलर खर्च करने का एलान भी किया है.
राजनीतिक समाधान के लिए प्रतिबद्ध : स्विट्जरलैंड
स्विट्जरलैंड ने भी राजनीतिक समाधान के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है. उसने आग्रह किया है कि रूस अपने सैनिक यूक्रेन से वापस बुलाए. विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'स्विट्जरलैंड यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य हस्तक्षेप की निंदा करता है और रूस से सैन्य आक्रमण को तुरंत बंद करने और यूक्रेनी क्षेत्र से अपने सैनिकों को वापस लेने का आग्रह करता है.' इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'स्विट्जरलैंड संघर्ष के राजनीतिक समाधान के लिए प्रतिबद्ध है.'
दोनों देश बातचीत से निकालें हल : ऑस्ट्रिया
इसी तरह ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री एलेक्जेंडर शालेनबर्ग (Alexander Schallenberg) ने यूक्रेन के ताजा घटनाक्रम को 'डार्क टाइम' बताते हुए कहा कि रूस की कार्रवाई यूरोप में एक संप्रभु राष्ट्र पर 'अस्वीकार्य हमला' है. यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'यूरोपीय महाद्वीप पर युद्ध चल रहा है और यूक्रेन रूस द्वारा सैन्य आक्रमण का शिकार हो गया है. यह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय कानून के सबसे मौलिक नियमों का उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रिया यूक्रेन और यूक्रेन के लोगों के साथ 'पूर्ण एकजुटता' के साथ खड़ा है. उन्होंने रूस से हथियार छोड़कर यूक्रेन से बातचीत करने का भी आग्रह किया.
यूरोपीय संघ उठाए मजबूत कदम : आयरलैंड
आयरलैंड ने भी 21 फरवरी को यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए अपने समर्थन की आवाज उठाई. विदेश मंत्री साइमन कोवेनी ने एक बयान में कहा, 'आयरलैंड की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए समर्थन और अपनी खुद की विदेश और सुरक्षा नीति चुनने का अधिकार अटूट है.' उन्होंने कहा कि आयरलैंड 'अतिरिक्त प्रतिबंध उपायों सहित एक स्पष्ट और मजबूत यूरोपीय संघ की प्रतिक्रिया का समर्थन करता है.'
पोप फ्रांसिस ने भी व्यक्त किया यूक्रेन को समर्थन
गौरतलब है कि वेटिकन संत पोप फ्रांसिस ने शनिवार को यूक्रेन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया था. उन्होंने ट्वीट किया 'यीशु ने हमें सिखाया कि हिंसा की शैतानी संवेदनहीनता का उत्तर ईश्वर के हथियारों, प्रार्थना और उपवास के साथ दिया जाता है. शांति की देवी दुनिया को युद्ध के पागलपन से बचाएं.' उन्होंने यूक्रेन में शांति के लिए 2 मार्च को प्रार्थना और उपवास का भी आह्वान किया. उनकी टिप्पणी का यूक्रेन के राष्ट्रपति ने स्वागत किया.
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