नई दिल्ली : रेलवे बोर्ड ने एक आदेश जारी किया है जिससे रेलवे के अधीन उद्यमों समेत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) अब रेल निविदाओं के लिए खुले बाजार में निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे.
मंगलवार को जारी एक आदेश में, पीएसयू को मिली वह सुरक्षा हटा ली गई है जो 2019 में बनी नीति के तहत दी गई थी और उसके जरिये उन्हें रेलवे के ठेके मिलते थे. सूत्रों ने बताया कि रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा लिए गए निर्णय से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और रेलवे का खर्च कम होगा.
आदेश में कहा गया है कि प्रतिस्पर्धी बोली से लाभ को और बढ़ाने के लिए अब रेलवे बोर्ड द्वारा काम के आवंटन के लिए पात्र सार्वजनिक उपक्रमों के बीच प्रतिस्पर्धा के लिए नीति को वापस लेने का प्रस्ताव किया गया है और इसे अब तत्काल प्रभाव से खुली निविदा के जरिए किया जाएगा.
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इसमें आगे कहा गया है कि मौजूदा योजना के तहत सार्वजनिक उपक्रमों को दिए गए ऐसे सभी कार्य, जिनके लिए एलओए (लेटर ऑफ अवार्ड) जारी नहीं किया गया है या समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं या किसी भी रूप में कोई बड़ी संविदात्मक दायित्व नहीं लिया गया है, उन्हें भी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा. इस नई नीति के तहत, बोली जीतने वाले व्यक्ति को ठेके दिए जाएंगे, चाहे वह पीएसयू हो या निजी फर्म.
(एजेंसी इनपुट के साथ)