हैदराबाद: 'एक लड़की को क्यों पढ़ना चाहिए? अगर वह पढ़ाई जारी रखेगी तो उसे जाति से बाहर कर दिया जायेगा. मासिक धर्म के दौरान उसे एक विशेष झोपड़ी में कैद रखा जाना चाहिए.' ये वो ताने थे, जो मदवी कन्नीबाई को गांव के बुजुर्गों से सुनने पड़ते थे. मदवी ने टिप्पणियों की परवाह नहीं की और उनकी निगाह उस झोपड़ी से आगे हिमालय की ओर चली गई. जैसे-जैसे साल बीतते गए, तेलंगाना के आसिफाबाद जिले के कुमुराम भीम क्षेत्र की युवा महिला आज तेलंगाना साहसिक पर्यटन की ब्रांड एंबेसडर है.
मदवी कोलम जनजाति की उन कुछ महिलाओं में से एक हैं, जिसने विपरीत परिस्थितियों का सामना किया और अपने समर्पण के साथ समुदाय की अन्य महिलाओं के लिए एक आदर्श बनकर उभरी. ईटीवी भारत से खास बातचीत में मदवी ने कहा कि महिलाओं को नेता के तौर पर उभरने के लिए शिक्षा ही अहम है. अपने बचपन के दिनों की एक घटना को याद करते हुए मदवी ने कहा कि 'तब मैं तेरह साल की थी.'
उन्होंने आगे कहा कि 'मेरे पापा और मम्मी को कुछ तकलीफ़ लग रही थी और मैंने पूछा कि क्या बात है? उन्होंने कहा कि जिस कृषि भूमि पर हम खेती कर रहे थे, उसे किसी ने हड़प लिया है.' उन्होंने कहा कि गांव के बुजुर्गों ने भी उसके परिवार की मदद करने के बजाय कब्जा करने वाले का ही साथ दिया. मदवी बताया कि 'फिर मैं उत्नुरु गई, जहां आईटीडीए पीओ कार्यालय स्थित है, और एक आवेदन लिखा, जिसमें कहा कि हमारी जमीन किसी ने हड़प ली है.'
मदवी ने कहा कि 'उस उम्र में मेरी हिम्मत देखकर स्थानीय पीओ सौंरब गौड़ ने आरडीओ, तहसीलदार और राजस्व कर्मचारियों को हमारे गांव भेजा और हमारी जमीन हमें वापस कराई. तभी मुझे शिक्षा का मूल्य पता चला.' मदवी ने कहा कि उन्होंने अपने पसंदीदा खेलों की ओर रुख किया, भले ही उसके रिश्तेदारों और गांव के बुजुर्गों ने कहा कि यह एक लड़की के रूप में उसके लिए सही नहीं था.
जल्द ही उसे एक और त्रासदी का सामना करना पड़ा, क्योंकि जब वह इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रही थी, तब उन्होंने अपने पिता को खो दिया. साल 2014 में, मदवी ने पैराशूट जैसे साहसिक खेलों में मुफ्त प्रशिक्षण के लिए आदिलाबाद के जवाहरलाल नेहरू युवा केंद्र में आवेदन किया. वहां प्रवेश लेने के बाद मदवी ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. अपनी जीत से उत्साहित होकर उन्होंने तेलंगाना एडवेंचर क्लब के तहत वॉटर रैपलिंग और पर्वतारोहण का प्रशिक्षण लिया.
साल 2019 में, उन्होंने हिमालय पर चढ़ाई की और 2022 में, उन्होंने पंगारचूला पर्वतारोहण टीम का नेतृत्व किया. मदवी ने यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली आदिवासी महिला बनकर एक रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने विशाखापत्तनम में आयोजित विश्व स्तरीय वॉटर रैपलिंग प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार भी जीता. पिछले साल, उन्होंने आदिलाबाद के गायत्री फॉल्स में आयोजित विश्व स्तरीय वॉटर रैपलिंग प्रतियोगिता में कप्तान के रूप में काम किया था.
उनकी दुर्लभ उपलब्धियों को देखते हुए, तेलंगाना एडवेंचर टूरिज्म ने उन्हें एडवेंचर टूरिज्म का ब्रांड एंबेसडर बनाया है. तेलंगाना सरकार के प्रयासों को स्वीकार करते हुए, मदवी ने कहा कि सरकार, आईटीडीए और पुलिस विभाग उनकी यात्राओं के लिए आवश्यक धन प्रदान करते हैं.
उन्होंने कहा कि 'मेरा सपना एवरेस्ट पर चढ़ने का है. हमारी आदिवासी लड़कियों को भी मेरी तरह आगे आना चाहिए. मैं उन्हें इन खेलों में प्रशिक्षित कर रही हूं.' उनके द्वारा दिये गये साहसिक खेलों के प्रशिक्षण से आदिवासी युवा स्थानीय स्तर पर एडवेंचर क्लब स्थापित कर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं.
उनके साहसिक कार्यों के सम्मान में, उन्हें अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस के अवसर पर माउंटेन लवर्स अवार्ड भी मिला. दिल्ली में एडवेंचर्स क्लब के तत्वावधान में मदवी को जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से 'बेस्ट एडवेंचर' का पुरस्कार भी मिलने वाला है.