अगरतला : त्रिपुरा के उच्च न्यायालय ने टीटीएएडीसी चुनावों में देरी से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को राज्य सरकार, त्रिपुरा के राज्यपाल के प्रमुख सचिव, राज्य चुनाव आयोग, त्रिपुरा ट्राइबल एरियास ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट (टीटीएएडीसी) के प्रशासक और भारतीय निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किए. हाई कोर्ट ने टीटीएएडीसी चुनावों में देरी को लेकर जवाब मांगा है.
मामले की जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील मिंटू देबबर्मा ने कहा कि आप सभी टीटीएएडीसी के विकास के बारे में जानते थे और इस स्वायत्त निकाय के चुनाव लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए कैसे टाल दिए गए थे. पिछले निर्वाचित निकाय का कार्यकाल पिछले 17 मई को समाप्त हो गया और कोविड19 के प्रसार का हवाला देते हुए सरकार ने चुनाव नहीं कराए. इसके बाद राज्यपाल नियुक्त प्रशासक ने छह महीने के लिए पदभार ग्रहण किया. इसके बाद एक बार फिर 17 नवंबर को छह महीने की अवधि के लिए अंतिम बार प्रशासक का कार्यकाल बढ़ाया गया.
उन्होंने बताया कि टीटीएएडीसी क्षेत्र के निवासी और एक सामाजिक रूप से जागरूक नागरिक अप्पू देबबर्मा ने टीटीएएडीसी के तत्काल चुनावों की मांग करते हुए अदालत का रुख किया. उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि अगर बिहार, मध्य प्रदेश और असम के बीटीसी जैसे राज्यों में चुनाव हो सकते हैं, तो त्रिपुरा सरकार समय पर चुनाव कराने से क्यों रोक रही है.
उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने जिन राज्यों में चुनाव होने हैं उनके लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किए थे. हाल के दिनों में जो चुनाव हुए, वे उसी के बाद हुए थे. न्यायमूर्ति एस.जी. चट्टोपाध्याय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले में उत्तरदाताओं को नोटिस जारी कर जवाब मांगे हैं. इस मामले में पांच जनवरी को अगली सुनवाई होगी.
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याचिका का मकसद बताते हुए उन्होंने कहा, 'हमने कोर्ट से आग्रह किया है कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि वे भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा लगाए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए तुरंत चुनाव कराएं.'