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तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुब्रत मुखर्जी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री सुब्रत मुखर्जी का शुक्रवार शाम को यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. बता दें कि राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार की रात एक सरकारी अस्पताल में हृदय गति रुकने से 75 वर्षीय मंत्री की मृत्यु के बाद सात दिन के शोक की घोषणा की.

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Published : Nov 5, 2021, 10:09 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पंचायत मंत्री रहे सुब्रत मुखर्जी को अंतिम विदाई देने के लिए शुक्रवार को यहां रवींद्र सदन में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता एकत्र हुए. मुखर्जी का हृदय गति रुकने से एक सरकारी अस्पताल में बृहस्पतिवार को निधन हो गया था. शहर के दक्षिण काेलकाता के केवड़ातल्ला श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिन्होंने कोलकाता के पूर्व मेयर के निधन को बड़ी व्यक्तिगत क्षति बताया था, उनके भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मुखर्जी को पुष्पांजलि अर्पित की, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया.

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं फिरहाद हकीम और अरूप विश्वास, कांग्रेस के अब्दुल मन्नान और प्रदीप भट्टाचार्य के साथ-साथ भाजपा के दिलीप घोष और राहुल सिन्हा ने कोलकाता के पूर्व मेयर को श्रद्धांजलि दी. माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा और पार्टी प्रवक्ता सुजान चक्रवर्ती ने भी मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित की.

हकीम ने कहा, मैं सुब्रत दा को देखकर बड़ा हुआ हूं. वह मेरे बचपन के हीरो थे. ऐसे कई उदाहरण हैं जब मैंने उनसे सलाह के लिए संपर्क किया और उन्होंने हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया. मैंने अपने बड़े भाई को खो दिया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपाध्यक्ष घोष ने कहा, बंगाल की राजनीति में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा. वे बंगाल की राजनीति के ‘भीष्म पितामह’ थे. यह हम सभी के लिए एक बड़ी क्षति है. वयोवृद्ध नेता के हजारों प्रशंसक और समर्थक भी अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए रवींद्र सदन में एकत्रित हुए.

उद्योगपति संजीव गोयनका ने अपने शोक संदेश में कहा, सुब्रत मुखर्जी के रूप में हमने एक बहुत अच्छे और काबिल नेता को खो दिया. व्यक्तिगत स्तर पर मैं उन्हें 35 वर्षों से अधिक समय से जानता था. यह बहुत गहरी व्यक्तिगत क्षति है. मुखर्जी (75) को 24 अक्टूबर को सांस लेने में परेशानी के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मुखर्जी की एक नवंबर को ‘एंजियोप्लास्टी’ हुई थी और उनके दिल की धमनियों में दो स्टेंट डाले गए थे.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि सुब्रत दा का निधन उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है. राज्यपाल जगदीप धनखड़, उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और अन्य विधायकों ने विधानसभा में मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी, जब मुखर्जी का पार्थिव शरीर वहां ले जाया गया था.

पढ़ें : सुब्रत मुखर्जी की वाकपटुता की इंदिरा गांधी ने भी की थी तारीफ, जानें पंचायत मंत्री के नाम दर्ज कुछ खास उपलब्धियां

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पंचायत मंत्री रहे सुब्रत मुखर्जी को अंतिम विदाई देने के लिए शुक्रवार को यहां रवींद्र सदन में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता एकत्र हुए. मुखर्जी का हृदय गति रुकने से एक सरकारी अस्पताल में बृहस्पतिवार को निधन हो गया था. शहर के दक्षिण काेलकाता के केवड़ातल्ला श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिन्होंने कोलकाता के पूर्व मेयर के निधन को बड़ी व्यक्तिगत क्षति बताया था, उनके भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मुखर्जी को पुष्पांजलि अर्पित की, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया.

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं फिरहाद हकीम और अरूप विश्वास, कांग्रेस के अब्दुल मन्नान और प्रदीप भट्टाचार्य के साथ-साथ भाजपा के दिलीप घोष और राहुल सिन्हा ने कोलकाता के पूर्व मेयर को श्रद्धांजलि दी. माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा और पार्टी प्रवक्ता सुजान चक्रवर्ती ने भी मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित की.

हकीम ने कहा, मैं सुब्रत दा को देखकर बड़ा हुआ हूं. वह मेरे बचपन के हीरो थे. ऐसे कई उदाहरण हैं जब मैंने उनसे सलाह के लिए संपर्क किया और उन्होंने हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया. मैंने अपने बड़े भाई को खो दिया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपाध्यक्ष घोष ने कहा, बंगाल की राजनीति में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा. वे बंगाल की राजनीति के ‘भीष्म पितामह’ थे. यह हम सभी के लिए एक बड़ी क्षति है. वयोवृद्ध नेता के हजारों प्रशंसक और समर्थक भी अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए रवींद्र सदन में एकत्रित हुए.

उद्योगपति संजीव गोयनका ने अपने शोक संदेश में कहा, सुब्रत मुखर्जी के रूप में हमने एक बहुत अच्छे और काबिल नेता को खो दिया. व्यक्तिगत स्तर पर मैं उन्हें 35 वर्षों से अधिक समय से जानता था. यह बहुत गहरी व्यक्तिगत क्षति है. मुखर्जी (75) को 24 अक्टूबर को सांस लेने में परेशानी के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मुखर्जी की एक नवंबर को ‘एंजियोप्लास्टी’ हुई थी और उनके दिल की धमनियों में दो स्टेंट डाले गए थे.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि सुब्रत दा का निधन उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है. राज्यपाल जगदीप धनखड़, उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और अन्य विधायकों ने विधानसभा में मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी, जब मुखर्जी का पार्थिव शरीर वहां ले जाया गया था.

पढ़ें : सुब्रत मुखर्जी की वाकपटुता की इंदिरा गांधी ने भी की थी तारीफ, जानें पंचायत मंत्री के नाम दर्ज कुछ खास उपलब्धियां

(पीटीआई-भाषा)

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