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Ban of RSS Drills : केरल के मंदिरों में आरएसएस की शाखा लगाई तो पदाधिकारियों की खैर नहीं !

केरल में करीब 1248 मंदिरों का रखरखाव और प्रबंधन करने वाली संस्था त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी किया है. जिसमें मंदिरों के पदाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि मंदिर परिसर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखाएं आयोजित नहीं की जायेंगी.

Travancore Devaswom Board Issued Circular
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : May 23, 2023, 1:23 PM IST

Updated : May 24, 2023, 11:11 AM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल सरकार और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बीच तनाव कम होता नजर नहीं आ रहा है. ताजा मामले में त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड जो करेल में मंदिरों का संचालन करता है का सर्कुलर राज्य में एक नये विवाद को जन्म दे सकता है. 18 मई को जारी किये गये एक सर्कुलर में त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड ने कहा है कि मंदिरों में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की शाखाएं आयोजित नहीं की जा सकेंगी. सर्कुलर के मुताबिक इस आदेश को लागू करने की जिम्मेदारी मंदिरों के पदाधिकारियों की होगी.

सर्कुलर में कहा गया कि यदि राज्य के किसी मंदिर में आरएसएस की शाखाएं आयोजित की गई तो मंदिर के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. बता दें कि केरल सरकार पहले भी आरएसएस के आयोजन को लेकर सख्त रवैया अपनाती रही है. करीब 7 साल पहले साल 2016 में भी त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड ने ऐसा ही एक सर्कुलर जारी किया था. उस सर्कुलर में राज्य के मंदिर परिसर में आरएसएस के हथियार प्रशिक्षण शिविरों पर पांबदी लगाने की घोषणा की गई थी.

पढ़ें : Mohan Bhagwat in Jharkhand: 16 मई से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का चार दिवसीय झारखंड दौरा, क्या है पूरा शिड्यूल

बाद में यह शिकायत मिली कि बोर्ड के सर्कुलर जारी करने के बाद भी मंदिरों में आरएसएस के हथियार प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन हो रहा है. इसे देखते हुए साल 2021 में मार्च के महीने में एक बार फिर पुराने सर्कुलर के निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए एक नया सर्कुलर जारी किया. नये सर्कुलर में यह भी निर्देश दिया गया था कि राज्य में मंदिर परिसरों का इस्तेमाल सिर्फ धार्मिक अनुष्ठानों और त्योहार मनाने के लिए किया जाये. इसके अलावा मंदिर परिसर में किसी भी अन्य आयोजन पर पाबंदी लगाई गई थी.

माना जा रहा है कि केरल सरकार के तहत आने वाले त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड का यह फैसला राज्य में नये राजनीतिक विवाद को जन्म दे सकता है. हालांकि, अभी तक त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड के सर्कुलर पर आरएसएस या भारतीय जनता पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है.

पढ़ें : Mann Ki Baat : कौन हैं लक्ष्मण राव इनामदार, जिनका जिक्र पीएम मोदी ने अपने राजनीतिक गुरु के रूप में किया

तिरुवनंतपुरम : केरल सरकार और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बीच तनाव कम होता नजर नहीं आ रहा है. ताजा मामले में त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड जो करेल में मंदिरों का संचालन करता है का सर्कुलर राज्य में एक नये विवाद को जन्म दे सकता है. 18 मई को जारी किये गये एक सर्कुलर में त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड ने कहा है कि मंदिरों में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की शाखाएं आयोजित नहीं की जा सकेंगी. सर्कुलर के मुताबिक इस आदेश को लागू करने की जिम्मेदारी मंदिरों के पदाधिकारियों की होगी.

सर्कुलर में कहा गया कि यदि राज्य के किसी मंदिर में आरएसएस की शाखाएं आयोजित की गई तो मंदिर के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. बता दें कि केरल सरकार पहले भी आरएसएस के आयोजन को लेकर सख्त रवैया अपनाती रही है. करीब 7 साल पहले साल 2016 में भी त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड ने ऐसा ही एक सर्कुलर जारी किया था. उस सर्कुलर में राज्य के मंदिर परिसर में आरएसएस के हथियार प्रशिक्षण शिविरों पर पांबदी लगाने की घोषणा की गई थी.

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बाद में यह शिकायत मिली कि बोर्ड के सर्कुलर जारी करने के बाद भी मंदिरों में आरएसएस के हथियार प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन हो रहा है. इसे देखते हुए साल 2021 में मार्च के महीने में एक बार फिर पुराने सर्कुलर के निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए एक नया सर्कुलर जारी किया. नये सर्कुलर में यह भी निर्देश दिया गया था कि राज्य में मंदिर परिसरों का इस्तेमाल सिर्फ धार्मिक अनुष्ठानों और त्योहार मनाने के लिए किया जाये. इसके अलावा मंदिर परिसर में किसी भी अन्य आयोजन पर पाबंदी लगाई गई थी.

माना जा रहा है कि केरल सरकार के तहत आने वाले त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड का यह फैसला राज्य में नये राजनीतिक विवाद को जन्म दे सकता है. हालांकि, अभी तक त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड के सर्कुलर पर आरएसएस या भारतीय जनता पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है.

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Last Updated : May 24, 2023, 11:11 AM IST
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