श्रीनगर: श्रीनगर से सांसद और जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि नेताओं के बीच सहिष्णुता कम होती दिख रही है.
पार्टी मुख्यालय में एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'जमात के लिए सबसे बड़ी चीज ये है कि इसमें इलेक्शन होना चाहिए. इससे हमें पता चलता है कि हम कहां खड़े हैं और हमारे लोग अपने आप को बहुत समझते हैं उन्हें भी पता चलता है कि लोगों में उनकी साख कैसी है. ये अच्छी बात है. इसलिए पार्टी चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि अफसोस की बात ये भी है कि हममें बर्दाश्त करने की क्षमता नहीं है. अगर कोई सख्श चुनाव में नहीं आ सकता है तो इसे बगावत का नारा मान लेना चाहिए. ये नहीं समझता कि जमात में ये सब चीज होती रहती हैं और इन्हें बर्दाश्त करना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि 'आपको यह समझना होगा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस वह पार्टी है जो आपकी पहचान बहाल कर सकती है. नेशनल कॉन्फ्रेंस एक पार्टी नहीं बल्कि एक अभियान है. आजकल पार्टी कार्यकर्ताओं पर दबाव डाला जा रहा है. हमें इसे सहना होगा. हमें एक साथ इस तूफान का सामना करना होगा. भगवान उन लोगों पर ही दबाव डालते हैं जिन्हें वह सबसे ज्यादा प्यार करते हैं.'
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दरअसल यह डॉ. फारूक अब्दुल्ला का दविंदर राणा और अन्य नेताओं के लिए एक संदेश था जिन्होंने हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस को अलविदा कहा था. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया. समारोह के दौरान नासिर सोगामी को पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया.