चंडीगढ़: टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में भारतीय महिला हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन कर सेमीफाइनल में जगह बना ली, भारत के लिए एकमात्र और निर्णायक गोल गुरजीत कौर (Gurjeet Kaur) ने 22वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर किया, लेकिन भारत की जीत का श्रेय मुख्य तौर पर गोलकीपर सविता पूनिया (Savita Punia) को जाता है, जिन्होंने कुल 9 बेहतरीन बचाव किए.
बता दें कि सविता पूनिया महिला भारतीय हॉकी टीम की सबसे बेहतरीन गोलकीपर (Savita Punia best best goalkeeper) हैं, सविता हरियाणा की रहने वाली हैं. उन्हें दुनिया की नंबर-1 गोलकीपर का खिताब भी मिल चुका है.
सविता पूनिया को शूटआउट रोकने में महारत हासिल है. साल 2018 में उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. आपको बता दें कि सविता पूनिया सिरसा जिले की इकलौती ऐसी बेटी हैं, जिसे राष्ट्रपति द्वारा अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया है. वहीं सविता पूनिया की मेहनत और लगन को देखते हुए महिला एंव बाल विकास निगम द्वारा पहली बार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत जिले की ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया.
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वहीं सविता पूनिया के परिवार के लिए ये उपलब्धि सपने के पूरा होने जैसा है. उन्होंने सविता को कई सालों से इसी दिन के लिए कड़ी मेहनत करते देखा है. आपको बता दें कि ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने कुछ दिनों पहले सविता के परिवार से बात की थी तो उनके पिता महेंद्र पूनिया ने कहा था कि अर्जुन अवॉर्ड पाना हर एक खिलाड़ी का सपना होता है. उन्होंने कहा कि वैसे को अलग-अलग राज्य का एक अलग अवॉर्ड होता है और अब उनकी बेटी सविता का लक्ष्य हरियाणा का भीम अवॉर्ड है.
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'ईटीवी भारत' से बातचीत में सविता के पिता महेंद्र पूनिया ने महाभारत के अर्जुन का उदाहरण देते हुए कहा था कि जिस प्रकार अर्जुन के तीर का अपने गोल पर फोकस रहा है उसी तरह सविता का भी एक ही गोल है की ओलंपिक में जाकर मेडल लाना है. वहीं सविता की मां और उनके पूरे परिवार को इस बार पूरी उम्मीद है कि टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम परचम लहरा कर आएगी और गोल्ड मेडल पर कब्जा करेंगी.
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