बेंगलुरु : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ जी परमेश्वर के आवास के निकट गुरुवार को प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस सरकार 'आतंकवादियों' को समर्थन दे रही है और उडुपी शौचालय वीडियो मामले में आरोपी लड़कियों का साथ दे रही है. भाजपा के कार्यकर्ताओं ने उडुपी सहित राज्य के कई हिस्सों में प्रदर्शन किया और कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का अरोप लगाया. बेंगलुरु में भाजपा कार्यकर्ताओं ने परमेश्वर के आवास के निकट नारेबाजी की और आरोप लगाया कि वह तीन वर्ष पहले के डीजे हल्ली तथा केजी हल्ली दंगा मामले में दंगाइयों के खिलाफ दर्ज पुलिस मामले वापस लेने का आधार तैयार कर रहे हैं. भाजपा के कार्यकर्ता पुलिस के अवरोधकों के कारण मंत्री के आवास के निकट नहीं पहुंच पाए. उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
गौरतलब है कि इस घटनाओं में तत्कालीन कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के घर पर और केजी हल्ली के पुलिस थानों में आग लगा दी गई थी. बता दें कि अगस्त 2020 में मूर्ति के एक रिश्तेदार के कथित अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट के कारण डीजे हल्ली और केजी हल्ली में दंगे भड़क गए थे,जिनमें तीन लोग मारे गए थे और 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे. परमेश्वर ने अधिकारियों को कांग्रेस के एक विधायक के अनुरोध पर गौर करने को कहा. कांग्रेस विधायक ने बेंगलुरु के डीजे हल्ली और केजी हल्ली,शिवमोगा और हुबली सहित अन्य स्थानों में प्रदर्शन तथा दंगों के संबंध में गिरफ्तार किए गए बेकसूर युवाओं तथा छात्रों के खिलाफ झूठे मामले वापस लेने का अनुरोध किया था.
भाजपा ने दी तीखी प्रतिक्रिया : विपक्षी भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और राज्य की कांग्रेस सरकार पर एक समुदाय के सांप्रदायिक अपराधियों को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया है. यहां 'फ्रीडम पार्क' में भाजपा के महिला प्रकोष्ठ ने धरना-प्रदर्शन किया. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर शौचालय वीडियो मामले में आरोपी लड़कियों को बचाने का आरोप लगाते हुए नारे लगाए. गौरतलब है कि कर्नाटक के उडुपी शहर में कॉलेज के शौचालय में कथित तौर पर साथी छात्रा का वीडियो बनाने की घटना के कई दिन बाद तीन छात्राओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने तीन आरोपी छात्राओं - शबनाज, अल्फिया और अलीमा और पैरामेडिकल कॉलेज के प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. तीनों छात्राओं को कॉलेज से निलंबित कर दिया गया है.
उडुपी में अभाविप का प्रदर्शन : उडुपी में छात्रों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने भी कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की. इस बीच, परमेश्वर ने कहा कि उन्होंने उडुपी की घटना को कभी भी बचकाना हरकत नहीं कहा. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, "आप सब ने कालेज में पढ़ाई की है. कभी कभी छात्रों के बीच कुछ चीजें हो जाती थीं तो हम उन्हें आपस में ही निपटा लेते थे. इसमें कोई बड़ा मुद्दा नहीं होना चाहिए."
खुशबू ने गहन जांच की जरूरत बताई : राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की सदस्य खुशबू सुंदर ने कहा कि उडुपी के एक पैरामेडिकल कॉलेज के शौचालय में कथित रूप से एक लड़की का वीडियो बनाने के मामले में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने या घटना को सांप्रदायिक रंग देने से पहले इसकी गहन जांच जरूरी है. वह गुरुवार को कॉलेज पहुंचीं और उनका घटना की पड़ताल के संबंध में कॉलेज प्रबंधन, पीड़िता और घटना में शामिल छात्रों से मिलीं हैं.
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बता दें कि इससे पहले बुधवार को उडुपी पहुंची सुंदर ने संवाददाताओं से कहा कि पुलिस के तमाम प्रयासों के बाद भी कोई ठोस सबूत नहीं मिला है. इससे पहले उन्होंने उपायुक्त विद्याकुमारी और पुलिस अधीक्षक हाके अक्षय मच्छिन्द्र के साथ बैठक की. सुंदर ने कहा कि जांच जारी है और इस मामले की व्यापक जांच पड़ताल किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि एनसीडब्ल्यू और पुलिस को अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है. जब तक ठोस सबूत नहीं मिल जाते, तब तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया जा सकता. उन्होंने बताया कि पुलिस ने कथित तौर पर वीडियो बनाने वाली तीन लड़कियों के मोबाइल फोन डेटा पुनर्प्राप्ति के लिए भेज दिए हैं.
उन्होंने कहा कि एनसीडब्ल्यू और पुलिस अपना काम कर रही हैं और न्यायाधीश की भूमिका निभाए बगैर हम जांच पूरी करेंगे. उन्होंने कहा कि आयोग महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और वह किसी भी सांप्रदायिक पहलू को ध्यान में रखकर काम नहीं करता. खुशबू सुंदर ने कहा कि वह उडुपी में अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान कॉलेज प्रशासन, छात्रों और पीड़िता के साथ बातचीत कर मामले को पूरी तरह से समझेंगी. पैरामेडिकल कॉलेज के दौरे के दौरान उनके साथ उडुपी जिले के पुलिस अधीक्षक और आयोग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे. साथ ही कॉलेज निदेशक रश्मि, अकादमिक समन्वयक बालकृष्ण, प्राचार्य राजीप मंडल, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण के वकील मैरी श्रेष्ठ और अन्य भी उपस्थित थे.
(पीटीआई-भाषा)