हैदराबाद : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने शनिवार को टीआरएस सांसदों को राज्य के प्रति केंद्र सरकार के ‘पक्षपातपूर्ण रवैये’ का कड़ा विरोध करने के लिए संसद के दोनों सदनों में आवाज उठाने का निर्देश दिया. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है. संसद का मॉनसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होने के मद्देनजर राव ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) संसदीय दल की बैठक की. राव ने स्पष्ट किया कि यदि आवश्यक हुआ, तो वह दिल्ली जाएंगे और विपक्षी दलों के नेताओं और सांसदों के साथ बातचीत करेंगे, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र के खिलाफ लड़ाई में एक साथ आने को तैयार हैं.
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विज्ञप्ति के मुताबिक टीआरएस सांसदों को निर्देश दिया गया कि वे संसद सत्र के दौरान केंद्र द्वारा पेश किए जाने वाले किसी भी ‘जनविरोधी’ विधेयक को अस्वीकार करें. राव ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा अपनाई जा रही 'जनविरोधी नीतियों' के कारण कई क्षेत्रों में विकास ठप है. राव ने आगे आरोप लगाया कि वित्तीय मुद्दों पर केंद्र और तेलंगाना से संबंधित गोपनीय जानकारी भाजपा के सोशल मीडिया समूहों को लीक की जा रही है.
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राव के मुताबिक, तेलंगाना उन आठ राज्यों में से एक है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अधिकतम योगदान करते हैं. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम (एफआरबीएम) की सीमा के तहत, तेलंगाना 53,000 करोड़ रुपये उधार लेने के योग्य हैं, लेकिन बाद में केंद्र ने इसे घटाकर 23,000 करोड़ रुपये कर दिया. राव ने सांसदों से संसद में भाजपा के 'असली रंग' को 'उजागर' करने को कहा.