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आईएसआई के लिए जासूसी करने के मामले में सेना के दो जवान गिरफ्तार : पंजाब पुलिस

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी के आरोप में दो जवानों (two army jawans held) को गिरफ्तार किया गया है. एक आरोपी अनंतनाग में तैनात था जबकि दूसरा करगिल में लिपिक के रूप में कार्यरत था. पढ़ें पूरी खबर.

दो जवान गिरफ्तार
दो जवान गिरफ्तार
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Published : Jul 6, 2021, 9:30 PM IST

चंडीगढ़: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के लिए कथित रूप से जासूसी (spying) करने के मामले में सेना के दो जवानों को गिरफ्तार किया गया है. पंजाब पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

आरोपियों की पहचान सिपाही हरप्रीत सिंह (23) और सिपाही गुरभेज सिंह (23) के रूप में की गई है. हरप्रीत जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में तैनात था और 19 राष्ट्रीय राइफल्स से जुड़ा था, वहीं गुरभेज करगिल में लिपिक के रूप में कार्यरत था और 18 सिख लाइट इन्फेंट्री से संबंधित था.

पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता ने कहा कि दोनों आरोपी देश की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित 900 से अधिक गोपनीय दस्तावेजों की तस्वीरें सीमापार तस्कर रणवीर सिंह को फरवरी से मई 2021 के बीच चार महीने के अंतराल में साझा कर चुके हैं. रणवीर सिंह उन्हें पाकिस्तान के खुफिया अफसरों को भेज चुका है.

गुप्ता ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवीन सिंगला के नेतृत्व में जालंधर ग्रामीण पुलिस ने स्वापक एवं मन:प्रभावी तत्व (एनडीपीएस) के एक मामले की जांच के दौरान रणवीर सिंह से भारतीय सेना के कामकाज और तैनाती से संबंधित गोपनीय दस्तावेज बरामद किये थे. रणवीर सिंह को 24 मई को 70 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था.

गुप्ता ने कहा कि पूछताछ के दौरान रणवीर सिंह ने खुलासा किया कि उसने हरप्रीत सिंह से ये दस्तावेज प्राप्त किये जो उसका दोस्त हैं. दोनों एक ही गांव के हैं.

दोस्त को भी लालच में फंसाया

उन्होंने आरोप लगाया, 'रणवीर ने हरप्रीत सिंह को रक्षा से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों को साझा करने के लिए आर्थिक फायदे देने का प्रलोभन दिया, जिसके बाद हरप्रीत ने अपने दोस्त गुरभेज सिंह को भी ऐसी राष्ट्र विरोधी जासूसी गतिविधियों में शामिल कर लिया.'

डीजीपी के हवाले से यहां एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि चूंकि गुरभेज करगिल में 121 इन्फेंट्री ब्रिगेड मुख्यालय में लिपिक के रूप में कार्यरत था, इसलिए वह भारतीय सेना से जुड़ी सामरिक जानकारी वाले इन गोपनीय दस्तावेजों को आसानी से हासिल कर सकता था.

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि रणवीर सिंह इन गोपनीय दस्तावेजों को पाकिस्तान आईएसआई के ओहदेदारों को सीधे या अमृतसर के दाउके गांव के मादक पदार्थ तस्कर गोपी के माध्यम से भेजता था. गोपी के पाकिस्तान में मादक पदार्थ तस्कर गिरोहों और आईएसआई अफसरों से संपर्क थे.

रणवीर सिंह के खुलासे के बाद पुलिस ने गोपी को गिरफ्तार कर लिया जिसने गोपनीय दस्तावेज पाकिस्तान के मादक पदार्थ तस्करों को भेजने की बात कबूल की है. इनमें से एक तस्कर की पहचान कोठर के रूप में की गयी है. दूसरा पाकिस्तान आईएसआई का कथित सदस्य सिकंदर है. दस्तावेजों के बदले वे हेरोइन और पैसा देते थे.

एप की मदद से तस्वीरें भेजते थे

डीजीपी ने बताया कि गोपनीय दस्तावेजों की तस्वीरें कुछ एनक्रिप्टेन (कूट भाषा वाले सुरक्षित) एप से भेजी जाती थीं. डीजीपी ने कहा कि प्रारंभिक जांच-पड़ताल के अनुसार अमृतसर के चीचा गांव के हरप्रीत सिंह और पंजाब के तरण तारण के पुनियां गांव के रहने वाले गुरभेज को गोपनीय जानकारी साझा करने के ऐवज में आर्थिक फायदे मिले. उन्होंने कहा कि रणवीर सिंह ने हरप्रीत सिंह को रकम दी जिसने इसे गुरभेज सिंह के खाते में हस्तांतरित किया.

पढ़ें- लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर मेडिकल यूनिवर्सिटी की नई कुलपति बनीं

हरप्रीत सिंह 2017 में सेना में शामिल हुआ था वहीं गुरभेज सिंह 2015 में सेना में शामिल हुआ था. एसएसपी सिंगला ने बताया कि सेना के अधिकारियों ने दोनों आरोपियों को जालंधर ग्रामीण पुलिस के सुपुर्द कर दिया था और अन्य किसी आरोपी की संलिप्तता का पता लगाने के लिए आगे की जांच की जा रही है.

चंडीगढ़: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के लिए कथित रूप से जासूसी (spying) करने के मामले में सेना के दो जवानों को गिरफ्तार किया गया है. पंजाब पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

आरोपियों की पहचान सिपाही हरप्रीत सिंह (23) और सिपाही गुरभेज सिंह (23) के रूप में की गई है. हरप्रीत जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में तैनात था और 19 राष्ट्रीय राइफल्स से जुड़ा था, वहीं गुरभेज करगिल में लिपिक के रूप में कार्यरत था और 18 सिख लाइट इन्फेंट्री से संबंधित था.

पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता ने कहा कि दोनों आरोपी देश की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित 900 से अधिक गोपनीय दस्तावेजों की तस्वीरें सीमापार तस्कर रणवीर सिंह को फरवरी से मई 2021 के बीच चार महीने के अंतराल में साझा कर चुके हैं. रणवीर सिंह उन्हें पाकिस्तान के खुफिया अफसरों को भेज चुका है.

गुप्ता ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवीन सिंगला के नेतृत्व में जालंधर ग्रामीण पुलिस ने स्वापक एवं मन:प्रभावी तत्व (एनडीपीएस) के एक मामले की जांच के दौरान रणवीर सिंह से भारतीय सेना के कामकाज और तैनाती से संबंधित गोपनीय दस्तावेज बरामद किये थे. रणवीर सिंह को 24 मई को 70 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था.

गुप्ता ने कहा कि पूछताछ के दौरान रणवीर सिंह ने खुलासा किया कि उसने हरप्रीत सिंह से ये दस्तावेज प्राप्त किये जो उसका दोस्त हैं. दोनों एक ही गांव के हैं.

दोस्त को भी लालच में फंसाया

उन्होंने आरोप लगाया, 'रणवीर ने हरप्रीत सिंह को रक्षा से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों को साझा करने के लिए आर्थिक फायदे देने का प्रलोभन दिया, जिसके बाद हरप्रीत ने अपने दोस्त गुरभेज सिंह को भी ऐसी राष्ट्र विरोधी जासूसी गतिविधियों में शामिल कर लिया.'

डीजीपी के हवाले से यहां एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि चूंकि गुरभेज करगिल में 121 इन्फेंट्री ब्रिगेड मुख्यालय में लिपिक के रूप में कार्यरत था, इसलिए वह भारतीय सेना से जुड़ी सामरिक जानकारी वाले इन गोपनीय दस्तावेजों को आसानी से हासिल कर सकता था.

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि रणवीर सिंह इन गोपनीय दस्तावेजों को पाकिस्तान आईएसआई के ओहदेदारों को सीधे या अमृतसर के दाउके गांव के मादक पदार्थ तस्कर गोपी के माध्यम से भेजता था. गोपी के पाकिस्तान में मादक पदार्थ तस्कर गिरोहों और आईएसआई अफसरों से संपर्क थे.

रणवीर सिंह के खुलासे के बाद पुलिस ने गोपी को गिरफ्तार कर लिया जिसने गोपनीय दस्तावेज पाकिस्तान के मादक पदार्थ तस्करों को भेजने की बात कबूल की है. इनमें से एक तस्कर की पहचान कोठर के रूप में की गयी है. दूसरा पाकिस्तान आईएसआई का कथित सदस्य सिकंदर है. दस्तावेजों के बदले वे हेरोइन और पैसा देते थे.

एप की मदद से तस्वीरें भेजते थे

डीजीपी ने बताया कि गोपनीय दस्तावेजों की तस्वीरें कुछ एनक्रिप्टेन (कूट भाषा वाले सुरक्षित) एप से भेजी जाती थीं. डीजीपी ने कहा कि प्रारंभिक जांच-पड़ताल के अनुसार अमृतसर के चीचा गांव के हरप्रीत सिंह और पंजाब के तरण तारण के पुनियां गांव के रहने वाले गुरभेज को गोपनीय जानकारी साझा करने के ऐवज में आर्थिक फायदे मिले. उन्होंने कहा कि रणवीर सिंह ने हरप्रीत सिंह को रकम दी जिसने इसे गुरभेज सिंह के खाते में हस्तांतरित किया.

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हरप्रीत सिंह 2017 में सेना में शामिल हुआ था वहीं गुरभेज सिंह 2015 में सेना में शामिल हुआ था. एसएसपी सिंगला ने बताया कि सेना के अधिकारियों ने दोनों आरोपियों को जालंधर ग्रामीण पुलिस के सुपुर्द कर दिया था और अन्य किसी आरोपी की संलिप्तता का पता लगाने के लिए आगे की जांच की जा रही है.

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