उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंगों से एक महाकालेश्वर मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु रोजाना आते हैं. 11 अक्टूबर साल 2022 में पीएम मोदी द्वारा महाकाल लोक का लोकार्पण करने के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में और इजाफा हो गया है. यह इजाफा सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या में ही नहीं हुआ है, बल्कि मंदिर में आने वाले दान में भी हुआ है. 1 जनवरी 2023 से लेकर 12 सितंबर 2023 तक श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल को अलग-अलग माध्यम से दिल खोलकर दान दिया. जिससे भगवान महाकाल का मंदिर मालामाल हो गया है. पढ़िए महाकाल मंदिर में कितनी कमाई हुई.
इस बार 1 अरब से ज्यादा आया दान: महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार, रविवार और सोमवार के दिन दो से तीन लाख के बीच में श्रद्धालु भगवान महाकाल का दर्शन करने आते हैं. वहीं बाकी दिनों में एक से दो लाख के बीच में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने आते हैं. ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के कारण भगवान महाकाल के मंदिर की इनकम में भी बढ़ोत्तरी होने लगी है. श्रद्धालु अपने अलग-अलग माध्यमों से भगवान महाकाल के दरबार में दिल खोलकर दान करते हैं. इस बार तो कमाई ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए. बता दें एक अरब 33 करोड़ 66 लाख 91 हजार रुपए की इनकम मंदिर को हुई है. यह अभी तक की सबसे रिकॉर्ड कमाई महाकाल मंदिर को हुई है. यह कमाई 1 जनवरी 2023 से 12 सितंबर 2023 के बीच की है.

यहां पढ़ें... |
किन माध्यमों से मिलता है मंदिर को दान: उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु अलग-अलग माध्यमों से भगवान महाकाल को दान देते हैं. जैसे कि महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल होने वाली भस्म आरती में अगर श्रद्धालु परमिशन लेते हैं तो ₹200 पर आदमी के हिसाब से लिया जाता है. वहीं कोई श्रद्धालु शीघ्र दर्शन करना चाहते हैं, तो उन्हें ₹250 पर व्यक्ति चुकाना होता है. इसके अलावा जिस किसी भी श्रद्धालुओं को गर्भ गृह में जाकर दर्शन करना है तो उस में हर व्यक्ति के हिसाब से 750 रुपए देना होता है. वहीं श्रद्धालु अपने साथ महाकालेश्वर मंदिर का प्रसाद ले जाना चाहते हैं, तो उसको खरीदने वाले पैसे भी एक प्रकार से दान के रूप में देते हैं. कई श्रद्धालु मंदिर की दान पेटियों में दिल खोलकर दान कर जाते हैं. जबकि कई श्रद्धालु ऐसे हैं, जो चेक के माध्यम से पेमेंट मंदिर में करके जाते हैं. इसके अलावा सोने-चांदी के आभूषण भी दान के रूप में भक्त भगवान महाकाल के मंदिर में करके जाते हैं.