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तमिलनाडु सरकार मेकेदातु में बांध निर्माण की अनुमति नहीं देगी: मंत्री दुरईमुरुगन

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Published : Jul 3, 2023, 12:27 PM IST

तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन राज्य में नदियों के बेहतर प्रबंधन पर जोर दे रहे हैं. इस सिलसिले में उन्होंने डेनमार्क की यात्रा की.

TN government will not allow construction of dam in mekedatu for any reason - Minister Duraimurugan
तमिलनाडु सरकार किसी भी कारण से मेकेदातु में बांध निर्माण की अनुमति नहीं देगी: मंत्री दुरईमुरुगन

चेन्नई: तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन डेनमार्क की आधिकारिक यात्रा से लौट आए है. मंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान जल संसाधन को लेकर डेनमार्क सरकार से बातचीत की. मीनांबक्कम में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, 'जल संसाधन क्षेत्र में पानी का संरक्षण कैसे किया जाए, इस मामले में डेनमार्क दुनिया का अग्रणी देश है. इसलिए, सरकार डेनमार्क की मदद से तमिलनाडु में नदियों को बेहतर बनाने का इराद रखती है.'

दुरईमुरुगन ने कहा, 'इसलिए हमने डेनमार्क सरकार से इस बारे में बात करने की इच्छा जताई. हमने वहां मौजूद जल संसाधन मंत्री के साथ अपने राज्य के पानी के बारे में विस्तार से चर्चा की. उनकी सरकार ने हमारी बातों को गंभीरता से लिया. इतना ही नहीं, डेनमार्क की ओर से अपने अधिकारियों को यहां एक हफ्ते के अंदर भेजने का आश्वासन दिया है.

इस दौरान उन्होंने कावेरी नदी पर प्रस्तावित मेकेदातु डैम विवाद का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मुझे कर्नाटक में पानी की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है. मैं आज सुबह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से मिलूंगा. इसके बाद दिल्ली में कावेरी प्रबंधन बोर्ड के अधिकारियों से बातचीत करूंगा. तमिलनाडु सरकार किसी भी कारण से मेकेदातु में बांध के निर्माण की अनुमति नहीं देगी. क़ानूनी तौर पर ऐसा नहीं हो सकता. वे चाहें तो बांध बनाने की बात कर सकते हैं. मेरे लिए यह कर्नाटक का एक राजनीतिक स्टंट है. वे बिना कुछ कारण मेकेदातु में बांध नहीं बना सकते.

ये भी पढ़ें- तमिलनाडु में नियमों का उल्लंघन करने पर 12 खदानों पर 44 करोड़ से अधिक का जुर्माना

मंत्री ने कहा कि कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों पड़ोसी राज्य हैं. कर्नाटक में बड़ी संख्या में तमिल रहते हैं. वहीं, तमिलनाडु में कर्नाटक के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और वे समृद्ध हैं. इसलिए, यह सुनिश्चित करना दोनों सरकारों की जिम्मेदारी है कि किसी को कोई नुकसान न हो. तमिलनाडु सरकार इसे महसूस करती है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि उन्हें भी ऐसा ही महसूस होगा.

चेन्नई: तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन डेनमार्क की आधिकारिक यात्रा से लौट आए है. मंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान जल संसाधन को लेकर डेनमार्क सरकार से बातचीत की. मीनांबक्कम में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, 'जल संसाधन क्षेत्र में पानी का संरक्षण कैसे किया जाए, इस मामले में डेनमार्क दुनिया का अग्रणी देश है. इसलिए, सरकार डेनमार्क की मदद से तमिलनाडु में नदियों को बेहतर बनाने का इराद रखती है.'

दुरईमुरुगन ने कहा, 'इसलिए हमने डेनमार्क सरकार से इस बारे में बात करने की इच्छा जताई. हमने वहां मौजूद जल संसाधन मंत्री के साथ अपने राज्य के पानी के बारे में विस्तार से चर्चा की. उनकी सरकार ने हमारी बातों को गंभीरता से लिया. इतना ही नहीं, डेनमार्क की ओर से अपने अधिकारियों को यहां एक हफ्ते के अंदर भेजने का आश्वासन दिया है.

इस दौरान उन्होंने कावेरी नदी पर प्रस्तावित मेकेदातु डैम विवाद का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मुझे कर्नाटक में पानी की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है. मैं आज सुबह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से मिलूंगा. इसके बाद दिल्ली में कावेरी प्रबंधन बोर्ड के अधिकारियों से बातचीत करूंगा. तमिलनाडु सरकार किसी भी कारण से मेकेदातु में बांध के निर्माण की अनुमति नहीं देगी. क़ानूनी तौर पर ऐसा नहीं हो सकता. वे चाहें तो बांध बनाने की बात कर सकते हैं. मेरे लिए यह कर्नाटक का एक राजनीतिक स्टंट है. वे बिना कुछ कारण मेकेदातु में बांध नहीं बना सकते.

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मंत्री ने कहा कि कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों पड़ोसी राज्य हैं. कर्नाटक में बड़ी संख्या में तमिल रहते हैं. वहीं, तमिलनाडु में कर्नाटक के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और वे समृद्ध हैं. इसलिए, यह सुनिश्चित करना दोनों सरकारों की जिम्मेदारी है कि किसी को कोई नुकसान न हो. तमिलनाडु सरकार इसे महसूस करती है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि उन्हें भी ऐसा ही महसूस होगा.

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