कोलकाता : पश्चिम बंगाल में इन दिनों नेताओं द्वारा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) छोड़कर भाजपा में शामिल होना कोई नई बात नहीं है. लेकिन जो बात नई है कि हताश नेता भाजपा में शामिल होने के बाद सारे आरोप सत्तारूढ़ टीएमसी पर मढ़ देते हैं और खुद को साफ-सुथरा बताते हैं. साथ ही वह भाजपा समर्थकों और नेताओं के सामने अपनी गलतियों को लेकर माफी मांगते हैं. शुभेंदु अधिकारी समेत भाजपा में शामिल होने वाले सभी नेता कहते हैं, 'मैंने गलती की थी.'
कुछ ऐसा ही नाटकीय दृश्य गुरुवार को पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले के पिंगला में भाजपा की जनसभा में देखने को मिला. इस जनसभा में शुभेंदु अधिकारी की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष सुशांत पाल ने भाजपा का दामन थामा. इस दौरान उन्होंने भाजपा समर्थकों के सामने कान पकड़ कर उठक-बैठक लगाई और अपनी गलतियों के लिए माफी मांगी.
बता दें कि सुशांत पाल वर्ष 1998 से टीएमसी से जुड़े हुए थे. वह तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मदन मित्रा के करीबी थे. साथ ही पाल टीएमसी नेता अजीत मौती और विश्वजीत मुखोपाध्याय के भी घनिष्ठ थे. दोनों पूर्वी मिदनापुर में शुभेंदु अधिकारी के कट्टर विरोधी प्रतिद्वंद्वी माने जाते थे.
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पाल ने शुभेंदु अधिकारी की कई बैठकों में भी भाग लिया है और जिले में तृणमूल कांग्रेस की संगठनात्मक गतिविधियों में भी काफी सक्रिय थे. पाल ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा कि वह जिले में तृणमूल कांग्रेस का जनाधार पूरी तरह से खत्म करने की शपथ ले रहे हैं.