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हिंदी पखवाड़े में जीएसटी कमिश्नर ने हिंदी में भेजा पत्र, गैर हिंदी जिले गुंटूर ट्रांसफर, कहा गया अंग्रेजी में ही करो काम, पीएमओ से शिकायत

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 21, 2023, 8:55 AM IST

हिंदी में पत्राचार करना जीएसटी कमिश्नर को भारी पड़ गया. उनका कानपुर से गुंटूर ट्रांसफर कर दिया गया. उन्होंने पीएमओ से इस मामले की शिकायत की है.

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लखनऊ: भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी को हिंदी में पत्राचार करना भारी पड़ गया. कानपुर में सीजीएसटी कमिश्नर के पद पर कार्यरत सोमेश तिवारी ने हिंदी पखवाड़ा दिवस के अवसर पर हिंदी में पत्राचार किया जो उनके ट्रांसफर का बड़ा कारण बन गया. ट्रांसफर के बाद उन्होंने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अधिकारियों पर अंग्रेजों के गुलाम होकर अंग्रेजियत की ही वकालत करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि हिंदी को बढ़ावा देने के बजाय गुलामों की अंग्रेजी को बढ़ावा दिया जा रहा है.

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हाईकोर्ट में दायर की रिट.


केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीएसई ने हिंदी में पत्राचार करने से नाराज होकर उनका स्थानांतरण कानपुर से आंध्र प्रदेश के गुंटूर में कर दिया है. इस पूरे मामले की केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर कानपुर रहे सोमेश तिवारी ने प्रधानमंत्री कार्यालय से शिकायत करके जांच की मांग की है. इसके साथ ही नियमों को दरकिनार करते हुए हजारों किलोमीटर दूर गुंटूर में किए गए ट्रांसफर के विरोध में केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी ने हाई कोर्ट में अपनी अपील दायर की है.


कानपुर में केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर के पद पर तैनात सोमेश तिवारी राजभाषा का काम करते हुए राजभाषा के प्रचार प्रसार के लिए पत्रिका भी निकालते हैं. साथ ही राजभाषा में पत्राचार भी करते हैं. केंद्रीय जीएसटी विभाग में होने वाले अंग्रेजी के कामकाज का वह लगातार विरोध करते हैं. इस संबंध में उन्होंने पहले भी पत्राचार करके शिकायत की है इसी के चलते केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने उनका स्थानांतरण कानपुर से आंध्र प्रदेश के गुंटूर में कर दिया है. इस पूरे मामले की शिकायत अब उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है.

केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी का कहना है कि पीएमओ की तरफ से जवाब मांगा गया है लेकिन विभाग के अधिकारियों ने उसको दबा दिया है. इसके बाद भी सोमेश तिवारी ने प्रधानमंत्री कार्यालय से फिर शिकायत की जिसके खिलाफ शिकायत की है उसे ही जांच दी गई है, इससे इंसाफ नहीं मिल सकता. अब इस पूरे मामले में उन्होंने शिकायत करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

वहीं दूसरी तरफ उन्होंने हाईकोर्ट की शरण भी ली है. हाईकोर्ट में उन्होंने कहा है कि विभाग की तरफ से ट्रांसफर लिस्ट में पहले उनका नाम नहीं था और ट्रांसफर से पहले अधिकारियों से उनकी पसंद की पोस्टिंग के बारे में डिटेल्स मांगी जाती है कानपुर, लखनऊ, रायपुर और भोपाल में पद खाली थे, इसके बावजूद उनका ट्रांसफर सुदूर आंध्र प्रदेश स्थित गुंटूर कर दिया गया है जो गैर हिंदी प्रांत है जहां हिंदी ना बोल सकें. आरोप लगाया कि हिंदी में पत्राचार ना हो पाए इसलिए जबरदस्ती उनका ट्रांसफर वहां किया गया है.


केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी का कहना है कि मैं हिंदी दिवस पर राजभाषा के सम्मान के लिए हिंदी में ही पत्राचार करता रहा हूं लेकिन बोर्ड ने इसका समर्थन करने के बजाय मेरा ट्रांसफर कानपुर से गुंटूर कर दिया है. गुंटूर के अधिकारियों ने भी साफ तौर पर कहा है कि यहां काम अंग्रेजी में ही करना होगा. मैंने प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की है. साथ ही हाईकोर्ट में भी अपील दायर की है.

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लखनऊ: भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी को हिंदी में पत्राचार करना भारी पड़ गया. कानपुर में सीजीएसटी कमिश्नर के पद पर कार्यरत सोमेश तिवारी ने हिंदी पखवाड़ा दिवस के अवसर पर हिंदी में पत्राचार किया जो उनके ट्रांसफर का बड़ा कारण बन गया. ट्रांसफर के बाद उन्होंने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अधिकारियों पर अंग्रेजों के गुलाम होकर अंग्रेजियत की ही वकालत करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि हिंदी को बढ़ावा देने के बजाय गुलामों की अंग्रेजी को बढ़ावा दिया जा रहा है.

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हाईकोर्ट में दायर की रिट.


केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीएसई ने हिंदी में पत्राचार करने से नाराज होकर उनका स्थानांतरण कानपुर से आंध्र प्रदेश के गुंटूर में कर दिया है. इस पूरे मामले की केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर कानपुर रहे सोमेश तिवारी ने प्रधानमंत्री कार्यालय से शिकायत करके जांच की मांग की है. इसके साथ ही नियमों को दरकिनार करते हुए हजारों किलोमीटर दूर गुंटूर में किए गए ट्रांसफर के विरोध में केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी ने हाई कोर्ट में अपनी अपील दायर की है.


कानपुर में केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर के पद पर तैनात सोमेश तिवारी राजभाषा का काम करते हुए राजभाषा के प्रचार प्रसार के लिए पत्रिका भी निकालते हैं. साथ ही राजभाषा में पत्राचार भी करते हैं. केंद्रीय जीएसटी विभाग में होने वाले अंग्रेजी के कामकाज का वह लगातार विरोध करते हैं. इस संबंध में उन्होंने पहले भी पत्राचार करके शिकायत की है इसी के चलते केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने उनका स्थानांतरण कानपुर से आंध्र प्रदेश के गुंटूर में कर दिया है. इस पूरे मामले की शिकायत अब उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है.

केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी का कहना है कि पीएमओ की तरफ से जवाब मांगा गया है लेकिन विभाग के अधिकारियों ने उसको दबा दिया है. इसके बाद भी सोमेश तिवारी ने प्रधानमंत्री कार्यालय से फिर शिकायत की जिसके खिलाफ शिकायत की है उसे ही जांच दी गई है, इससे इंसाफ नहीं मिल सकता. अब इस पूरे मामले में उन्होंने शिकायत करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

वहीं दूसरी तरफ उन्होंने हाईकोर्ट की शरण भी ली है. हाईकोर्ट में उन्होंने कहा है कि विभाग की तरफ से ट्रांसफर लिस्ट में पहले उनका नाम नहीं था और ट्रांसफर से पहले अधिकारियों से उनकी पसंद की पोस्टिंग के बारे में डिटेल्स मांगी जाती है कानपुर, लखनऊ, रायपुर और भोपाल में पद खाली थे, इसके बावजूद उनका ट्रांसफर सुदूर आंध्र प्रदेश स्थित गुंटूर कर दिया गया है जो गैर हिंदी प्रांत है जहां हिंदी ना बोल सकें. आरोप लगाया कि हिंदी में पत्राचार ना हो पाए इसलिए जबरदस्ती उनका ट्रांसफर वहां किया गया है.


केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी का कहना है कि मैं हिंदी दिवस पर राजभाषा के सम्मान के लिए हिंदी में ही पत्राचार करता रहा हूं लेकिन बोर्ड ने इसका समर्थन करने के बजाय मेरा ट्रांसफर कानपुर से गुंटूर कर दिया है. गुंटूर के अधिकारियों ने भी साफ तौर पर कहा है कि यहां काम अंग्रेजी में ही करना होगा. मैंने प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की है. साथ ही हाईकोर्ट में भी अपील दायर की है.

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