तिरुपति : तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी), जो तिरुमाला में सबसे अमीर मंदिर के मामलों का प्रबंधन करता है, ने 2021-22 के लिए 2,937 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है. शनिवार देर रात वाई.वी. सुब्बा रेड्डी की अध्यक्षता में टीटीडी बोर्ड की एक अहम बैठक हुई जिसमें इस बजट को मंजूरी प्रदान की गई. अगले वित्त वर्ष का बजट 2020-21 के संशोधित अनुमान से 10 प्रतिशत अधिक है.
मंदिर निकाय ने 2020-21 में हुंडी और अन्य पूंजी प्राप्तियों से 1,131 करोड़ रुपये के आय का अनुमान लगाया है. कुटीर दान योजना के तहत गैर-लाभकारी संपत्तियों और खाली कॉटेज के लिए 100 करोड़ रुपये मुद्रीकरण निधि की भी संभावना जताई है.
ब्याज प्राप्तियों का अनुमान 533 करोड़ रुपये है, जबकि प्रसादम से कमाई 375 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है. दर्शनम से प्राप्तियां 210 करोड़ रुपये और कल्याणटक्का से 131 करोड़ रुपये की प्राप्ति का अनुमान है.
बोर्ड ने यह भी निर्णय किया है कि यदि अयोध्या राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट टीटीडी को जमीन आवंटित करने के लिए आगे आता है तो वह अयोध्या में श्रीवारी मंदिर या भजन मंदिरम या सुविधा-केंद्र का निर्माण कर सकता है.
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टीटीडी ने यह भी घोषणा की कि मुंबई और जम्मू में श्रीवारी मंदिरों के निर्माण के लिए जल्द ही भूमिपूजन किया जाएगा. इसने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की भी अनुमति दी है और वह केंद्र से भी ऐसा करने की सिफारिश करेगा.
चिकित्सा सलाह के बाद बोर्ड ने सभी टीटीडी कर्मचारियों को कोविड का टीका लगाने का भी निर्णय लिया. बोर्ड ने 14 अप्रैल से तिरुमाला मंदिर में अर्जिता सेवा को फिर से शुरू करने का फैसला किया है.
बोर्ड ने टीटीडी द्वारा संचालित सभी छह वेद पाठशालाओं को श्री वेंकटेश्वर वेद विज्ञान पीठम के नाम से रखने के प्रस्ताव का समर्थन किया और वर्तमान में सभी पाथशालाओं में वैदिक शिक्षकों के पारिश्रमिक को 22,000 से 35,150 रुपये तक बढ़ा दिया.