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महाराष्ट्र में इलाज मिलने में देरी के कारण गर्भवती महिला के जुड़वा बच्चों की मौत

महाराष्ट्र के पालघर में इलाज मिलने में देरी के कारण एक गर्भवती महिला के जुड़वा शिशुओं की मौत हो गई. यहां गांव में सड़क न होने के कारण गर्भवती महिला को कपड़े के अस्थायी स्ट्रेचर की मदद से स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था.

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Published : Aug 16, 2022, 8:13 PM IST

पालघर : महाराष्ट्र में पालघर जिले के एक गांव में सड़क के अभाव में 26 वर्षीय एक गर्भवती महिला को कपड़े के अस्थायी स्ट्रेचर की मदद से चिकित्सा केंद्र ले जाया गया, लेकिन देर से पहुंचने के कारण उसके नवजात जुड़वा शिशुओं की मौत हो गई. एक डॉक्टर ने बताया कि मोखाडा तालुका के मार्कतवादी गांव में सात माह की गर्भवती महिला को सोमवार को समयपूर्व प्रसव पीड़ा होने लगी और उसे भारी बारिश के बीच अस्थायी स्ट्रेचर से तीन किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक ले जाया गया.

गर्भवती महिला को कपड़े के अस्थायी स्ट्रेचर की मदद से स्वास्थ्य केंद्र लाया गया

चिकित्सा केंद्र की डॉक्टर पुष्पा माथुरे के अनुसार, बाद में उसे एंबुलेंस से खोडाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया और उसने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया जिनकी जन्म के समय ही मौत हो गई. उन्होंने कहा कि यदि उपयुक्त सड़क होती तो महिला को जल्दी इलाज मिल जाता और शिशु बच सकते थे. उन्होंने कहा कि महिला का स्वास्थ्य स्थिर है. सुदूर गांवों से मरीजों को बांस में कपड़ा बांधकर बनाए गए अस्थायी स्ट्रेचर की मदद से मुख्य मार्ग तक लाया जाता है क्योंकि उपयुक्त सड़कें नहीं होने के कारण एंबलेंस का वहां तक पहुंच पाना संभव नहीं हो पाता है.

यह भी पढ़ें- गांव तक नहीं पक्की सड़क, गर्भवती को साड़ी के झोले से ले जानी बनी मजबूरी

डॉक्टर ने कहा, 'आम तौर पर, जब महिलाएं गर्भावस्था के आठवें या नौंवे महीने में होती हैं, तब हम उन्हें प्रसव के लिए सुदूर गांवों से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले आते हैं.' मरीजों को मुख्य मार्ग तक लाने में कठिनाई के मद्देनजर जिलाधिकारी गोविंद बोडके ने पिछले हफ्ते इलाके का दौरा किया था और संबंधित अधिकारियों को सड़क का निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया था.

पालघर : महाराष्ट्र में पालघर जिले के एक गांव में सड़क के अभाव में 26 वर्षीय एक गर्भवती महिला को कपड़े के अस्थायी स्ट्रेचर की मदद से चिकित्सा केंद्र ले जाया गया, लेकिन देर से पहुंचने के कारण उसके नवजात जुड़वा शिशुओं की मौत हो गई. एक डॉक्टर ने बताया कि मोखाडा तालुका के मार्कतवादी गांव में सात माह की गर्भवती महिला को सोमवार को समयपूर्व प्रसव पीड़ा होने लगी और उसे भारी बारिश के बीच अस्थायी स्ट्रेचर से तीन किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक ले जाया गया.

गर्भवती महिला को कपड़े के अस्थायी स्ट्रेचर की मदद से स्वास्थ्य केंद्र लाया गया

चिकित्सा केंद्र की डॉक्टर पुष्पा माथुरे के अनुसार, बाद में उसे एंबुलेंस से खोडाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया और उसने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया जिनकी जन्म के समय ही मौत हो गई. उन्होंने कहा कि यदि उपयुक्त सड़क होती तो महिला को जल्दी इलाज मिल जाता और शिशु बच सकते थे. उन्होंने कहा कि महिला का स्वास्थ्य स्थिर है. सुदूर गांवों से मरीजों को बांस में कपड़ा बांधकर बनाए गए अस्थायी स्ट्रेचर की मदद से मुख्य मार्ग तक लाया जाता है क्योंकि उपयुक्त सड़कें नहीं होने के कारण एंबलेंस का वहां तक पहुंच पाना संभव नहीं हो पाता है.

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डॉक्टर ने कहा, 'आम तौर पर, जब महिलाएं गर्भावस्था के आठवें या नौंवे महीने में होती हैं, तब हम उन्हें प्रसव के लिए सुदूर गांवों से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले आते हैं.' मरीजों को मुख्य मार्ग तक लाने में कठिनाई के मद्देनजर जिलाधिकारी गोविंद बोडके ने पिछले हफ्ते इलाके का दौरा किया था और संबंधित अधिकारियों को सड़क का निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया था.

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