नई दिल्लीः दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की सेल में दो कैदियों को भेजने के मामले में जेल सुपरिंटेंडेंट का ट्रांसफर कर दिया गया है. तिहाड़ जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेल नंबर 7 के जेल सुपरिंटेंडेंट राजेश चौधरी का ट्रांसफर किया गया है. कुछ दिन पहले ही उनसे इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा गया था.
तिहाड़ जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिना किसी सीनियर ऑफिशियल के आदेश के जेल सुपरिटेंडेंट राजेश चौधरी ने सत्येंद्र जैन के आवेदन पर दो कैदियों को उनके सेल में भेज दिया था. इस मामले में राजेश चौधरी के साथ-साथ चार अन्य जेल सुपरिटेंडेंट का भी ट्रांसफर किया गया है. राजेश चौधरी को अब जेल नंबर 7 के जेलर की बजाय तिहाड़ मुख्यालय में ड्यूटी करनी होगी. उनकी जगह पर विनोद कुमार यादव को जेल नंबर 7 का सुपरिंटेंड बनाया गया है.
बता दें, इस मामले के सामने आने के बाद पहले राजेश चौधरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और यह सवाल पूछा गया था कि आखिर उन्होंने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के सेल में किसके आदेश से दो कैदियों को शिफ्ट किया था. मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों सत्येंद्र जैन जो जेल नंबर 7 में बंद है, उन्होंने जेल सुपरिंटेंडेंट राजेश चौधरी से यह निवेदन किया था कि वह अकेले सेल में बंद रहते हुए मानसिक तनाव महसूस करते हैं. पिछले दिनों उन्हें मनोवैज्ञानिक ने भी यह सलाह दी थी कि वे अकेले ना रहे. इसके बाद उन्होंने दो कैदियों को अपने सेल में भेजने का आग्रह किया था.
उनके निवेदन पर बिना किसी सीनियर अधिकारियों के मशविरा के राजेश चौधरी ने दो कैदी को सत्येंद्र जैन के सेल में शिफ्ट कर दिया था. यह दोनों कैदी जेल के वार्ड नंबर 5 में बंद थे. तिहाड़ जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन दोनों कैदियों के नाम भी सत्येंद्र जैन ने जेलर को सुझाये थे और जेल प्रशासन के सामने जब यह बात आई तो उन्होंने इससे बड़ा खतरा मानते हुए सुपरिटेंडेंट पर बड़ी कार्रवाई की है. हालांकि मामले के सामने आने के बाद ही उन दोनों कैदियों को सत्येंद्र जैन के सेल से हटाकर उन्हें अपने सेल में भेज दिया गया था.
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वहीं, जेल के बाहर इस मामले को लेकर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर जमकर हमला किया था. साथ ही चुटकी लेते हुए बीजेपी ने यह भी कहा था कि अगर सत्येंद्र जैन अपने आप को इतना ही अकेला महसूस करते हैं तो उनकी सेल में मनीष सिसोदिया और सुकेश चंद्रशेखर को बुला लेना चाहिए ताकि वह तीनों मिलकर अपनी यादें ताजा कर सकें.