नई दिल्ली : विभिन्न विश्वविद्यालयों और उनसे जुड़े कॉलेजों में पढ़ रहे छात्र अपने कॉलेज के अलावा किसी दूसरे कॉलेज या विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी और लैबोरेट्री का इस्तेमाल कर सकेंगे. इतना ही नहीं विभिन्न कॉलेजों के छात्र दूसरे कॉलेजों में जाकर रिसर्च कर सकते हैं या फिर दूसरे कॉलेजों की स्पोर्ट्स फैसिलिटी का लाभ भी उठा सकते हैं. दरअसल यूजीसी ने छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालयों व कॉलेजों के संसाधन साझा करने की एक महत्वपूर्ण योजना बनाई है. इस योजना पर जानकारी देते हुए यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार कहा कि विश्वविद्यालय, कॉलेज या फिर अन्य उच्च शिक्षण संस्थान आपसी सहमति से छात्रों को इस प्रकार की सुविधाएं दे सकते हैं.
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उसके तहत शिक्षण संस्थान दूसरे कॉलेजों या विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को अपने यहां, लेबोरेटरी, साइंस रूम, कंप्यूटर लैब, रिसर्च, लाइब्रेरी, ई-लाइब्रेरी के इस्तेमाल की इजाजत दे सकते हैं. पढ़ाई के अलावा उच्च शिक्षण संस्थान स्पोर्ट्स फैसिलिटी भी साझा कर सकेंगे, जिसके तहत दूसरे शिक्षण संस्थानों के छात्रों को स्पोर्ट्स ग्राउंड, सेमिनार हॉल और स्टेडियम आदि इस्तेमाल करने की अनुमति मिलेगी. ऐसे ही यदि किसी एक कॉलेज का छात्र किसी दूसरे कॉलेज के रिसर्च संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहे तो वह अपने कॉलेज के बाहर दूसरे कॉलेज में भी रिसर्च कर सकता है.
इस व्यवस्था को योजनाबद्ध करने के लिए यूजीसी ने विशेष गाइडलाइन बनाई है. यूजीसी के मुताबिक विशेष गाइडलाइन के आधार पर राज्य यूनिवर्सिटी के विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय और ऐसे उच्च शिक्षण संस्थानों के संसाधनों का ज्यादा प्रयोग करने का अवसर मिलेगा. खास बात यह है कि इन संसाधनों के मेंटेनेंस का खर्च यूजीसी की ओर से वहन किया जाएगा. यूजीसी का कहना है कि कि यदि नई गाइडलाइन के आधार पर किसी एक शहर के विभिन्न उच्च शिक्षण अपने संसाधनों का सांझा इस्तेमाल करते हैं, तो इससे निश्चित तौर पर छात्रों के साथ-साथ इन संस्थानों को भी फायदा होगा.
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यूजीसी चेयरमैन के मुताबिक किसी शहर का एक शिक्षण संस्थान अतिथि के रूप में वहां मौजूद संसाधन संपन्न किसी अन्य शिक्षण संस्थान के संसाधनों का इस्तेमाल सकता है. इस योजना से अतिथि संस्थानों के छात्रों को दूसरे विश्वविद्यालयों या कॉलेजों की लाइब्रेरी में भी पढ़ने का अवसर मिलेगा. छात्र वहां की प्रयोगशालाओं में जाकर शोध भी कर सकेंगे. गौरतलब है कि देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों को सामान्यतया अन्य राज्य स्तरीय या छोटे विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों के मुकाबले संसाधन संपन्न समझा जाता है.
दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय समेत देशभर में 40 से अधिक केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं. इन विश्वविद्यालयों में आधुनिक प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, ई-लाइब्रेरी, खेलकूद की सुविधाएं उपलब्ध हैं. ऐसे में इन बड़े विश्वविद्यालयों का लाभ अन्य कॉलेजों एवं दूसरे विश्वविद्यालय के छात्रों को भी मिल सकेगा. केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अलावा देश में इंजीनियरिंग समेत कई अन्य पाठ्यक्रमों के शीर्षस्थ संस्थान आईआईटी भी इस मामलों में छात्रों के लिए मददगार हो सकते हैं.
वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अलावा भी कई विश्वविद्यालय एवं उच्च शिक्षण संस्थान हैं, जहां अन्य शिक्षण संस्थानों के मुकाबले अधिक साधन व संसाधन उपलब्ध हैं. इनमें कई राज्य स्तरीय कॉलेज व विश्वविद्यालय भी शामिल हैं. यह शिक्षण संस्थान भी कम संसाधन वाले शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों के लिए खासी उपयोगी साबित हो सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि अनिवार्य तौर कोई विश्वविद्यालय, अन्य विश्वविद्यालयों को अपने संसाधन उपलब्ध कराने के लिए बाध्य होगा. यह कार्य दो कॉलेजों और अथवा विश्वविद्यालयों के बीच समन्वय व सहमति के आधार पर संभव हो सकेगा. यूजीसी की गाइडलाइंस में इसके लिए समय भी तय किया गया है. यूजीसी का कहना है कि पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी के छात्र इस योजना के तहत सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक दूसरे शिक्षण संस्थानों की सुविधाओं का प्रयोग कर सकते हैं.
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