कांकेर: कांकेर के बेचाघाट में कोटरी नदी के किनारे सैकड़ों आदिवासियों का हल्ला बोला है. आदिवासी सालभर से आंदोलन कर रहे हैं. बेचाघाट में सैकड़ों आदिवासियों ने डेरा डाल दिया है. कड़ाके की ठंड में कोटरी नदी के किनारे आदिवासियों ने अस्थाई टेंट लगाकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहें हैं. आदिवासी BSF कैंप और पुल बनने का विरोध (Tribals protest over proposed BSF camp) कर रहे हैं.
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आदिवासियों की मांग है...
- पुल नहीं बनाया जाय
- सितरम में पर्यटन स्थल नहीं बनाया जाय
- बीएसएफ कैम्प की स्थापना नहीं हो
आदिवासी समाज का विरोध: इसी मुद्दों को लेकर पिछले एक साल से नदी किनारे सर्व आदिवासी समाज लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आदिवासियों ने बताया कि "आदिवासी बहुल इलाके में सरकार उद्योगपतियों को लाभ देने के लिए बड़े पुल और सड़क बना रही है. सर्व आदिवासी समाज के उपाध्यक्ष सूरजु टेकाम ने आरोप लगाया कि आदिवासियों की सुरक्षा के नाम पर अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा बलों का कैंप खोला जा रहा है. आदिवासियों को फर्जी मामलों में नक्सली बताकर जेल भेजा जा रहा है. जंगलों में बसे गांवों के आदिवासियों को फर्जी तरीके से मुठभेड़ में हत्या का आरोप लगाया है. इस विरोध प्रदर्शन के वर्षगांठ पर बस्तर के अलग-अलग इलाकों से आदिवासी शामिल होने पहुंचे हैं. इसमें कई संस्कृति टीमों ने हिस्सा लिया. जिसे देखने भारी भीड़ जुटी है."
इसके अलावा बीजापुर के सिलगेर भैरमगढ़, कांकेर के अंतागढ़ कोयलीबेड़ा, राजनांदगांव, मोहला मानपुर से बड़ी संख्या में आदिवासी शिरकत कर रहें हैं. आदिवासियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी. वे आंदोलन जारी रखेंगे. वहीं, आज आदिवासियों ने एक बड़ी रैली का आयोजन किया है.