नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमान (एक सुखोई और एक मिराज-2000) शनिवार को एक नियमित प्रशिक्षण अभियान के दौरान मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में मुरैना और भरतपुर (राजस्थान) के सीमावर्ती इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गए, जिसमें एक पायलट की मौत हो गई. अधिकारियों ने बताया कि सुखोई-30 एमकेआई विमान के दो पायलट विमान से सुरक्षित बाहर निकल आए, लेकिन मिराज-2000 के पायलट की मौत हो गई.
भारतीय वायुसेना ने एक बयान में कहा, 'भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमान आज सुबह मुरैना के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गए.' बयान में कहा गया है कि दोनों विमान नियमित परिचालन उड़ान प्रशिक्षण अभियान पर थे. वायुसेना ने कहा, 'इन विमानों के तीन पायलट में से एक पायलट को घातक चोटें आईं. दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दे दिया गया है.' इलाके के निवासियों द्वारा शूट किए गए वीडियो में विमान का मलबा जमीन पर गिरा हुआ दिखाई दे रहा है.
रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि यह संभव है कि रूस में डिजाइन सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमान और फ्रांसीसी मिराज-2000 के बीच आसमान में टक्कर हुई हो, लेकिन भारतीय वायुसेना की ओर से इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है.
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने वायुसेना के दो विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को दी. सूत्रों ने कहा रक्षा मंत्री ने पायलटों की कुशलक्षेम के बारे में जानकारी ली और घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी की. मध्य प्रदेश के मुरैना के पास एक सुखोई-30 और मिराज 2000 विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जिले के पहाड़गढ़ के जंगल में फाइटर जेट गिरने के बाद आग लग गई, सूचना मिलते ही पुलिस फोर्स पहाड़गढ़ के जंगल में पहुंची और राहत बचाव कार्य किया. दोनों विमानों में 3 पायलट सवार थे, हादसे में 2 पायलट सुरक्षित हैं जबकि एक की मौत हो गई. अधिकारियों ने बताया कि सुखोई-30एमकेआई विमान के दो पायलट सुरक्षित बाहर निकल गए, जबकि मिराज-2000 के पायलट की मौत हो गई. घटना पहाड़गढ़ थाना इलाके के मानपुर ईश्वरा महादेव के जंगलों की है.
उड्डयन क्षेत्र के इतिहासकार अंचित गुप्ता ने ट्वीट किया कि आसमान में टकराने की घटना असामान्य नहीं है और भारत में हमने पिछले 70 से अधिक वर्षों में इस तरह की घटनाओं में कम से कम 64 विमान और 39 पायलट गंवाये है. उन्होंने कहा कि देश ने आसमान में टकराने की घटना में 11 मिग-21 विमान गंवाए हैं, जबकि ऐसी घटना में गंवाये गए हंटर और जगुआर विमानों की संख्या क्रमश: आठ और पांच है.
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, मार्च 2017 और दिसंबर 2021 के बीच, 15 सैन्य हेलीकॉप्टरों से जुड़े हादसों में 31 लोगों की जान चली गई, जिसमें चार एएलएच, चार चीता, दो एएलएच (डब्ल्यूएसआई), तीन एमआई-17वी5, एक एमआई-17 और एक चेतक शामिल था. इन 15 दुर्घटनाओं के मृतकों में 8 दिसंबर, 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हुई एक दुर्घटना में जान गंवाने वाले 14 व्यक्ति शामिल हैं. उक्त दुर्घटना में तत्कालीन प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और सशस्त्र बल के 12 कर्मियों ने अपनी जान गंवा दी थी. उक्त अवधि में हुई दुर्घटनाओं में सेना और भारतीय वायुसेना के सात-सात हेलीकॉप्टर शामिल थे, जबकि इनमें नौसेना का भी एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ.
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