पटना : लोक जनशक्ति पार्टी में घमासान जारी है. संसदीय दल के नेता के बाद चिराग पासवान को एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से भी हटाया गया. एलजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में सूरजभान सिंह को कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया है.
इसी बीच खबर आ रही है कि चिराग के समर्थकों ने पटना में पार्टी कार्यालय के बाहर हंगामा किया है. चिराग समर्थकों ने पशुपति कुमार पारस सहित लोजपा के पांच सांसदों के पोस्टरों पर काली स्याही पोती है. इन लोगों ने संसदीय दल के नेता पशुपति कुमार पारस के विरोध में जोरदार नारेबाजी की.
चिराग ने पांच बागी सांसदों को पार्टी से निकाला
चिराग पासवान ने पार्टी के सभी पांच बागी सांसदों को पार्टी से निकाल दिया है. चिराग ने अपने गुट के कार्यकारिणी के सदस्यों की बैठक बुलाई थी. कई लोग इस बैठक में वर्चुअल माध्यम से भी जुड़े थे. बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सभी बागी सांसद पार्टी से बाहर होंगे. इस बात का एलान बिहार लोजपा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू तिवारी ने किया.
उन्होंने कहा कि असली लोजपा हम हैं. स्वर्गीय राम विलास पासवान की ये पार्टी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान हैं. बागी गुट क्या निर्णय ले रहा है ? किसको अध्यक्ष बना रहा है? इससे हम लोगों को कोई मतलब नहीं है. यह लोग सिर्फ जनता को गुमराह कर रहे हैं. उनके पास कोई पावर नहीं है.
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पशुपति पारस 'मुर्दाबाद' के नारे
चिराग पासवान के समर्थन में उतरे इन कार्यकर्ताओं ने पशुपति पारस मुर्दाबाद के नारे लगाए. इन लोगों का गुस्सा उपाध्यक्ष सुरजभान सिंह, नवादा से सांसद चंदन सिंह, खगड़िया से सांसद महबूब अली कैसर, वैशाली से सांसद वीणा देवी और समस्तीपुर के सांसद प्रिंस राज के खिलाफ भी दिखा.
नीतीश के शह पर 'गद्दारी'!
आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पशुपति पारस समेत सभी पांचों सांसदों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर एलजेपी को तोड़ा है.
चिराग के साथ कार्यकर्ता
इन लोगों का दावा है कि प्रदेश का हर आम कार्यकर्ता आज भी चिराग पासवान के साथ है. इनके मुताबिक नीतीश कुमार के शह पर पशुपति पारस ने जिस साजिश को अंजाम दिया है, वह कभी कामयाब नहीं होगा. क्योंकि रामविलास पासवान के असली उत्तराधिकारी चिराग पासवान ही हैं. हम सब उनके साथ हैं और आगे भी रहेंगे.
गौरतलब है कि एलजेपी (LJP) में तख्तापलट करने और संसदीय दल का नेता बनने के बाद पशुपति कुमार पारस ( Pashupati Kumar Paras) ने दिल्ली में कार्यसमिति के कुछ सदस्यों के साथ बैठक की.
Live Update...
- चिराग पासवान ने ट्विट करते हुए चाचा पशुपति पारस पर निशाना साधा, साथ ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी बुलाई.
- इधर, पशुपति गुट ने एलजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में सूरजभान सिंह को कार्यकारी अध्यक्ष चुना.
- पांच दिन के भीतर होगा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव
- सूरजभान सिंह की अध्यक्षता में होगी मीटिंग
- सूरजभान सिंह की अध्यक्षता में होगी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
- नये अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया सूरजभान सिंह की अध्यक्षता में होगी
- पशुपति पारस आज शाम में दिल्ली में लोजपा कार्यसमिति के सदस्यों, बागी सांसदों के साथ बैठक करेंगे.
- संसदीय दल का नेता बनाने के बाद अब उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की तैयारी चल रही है. आज की बैठक में उसपर ही मंथन होगा.
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी पटना में 2-3 दिन में होगी. जिसमें बिहार व राष्ट्रीय पदाधिकारियों के अलावा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहेंगे.
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी की होने वाली बैठक की रुप रेखा आज कार्यसमिति की बैठक में तय होगी.
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ही पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जायेगा.
- लोजपा पार्टी के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का अधिकार है.
- आज की बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूरज भान सिंह भी रहेंगे. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का ऐलान आज की बैठक में वह कर सकते हैं
खबर ये भी है कि एलजेपी की तरफ से दो-तीन दिन में पटना में ही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जाएगी. इस मीटिंग में पार्टी के सभी राष्ट्रीय और बिहार के पदाधिकारियों समेत राष्ट्रीय कार्यकारिणी ( LJP national executive ) के सदस्यों को बुलाया जाएगा. इस अहम बैठक में चिराग पासवान ( Chirag Paswan ) की जगह पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाएगा. उसके बाद पशुपति पारस चुनाव आयोग ( Election Commission ) का भी रुख करेंगे.
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लोजपा संसदीय दल के नए नेता पशुपति पारस
इससे पहले सोमवार को एलजेपी से बगावत करने वाले पशुपति पारस को सर्वसम्मति से लोकसभा में पार्टी संसदीय दल का नेता ( Leader of the Party Parliamentary In Loksabha ) चुना गया. बता दें कि चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस समेत पांच सांसदों ने पार्टी से बगावत कर दी है. एलजेपी के बागी पांचों सांसद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी मिले.
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पार्टी तोड़ी नहीं बल्कि बचाई है : पारस
एलजेपी में बगावत के बाद पशुपति कुमार पारस ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हमारी पार्टी में 6 सांसद हैं. 5 सांसदों की इच्छा थी कि पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है, ऐसे में नेतृत्व को परिवर्तित किया जाए. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम तीनों भाइयों में बहुत बनती थी लेकिन राम विलास के निधन के बाद मैं अकेला महसूस कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि हमने पार्टी तोड़ी नहीं बल्कि बचाई है.
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सोमवार को क्या-क्या हुआ था...
- वीणा देवी से JDU सांसद ललन सिंह ने की मुलाकात.
- वीणा देवी के आवास पर दोनों के बीच हुई बातचीत.
- एलजेपी संसदीय दल के नेता चुने गए पशुपति पारस.
- एलजेपी के पांच सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा था पत्र.
- चाचा पशुपति पारस के घर से निकले चिराग पासवान.
- करीब 25 मिनट इंतजार करने के बाद घर में हुए दाखिल.
- खुद गाड़ी चलाकर पशुपति पारस के घर पहुंचे चिराग.
- बताया गया कि घर पर नहीं हैं पशुपति पारस.
- काफी देर कैंपस में ही गाड़ी में बैठे रहे चिराग पासवान.
- 15 मिनट तक नहीं खोला गया गेट.
- चाचा पशुपति पारस के घर पहुंचे चिराग पासवान.
कौन हैं LJP के वो पांचों सांसद?
बागी गुट ने, रामविलास पासवान के भाई और चिराग के चाचा पशुपति पारस लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता बनाने का फैसला किया है. इस संबंध में पांचों सांसदों ने लोक सभा के स्पीकर ओम बिड़ला को पत्र भी भेज दिया है. पत्र के माध्यम से ओम बिड़ला से मांग की है कि उन्हें एलजेपी से अलग मान्यता दी जाए. और आखिरकार लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और प्रिंस राज की चिराग से राहें जुदा हो गयी हैं. जानिए कौन हैं ये पांचों सांसद?
कौन हैं पशुपति कुमार पारस?
पशुपति कुमार पारस अलौली से पांच बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने जेएनपी उम्मीदवार के रूप में 1977 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता. तब से वे एलकेडी, जेपी और एलजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं. उन्होंने बिहार सरकार में पशु और मछली संसाधन विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया. हाजीपुर से 2019 का संसदीय चुनाव जीता और संसद के सदस्य बने. इसके अलावा, वे लोक जनशक्ति पार्टी की बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
कौन हैं प्रिंस राज?
समस्तीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं. वे बिहार एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. 25 साल की उम्र में प्रिंस ने वर्ष 2015 में समस्तीपुर के रोसड़ा विधानसभा चुनाव लड़ा. हालांकि तब उन्हें चुनाव में शिकस्त मिली. प्रिंस राज अपने पिता रामचंद्र पासवान के साथ लगातार राजनीति में सक्रिय रहे. पिता रामचंद्र पासवान के निधन के बाद उप चुनाव में प्रिंस राज समस्तीपुर में एलजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और शानदार जीत हासिल की.
महबूब अली कैसर के बारे में क्या जानते हैं आप?
चौधरी महबूब अली कैसर कांग्रेस से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. वह बिहार के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय चौधरी सलाहुद्दीन के पुत्र हैं. उन्होंने बिहार सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है. 2014 के आम चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल हो गए. वे फिलहाल खगड़िया से सांसद हैं.
कौन हैं वीणा देवी?
वीणा देवी वैशाली लोकसभा सीट से सांसद हैं. वह बिहार विधानसभा की सदस्य भी रह चुकी हैं. 2019 आम चुनाव में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर वैशाली से चुनाव लड़ा और आरजेडी नेता दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह को हराकर लोक सभा पहुंची.
चंदन सिंह के बारे में क्या जानते हैं आप?
चंदन सिंह नवादा लोकसभा सीट से सांसद है. इनकी सबसे बड़ी पहचान ये है कि ये सूरजभान सिंह के भाई हैं. सूरजभान सिंह एलजेपी नेता सह पूर्व सांसद हैं.
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