नई दिल्ली: संसद में गतिरोध जारी है. सरकार की कोशिशों के बावजूद संसद ने काम नहीं हो पा रहा. मंगलवार को लोकसभा स्पीकर ने विपक्षी दलों के फ्लोर लीडर्स की बैठक भी बुलाई. इस बैठक में भी डेडलॉक खत्म करने पर समाधान नहीं निकल पाया, क्योंकि विपक्षी पार्टियां अपनी मांग पर अड़ी रहीं. वहीं इस हंगामे के बीच लोकसभा में आज जैव विविधता संशोधन बिल पर चर्चा हुई और सदन ने जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक पारित भी कर दिया.
इसके अलावा सोमवार को भी संसद में तीन बिल पारित किए गए थे. हंगामे के बीच लोकसभा में आज जैव विविधता संशोधन बिल पर चर्चा हुई और सदन ने जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया. पिछले कई सत्र से संसद में महत्वपूर्ण बिल बगैर विपक्ष के ही पारित कर दिए गए. मानसून सत्र 11अगस्त तक है और इस दौरान 17 बैठकें होनी है. सरकार को इस मानसून सत्र में 31 बिल लाना है, इनमें 21 नए बिल हैं, जबकि 10 बिल पहले संसद में किसी एक सदन में पेश हो चुके है, जिन पर चर्चा बाकी हैं.
सबसे ज्यादा चर्चित बिल दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश है. यदि देखा जाए तो सरकार बगैर विपक्ष के अभी तक पांच बिल पास करवा चुकी है. बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी (संशोधन) बिल 2022, जन विश्वास (संशोधन) बिल-2023, मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसाइटीज (संशोधन) बिल 2022, डीएनए टेक्नोलॉजी रेगुलेशन बिल 2019, रिपीलिंग एंड एमेंडमेंट बिल 2022, फॉरेस्ट कंजर्वेशन एमेंडमेंट बिल 2023, मीडिएशन बिल 2021, सिनेमेटोग्रॉफ संशोधन बिल 2019, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (तीसरा संशोधन) बिल 2022, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (चौथा संशोधन) बिल 2022.
ये वो बिल हैं, जिनमें चर्चा होनी थी. इनमे से बायोलॉजिकल डाइवरेटी बिल, मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसाइटी बिल सदन से पास हो चुके हैं. इसके अलावा डेंटल बिल भी सदन में इंट्रोड्यूस किए जा चुके हैं. कुल मिलाकर पांच बिल सदन से पारित हो चुके हैं और जो महत्वपूर्ण विषय हैं वो दिल्ली पर अध्यादेश, यूसीसी पर चर्चा, राहुल गांधी के सांसदी जाने संबंधी विषय आदि हैं. मगर विपक्ष के तेवर देखते हुए ऐसा लगता है कि ना तो विपक्ष को इन विधेयकों में अपनी उपस्थिति दर्ज करने की चिंता है और ना ही सरकार लोकतांत्रिक ढंग से बिल पास करवाना चाहती है.
लिहाजा बार-बार सरकार की कोशिश और विभिन्न मंत्रियों के विपक्ष के साथ बातचीत और यहां तक की चिट्ठी लिखने के बावजूद भी मणिपुर पर विपक्ष संसद चलने देने को तैयार नहीं है. मंगलवार को जहां सभी विपक्षी पार्टियों की फ्लोर मीटिंग में भी स्पीकर ने कोशिश की, वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी विपक्षी नेताओं से बात की. यही नहीं गृह मंत्री ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन को पत्र तक लिखा.
बावजूद इसके विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा और प्रधानमंत्री से सदन में मणिपुर पर जवाब मांगता रहा, जबकि सरकार ने दो टूक कह दिया कि जवाब गृह मंत्री ही देंगे. यहीं नहीं सूत्रों की माने तो पीएम ने भी भाजपा सांसदों से कहा कि वो अपने काम पर ध्यान दें. विपक्ष को हंगामा करने दें. साथ ही उन्होंने यहां तक कह दिया कि ऐसा दिशाहीन विपक्ष देश में पहली बार देखा गया है और लगता है साल 2024 के बाद भी इन्हें विपक्ष में ही रहना है.
बहरहाल लगातार हंगामे में धुल रहा संसद के इस सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या यूं कहें सरकार ने भी साफ संकेत दे दिए हैं कि विपक्ष हाउस को ऑर्डर में लाए या हंगामा जारी रखे, मगर चुनाव में अब समय कम है और इस हंगामे में विद्या कार्यों को रोका नहीं जा सकता.