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त्रिपुरा में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 90 से ज्यादा मामलों की पुष्टि

त्रिपुरा में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 90 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हुई है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसे चिंता का विषय बताया है. बता दें कि कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट देश में तेजी से फैल रहा है, जिससे तीसरी लहर आने की संभावना जताई जा रही है.

डेल्टा प्लस वेरिएंट
डेल्टा प्लस वेरिएंट
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Published : Jul 10, 2021, 7:21 AM IST

Updated : Jul 10, 2021, 10:24 AM IST

अगरतला : देशभर में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. त्रिपुरा में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है. पूर्वोत्तर भारत के इस राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 90 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं.

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि त्रिपुरा ने जीनोम अनुक्रमण (genome sequencing) के लिए 151 आरटी-पीसीआर नमूने पश्चिम बंगाल भेजे थे. इनमें से 90 से ज्यादा नमूनों में डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि हुई है. अधिकारियों का कहना है कि यह चिंता का विषय है.

स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, नया डेल्टा प्लस वेरिएंट अधिक संक्रामक है, साथ ही तेजी से अपनी पैठ बना रहा है. टीकाकरण के बाद भी, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कम करता है. इसे देखते हुए कोविड संक्रमण की पहचान और इलाज बेहद जरूरी हो जाता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेल्टा प्लस वेरिएंट में डेल्टा स्वरूप की तुलना में एक अतिरिक्त उत्परिवर्तन है; इस उत्परिवर्तन को के417एन उत्परिवर्तन नाम दिया गया है. 'प्लस' का मतलब है कि डेल्टा संस्करण में एक अतिरिक्त उत्परिवर्तन हुआ है. इसका मतलब यह नहीं है कि डेल्टा प्लस संस्करण डेल्टा संस्करण की तुलना में अधिक गंभीर या संक्रामक है.

यह भी पढ़ें- 'डेल्टा प्लस' वेरिएंट से कितना खतरा? IGMC के एमएस ने कही ये बात

डेल्टा प्लस वेरिएंट को इसकी बढ़ी हुई संप्रेषणीयता, फेफड़ों की कोशिकाओं के रिसेप्टर्स के लिए मजबूत बंधन, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी प्रतिक्रिया में संभावित कमी, और संभावित पोस्ट टीकाकरण प्रतिरक्षा पलायन के कारण 'चिंता के संस्करण' के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

अगरतला : देशभर में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. त्रिपुरा में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है. पूर्वोत्तर भारत के इस राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 90 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं.

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि त्रिपुरा ने जीनोम अनुक्रमण (genome sequencing) के लिए 151 आरटी-पीसीआर नमूने पश्चिम बंगाल भेजे थे. इनमें से 90 से ज्यादा नमूनों में डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि हुई है. अधिकारियों का कहना है कि यह चिंता का विषय है.

स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, नया डेल्टा प्लस वेरिएंट अधिक संक्रामक है, साथ ही तेजी से अपनी पैठ बना रहा है. टीकाकरण के बाद भी, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कम करता है. इसे देखते हुए कोविड संक्रमण की पहचान और इलाज बेहद जरूरी हो जाता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेल्टा प्लस वेरिएंट में डेल्टा स्वरूप की तुलना में एक अतिरिक्त उत्परिवर्तन है; इस उत्परिवर्तन को के417एन उत्परिवर्तन नाम दिया गया है. 'प्लस' का मतलब है कि डेल्टा संस्करण में एक अतिरिक्त उत्परिवर्तन हुआ है. इसका मतलब यह नहीं है कि डेल्टा प्लस संस्करण डेल्टा संस्करण की तुलना में अधिक गंभीर या संक्रामक है.

यह भी पढ़ें- 'डेल्टा प्लस' वेरिएंट से कितना खतरा? IGMC के एमएस ने कही ये बात

डेल्टा प्लस वेरिएंट को इसकी बढ़ी हुई संप्रेषणीयता, फेफड़ों की कोशिकाओं के रिसेप्टर्स के लिए मजबूत बंधन, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी प्रतिक्रिया में संभावित कमी, और संभावित पोस्ट टीकाकरण प्रतिरक्षा पलायन के कारण 'चिंता के संस्करण' के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

Last Updated : Jul 10, 2021, 10:24 AM IST
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