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Ujjain Mahakaleshwar Temple: महाशिवरात्रि से पहले महाकाल मंदिर में बड़ा बदलाव, नि:शुल्कप्रोटोकॉल व्यवस्था बंद

महाशिवरात्रि पर्व के पहले मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति ने दर्शन व्यवस्थाओं में एक बड़ा बदलाव किया है. अब मंदिर प्रशासन ने निशुल्क प्रोटोकॉल व्यवस्था बंद कर दी है.

Mahakaleshwar temple
बाबा महाकाल
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Published : Jan 31, 2023, 9:34 PM IST

उज्जैन। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का खास केंद्र है. महाकाल लोक बनने के बाद से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आने लगे हैं. महाशिवरात्रि पर्व के पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति ने दर्शन व्यवस्थाओं में एक बड़ा बदलाव किया है. अब मंदिर प्रशासन ने निशुल्क प्रोटोकॉल व्यवस्था बंद कर दी है. यह आदेश 1 फरवरी से लागू होगा. मंदिर मे अतिविशिष्ट अतिथि जिसमें मीडिया, साधु संत, राजनीतिक लोगों के साथ अलग-अलग प्रशासनिक विभाग के पात्र लोगों को निशुल्क प्रोटोकॉल व्यवस्था मंदिर समिति द्वारा दी जा रही थी. जिसमें इस पात्र को लोगों के मेहमानों को भी इस सुविधा का लाभ दिया जा रहा था. इस व्यवस्था के चलते हो रही परेशानी को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने फैसला लिया है.

1 फरवरी से लागू होगा आदेश: अब अतिविशिष्ट अतिथि पात्र लोगों के मेहमानों की बढ़ती संख्या और उससे आम जन को दर्शन करने में परेशानी को देखते हुए मंदिर समिति ने साल 2011 के गजट नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए प्रेस नोट जारी कर बताया की मेहमानों को अब आम दर्शनार्थियों की तरह दर्शन श्री महाकाल महालोक में बने मानसरोवर द्वार से करना होंगे. अगर वे प्रोटोकॉल सुविधा चाहते हैं तो अब उन्हें निशुल्क नहीं आम दर्शनार्थी जो प्रोटोकॉल सुविधा शुल्क देकर लेते हैं, उन्हीं की तरह शुल्क 250 रुपए देना होंगे, तभी वे दर्शन कर पाएंगे. यह आदेश 1 फरवरी 2023 से लागू कर दिया जाएगा. ज्ञात रहे हाल ही में मंदिर समिति ने आम जन के लिए भस्म आरती में दर्शन करने का 300 सीट का कोटा 500 किया था.

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अब यह रहेगी 1 फरवरी से व्यवस्थाएं:

  1. मंदिर में सुबह 6 से रात 11बजे तक भगवान के दर्शन करने के लिए किसी प्रकार का शुल्क आम दर्शनार्थियों से नहीं लिया जाता. मंदिर में मोबाइल व बैग ले जाने पर प्रतिबंध है, पकड़ाए जाने पर 200 रुपए स्पॉट फाइन है.
  2. भक्तों को प्रवेश मंदिर के मानसरोवर द्वार से दिया जाता है, जिसमें दर्शन गणेश मंडपम से करवाए जाते हैं.
  3. मंगलवार से शुक्रवार के बीच भीड़ कम होने पर मंदिर के नंदी हॉल व गर्भ गृह में प्रवेश एट द टाइम दे दिया जाता है. जिसमें कोई ड्रेस कोड लागू नहीं होता, ना ही पैसे देने होते हैं.
  4. भीड़ ज्यादा है और श्रद्धालु प्रोटोकॉल प्रवेश द्वार 4 नंबर से प्रवेश करना चाहते हैं तो 250की रसीद वहीं मौजूद काउंटर पर कटवाकर प्रवेश कर सकते हैं. रसीद ऑनलाइन मंदिर समिति की website https://shrimahakaleshwar.com/ पर भी मिल जाती है.
  5. मंदिर में गर्भ गृह में विशेष रूप से दर्शन के लिए प्रत्येक व्यक्ति 750रु की रसीद काट प्रवेश दिया जाता है. ये नियम आम और खास सबके लिए है. जिसका समय तय है सुबह 6 से 1 व शाम में 6 से 7:30 तक. जिसमें पुरुष को धोती सोला पहन व महिलाओं को साड़ी पहन जाने की अनुमति होती है. इसकी रसीद मंदिर के आस पास बने मंदिर के ही काउंटर व मंदिर की वेब साइट https://shrimahakaleshwar.com/ पर आसनी से मिल जाती है.
  6. मंदिर में सुबह 4 से 6 बजे के बीच होने वाली भस्म आरती के लिए नियम तय है. आम दर्शनार्थी मंदिर के प्रशासक कार्यालय के बाहर सुबह 6 से 7 बजे के बीच भस्मारती काउंटर पर पहुंच अपना आईडी दिखा कर 1 दिन पहले निशुल्क भस्म आरती दर्शन बुकिंग करवा सकते हैं. श्रद्धालु ऑनलाइन भी बुकिंग करवा सकते हैं, जिसमें 100रुपए शुल्क लिया जाता है. कुल 500सीट का कोटा इसमें रखा गया है.
  7. भस्मारती में बुकिंग श्रद्धालु 1 दिन पहले अलग अलग विभागों के माध्यम से, मंदिर के पुजारी, पुरोहित, राजनीतिक, मीडिया के सोर्स से उनके लेटर हेड के माध्यम से 200रु प्रत्येक व्यक्ति शुल्क देकर करवा सकते है.

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पूर्व में भी हुआ निर्णय: दरअसल मंदिर समिति समय-समय पर व्यवस्थाओं में बदलाव करती है. इस तरह का निर्णय मंदिर में पहले भी लिया गया था, लेकिन अतिविशिष्ट अतिथियों के विरोध के चलते मंदिर को निर्णय वापस लेना पड़ा था. पूर्व में लिए गए निर्णय में अतिविशिष्ट अतिथियों के मेहमानों से 250 की जगह 100रु शुल्क कर दिया गया था और प्रोटोकॉल के लिए अलग से काउंटर खोले गए थे, लेकिन 5 माह बाद 100रु शुल्क का निर्णय वापस लिया गया. अब 250रु शुल्क की ये कहानी कब तक चलती है वक्त ही बताएगा.

उज्जैन। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का खास केंद्र है. महाकाल लोक बनने के बाद से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आने लगे हैं. महाशिवरात्रि पर्व के पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति ने दर्शन व्यवस्थाओं में एक बड़ा बदलाव किया है. अब मंदिर प्रशासन ने निशुल्क प्रोटोकॉल व्यवस्था बंद कर दी है. यह आदेश 1 फरवरी से लागू होगा. मंदिर मे अतिविशिष्ट अतिथि जिसमें मीडिया, साधु संत, राजनीतिक लोगों के साथ अलग-अलग प्रशासनिक विभाग के पात्र लोगों को निशुल्क प्रोटोकॉल व्यवस्था मंदिर समिति द्वारा दी जा रही थी. जिसमें इस पात्र को लोगों के मेहमानों को भी इस सुविधा का लाभ दिया जा रहा था. इस व्यवस्था के चलते हो रही परेशानी को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने फैसला लिया है.

1 फरवरी से लागू होगा आदेश: अब अतिविशिष्ट अतिथि पात्र लोगों के मेहमानों की बढ़ती संख्या और उससे आम जन को दर्शन करने में परेशानी को देखते हुए मंदिर समिति ने साल 2011 के गजट नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए प्रेस नोट जारी कर बताया की मेहमानों को अब आम दर्शनार्थियों की तरह दर्शन श्री महाकाल महालोक में बने मानसरोवर द्वार से करना होंगे. अगर वे प्रोटोकॉल सुविधा चाहते हैं तो अब उन्हें निशुल्क नहीं आम दर्शनार्थी जो प्रोटोकॉल सुविधा शुल्क देकर लेते हैं, उन्हीं की तरह शुल्क 250 रुपए देना होंगे, तभी वे दर्शन कर पाएंगे. यह आदेश 1 फरवरी 2023 से लागू कर दिया जाएगा. ज्ञात रहे हाल ही में मंदिर समिति ने आम जन के लिए भस्म आरती में दर्शन करने का 300 सीट का कोटा 500 किया था.

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अब यह रहेगी 1 फरवरी से व्यवस्थाएं:

  1. मंदिर में सुबह 6 से रात 11बजे तक भगवान के दर्शन करने के लिए किसी प्रकार का शुल्क आम दर्शनार्थियों से नहीं लिया जाता. मंदिर में मोबाइल व बैग ले जाने पर प्रतिबंध है, पकड़ाए जाने पर 200 रुपए स्पॉट फाइन है.
  2. भक्तों को प्रवेश मंदिर के मानसरोवर द्वार से दिया जाता है, जिसमें दर्शन गणेश मंडपम से करवाए जाते हैं.
  3. मंगलवार से शुक्रवार के बीच भीड़ कम होने पर मंदिर के नंदी हॉल व गर्भ गृह में प्रवेश एट द टाइम दे दिया जाता है. जिसमें कोई ड्रेस कोड लागू नहीं होता, ना ही पैसे देने होते हैं.
  4. भीड़ ज्यादा है और श्रद्धालु प्रोटोकॉल प्रवेश द्वार 4 नंबर से प्रवेश करना चाहते हैं तो 250की रसीद वहीं मौजूद काउंटर पर कटवाकर प्रवेश कर सकते हैं. रसीद ऑनलाइन मंदिर समिति की website https://shrimahakaleshwar.com/ पर भी मिल जाती है.
  5. मंदिर में गर्भ गृह में विशेष रूप से दर्शन के लिए प्रत्येक व्यक्ति 750रु की रसीद काट प्रवेश दिया जाता है. ये नियम आम और खास सबके लिए है. जिसका समय तय है सुबह 6 से 1 व शाम में 6 से 7:30 तक. जिसमें पुरुष को धोती सोला पहन व महिलाओं को साड़ी पहन जाने की अनुमति होती है. इसकी रसीद मंदिर के आस पास बने मंदिर के ही काउंटर व मंदिर की वेब साइट https://shrimahakaleshwar.com/ पर आसनी से मिल जाती है.
  6. मंदिर में सुबह 4 से 6 बजे के बीच होने वाली भस्म आरती के लिए नियम तय है. आम दर्शनार्थी मंदिर के प्रशासक कार्यालय के बाहर सुबह 6 से 7 बजे के बीच भस्मारती काउंटर पर पहुंच अपना आईडी दिखा कर 1 दिन पहले निशुल्क भस्म आरती दर्शन बुकिंग करवा सकते हैं. श्रद्धालु ऑनलाइन भी बुकिंग करवा सकते हैं, जिसमें 100रुपए शुल्क लिया जाता है. कुल 500सीट का कोटा इसमें रखा गया है.
  7. भस्मारती में बुकिंग श्रद्धालु 1 दिन पहले अलग अलग विभागों के माध्यम से, मंदिर के पुजारी, पुरोहित, राजनीतिक, मीडिया के सोर्स से उनके लेटर हेड के माध्यम से 200रु प्रत्येक व्यक्ति शुल्क देकर करवा सकते है.

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पूर्व में भी हुआ निर्णय: दरअसल मंदिर समिति समय-समय पर व्यवस्थाओं में बदलाव करती है. इस तरह का निर्णय मंदिर में पहले भी लिया गया था, लेकिन अतिविशिष्ट अतिथियों के विरोध के चलते मंदिर को निर्णय वापस लेना पड़ा था. पूर्व में लिए गए निर्णय में अतिविशिष्ट अतिथियों के मेहमानों से 250 की जगह 100रु शुल्क कर दिया गया था और प्रोटोकॉल के लिए अलग से काउंटर खोले गए थे, लेकिन 5 माह बाद 100रु शुल्क का निर्णय वापस लिया गया. अब 250रु शुल्क की ये कहानी कब तक चलती है वक्त ही बताएगा.

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