ETV Bharat / bharat

केंद्र को राज्यों को परेशान करने की प्रवृत्ति छोड़नी चाहिए : TMC सांसद जवाहर सरकार - tmc rajya sabha mp jawahar sircar in rajya sabha

तृणमूल कांग्रेस सांसद जवाहर सरकार (tmc rajya sabha mp jawahar sircar) ने राज्य सभा में आज केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछे. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए जवाहर सरकार ने कहा, पिछले कुछ दिनों में उन्होंने जो कुछ सुना, वह मोदीनामा की तरह है. उन्होंने कहा कि जिसके पास जरा भी आत्मसम्मान होगा, उसका सिर शर्म से झुक जाएगा.

tmc mp jawahar sircar
तृणमूल सांसद जवाहर सरकार
author img

By

Published : Feb 3, 2022, 3:28 PM IST

Updated : Feb 3, 2022, 4:18 PM IST

नई दिल्ली : तृणमूल सांसद जवाहर सरकार ने कहा कि भारत आज ऐसे चौराहे पर खड़ा है, जैसा पहले कभी नहीं था. उन्होंने कहा कि आज हम जो भी करेंगे, इसी के आधार पर हमारे इतिहास का निर्णय किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी राजनीति गर्त में चली गई है. जवाहर सरकार ने कहा कि पॉलिटिकल फ्रेमवर्क के साथ जिस तरीके की छेड़छाड़ हुई है, ऐसा खतरा पहले कभी पैदा नहीं हुआ.

जवाहर सरकार ने कहा कि भारत का पॉलिटिकल फ्रेमवर्क उन लोगों ने बनाया जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए संघर्ष किया. उन्होंने आरएसएस का नाम लिए बिना देश का पॉलिटिकल फ्रेमवर्क उन लोगों ने नहीं बनाया जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल नहीं थे.

बिगड़ती आर्थिक व्यवस्था का कारण नासमझी !
उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था आज जैसे हालात का सामना कर रही है, ऐसा बुरा दौर कभी नहीं आया. सरकार ने कहा कि 41 साल की सरकारी नौकरी के बाद वे कह सकते हैं कि भारत की आर्थिक स्थिति इतनी बुरी कभी नहीं रही. उन्होंने कहा कि 1991 में भी ऐसे बुरे आर्थिक हालात नहीं थे. बकौल जवाहर सरकार, बिगड़ती अर्थव्यवस्था का मुख्य कारण है, इसकी बारिकियों को समझे बिना जानबूझकर गलत नीतियों को लागू करना.

लोगों की नौकरी छिनना चिंताजनक
जवाहर सरकार ने कानून और नीतियों की प्रासंगिकता पर कहा कि लिखे गए खूबसूरत शब्द और फ्लावरी फेस का उन लोगों के लिए बेमानी हैं, जिनके पास खाने को कुछ नहीं. इनसे ऐसे लोगों को कोई लाभ नहीं जिनके पास नौकरी नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों के बीच बढ़ती असमानता और उनकी नौकरी छिनना चिंताजनक है.

तृणमूल कांग्रेस सांसद जवाहर सरकार

आईएएस रूल में बदलाव पर सोचे केंद्र
बीएसएफ के क्षेत्राधिकार और राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय आर्थिक मदद और हालिया आईएएस सर्विस रूल में बदलाव का जिक्र करते हुए जवाहर सरकार ने कहा, ऐसा लगता है कि आईएएस ऑफिसर अब केंद्र सरकार के साथ काम नहीं करना चाहते. इसमें उनकी कोई गलती नहीं. उन्होंने आंकड़ों का जिक्र किया और कहा, 10 साल पहले 309 आईएएस ऑफिसर्स केंद्रीय सेवाओं में थे. आज यह संख्या बढ़नी चाहिए थी, लेकिन यह संख्या घटकर 223 रह गई है. इससे सरकार को स्पष्ट संदेश मिलता है कि आईएएस अधिकारी आपके साथ काम करने को इच्छुक नहीं हैं. ताकत हर जगह काम नहीं करती.

राज्यों को न करें परेशान
आईएएस अधिकारियों के खाली पदों पर जवाहर सरकार ने कहा, 6500 पदों में से 1500 पोस्ट खाली हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इन पदों को भरने की तत्काल पहल करनी चाहिए. सरकार ने मोदी सरकार के कार्यकाल का हवाला दिया और कहा, आपको सत्ता में आए 7-8 वर्ष हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को राज्यों को परेशान करने की प्रवृत्ति छोड़नी चाहिए.

सेंट्रल विस्टा पर खर्च नॉनसेंस की तरह
कंट्रोल और ऐरोगेंस का जिक्र करते हुए जवाहर सरकार ने वोटर आईडी को आधार से लिंक करने के फैसले पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा परियोजना सरकार की एरोगेंस का एक और नमूना है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना पर 606 करोड़ रुपये का खर्च नॉनसेंस जैसा है.

जासूसी कर रही सरकार, स्वीकारने की हिम्मत नहीं
पेगासस पर टिप्पणी करते हुए जवाहर सरकार ने कहा, ड्रैकोनियन रूल करने वाले अब जासूसी पर उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि पेगासस सर्विलांस स्टेट का उत्तम उदाहरण है. सरकार ने कहा, तमाम सबूत बताते हैं कि लोगों की जासूसी हुई है, लेकिन सरकार में इतना साहस नहीं है कि वह इस तथ्य से इनकार करे. उन्होंने बिना नाम लिए पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ पर राज्य सरकार को डिस्टर्ब करने का आरोप लगाया.

साफ दिखता है घमंड
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर सभी भारतीय भारत छोड़ो आंदोलन को गर्व से याद करते हैं. सरकार ने कहा कि आजादी के आंदोलन का उत्सव मनाने पर भी सरकार मोनोपोली करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि देशवासी जेल जाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों का पुण्य स्मरण करते हैं, लेकिन जिन्होंने जेल देखी तक नहीं है. सरकार ने कहा, आज हमें कुछ लोगों द्वारा बताया जाता है कि वे देशभक्ति के ठेकेदार हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के कुछ कृत्य ऐसे हैं, जिनसे उनका घमंड स्पष्ट दिखता है. सरकार ने कहा कि सरकार इस विविधता भरे देश को एक रूप में रंगने का कुत्सित प्रयास कर रही है.

संसद के बजट सत्र से जुड़ी अन्य खबरें-

संसद के पटल पर बोलने के लिए छह महीनों का इंतजार !
सरकार ने अपने शुरुआती वक्तव्य में कहा, वे राज्य सभा में शपथ लेने के छह महीने पूरे होने को सेलिब्रेट कर रहे हैं. उन्होंने कहा, सांसद बनने के बाद छह महीनों के लंबे इंतजार के बाद वे पहली बार बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने छह महीनों के कार्यकाल में किसी विषय पर चर्चा में भाग नहीं लिया.

नई दिल्ली : तृणमूल सांसद जवाहर सरकार ने कहा कि भारत आज ऐसे चौराहे पर खड़ा है, जैसा पहले कभी नहीं था. उन्होंने कहा कि आज हम जो भी करेंगे, इसी के आधार पर हमारे इतिहास का निर्णय किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी राजनीति गर्त में चली गई है. जवाहर सरकार ने कहा कि पॉलिटिकल फ्रेमवर्क के साथ जिस तरीके की छेड़छाड़ हुई है, ऐसा खतरा पहले कभी पैदा नहीं हुआ.

जवाहर सरकार ने कहा कि भारत का पॉलिटिकल फ्रेमवर्क उन लोगों ने बनाया जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए संघर्ष किया. उन्होंने आरएसएस का नाम लिए बिना देश का पॉलिटिकल फ्रेमवर्क उन लोगों ने नहीं बनाया जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल नहीं थे.

बिगड़ती आर्थिक व्यवस्था का कारण नासमझी !
उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था आज जैसे हालात का सामना कर रही है, ऐसा बुरा दौर कभी नहीं आया. सरकार ने कहा कि 41 साल की सरकारी नौकरी के बाद वे कह सकते हैं कि भारत की आर्थिक स्थिति इतनी बुरी कभी नहीं रही. उन्होंने कहा कि 1991 में भी ऐसे बुरे आर्थिक हालात नहीं थे. बकौल जवाहर सरकार, बिगड़ती अर्थव्यवस्था का मुख्य कारण है, इसकी बारिकियों को समझे बिना जानबूझकर गलत नीतियों को लागू करना.

लोगों की नौकरी छिनना चिंताजनक
जवाहर सरकार ने कानून और नीतियों की प्रासंगिकता पर कहा कि लिखे गए खूबसूरत शब्द और फ्लावरी फेस का उन लोगों के लिए बेमानी हैं, जिनके पास खाने को कुछ नहीं. इनसे ऐसे लोगों को कोई लाभ नहीं जिनके पास नौकरी नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों के बीच बढ़ती असमानता और उनकी नौकरी छिनना चिंताजनक है.

तृणमूल कांग्रेस सांसद जवाहर सरकार

आईएएस रूल में बदलाव पर सोचे केंद्र
बीएसएफ के क्षेत्राधिकार और राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय आर्थिक मदद और हालिया आईएएस सर्विस रूल में बदलाव का जिक्र करते हुए जवाहर सरकार ने कहा, ऐसा लगता है कि आईएएस ऑफिसर अब केंद्र सरकार के साथ काम नहीं करना चाहते. इसमें उनकी कोई गलती नहीं. उन्होंने आंकड़ों का जिक्र किया और कहा, 10 साल पहले 309 आईएएस ऑफिसर्स केंद्रीय सेवाओं में थे. आज यह संख्या बढ़नी चाहिए थी, लेकिन यह संख्या घटकर 223 रह गई है. इससे सरकार को स्पष्ट संदेश मिलता है कि आईएएस अधिकारी आपके साथ काम करने को इच्छुक नहीं हैं. ताकत हर जगह काम नहीं करती.

राज्यों को न करें परेशान
आईएएस अधिकारियों के खाली पदों पर जवाहर सरकार ने कहा, 6500 पदों में से 1500 पोस्ट खाली हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इन पदों को भरने की तत्काल पहल करनी चाहिए. सरकार ने मोदी सरकार के कार्यकाल का हवाला दिया और कहा, आपको सत्ता में आए 7-8 वर्ष हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को राज्यों को परेशान करने की प्रवृत्ति छोड़नी चाहिए.

सेंट्रल विस्टा पर खर्च नॉनसेंस की तरह
कंट्रोल और ऐरोगेंस का जिक्र करते हुए जवाहर सरकार ने वोटर आईडी को आधार से लिंक करने के फैसले पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा परियोजना सरकार की एरोगेंस का एक और नमूना है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना पर 606 करोड़ रुपये का खर्च नॉनसेंस जैसा है.

जासूसी कर रही सरकार, स्वीकारने की हिम्मत नहीं
पेगासस पर टिप्पणी करते हुए जवाहर सरकार ने कहा, ड्रैकोनियन रूल करने वाले अब जासूसी पर उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि पेगासस सर्विलांस स्टेट का उत्तम उदाहरण है. सरकार ने कहा, तमाम सबूत बताते हैं कि लोगों की जासूसी हुई है, लेकिन सरकार में इतना साहस नहीं है कि वह इस तथ्य से इनकार करे. उन्होंने बिना नाम लिए पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ पर राज्य सरकार को डिस्टर्ब करने का आरोप लगाया.

साफ दिखता है घमंड
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर सभी भारतीय भारत छोड़ो आंदोलन को गर्व से याद करते हैं. सरकार ने कहा कि आजादी के आंदोलन का उत्सव मनाने पर भी सरकार मोनोपोली करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि देशवासी जेल जाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों का पुण्य स्मरण करते हैं, लेकिन जिन्होंने जेल देखी तक नहीं है. सरकार ने कहा, आज हमें कुछ लोगों द्वारा बताया जाता है कि वे देशभक्ति के ठेकेदार हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के कुछ कृत्य ऐसे हैं, जिनसे उनका घमंड स्पष्ट दिखता है. सरकार ने कहा कि सरकार इस विविधता भरे देश को एक रूप में रंगने का कुत्सित प्रयास कर रही है.

संसद के बजट सत्र से जुड़ी अन्य खबरें-

संसद के पटल पर बोलने के लिए छह महीनों का इंतजार !
सरकार ने अपने शुरुआती वक्तव्य में कहा, वे राज्य सभा में शपथ लेने के छह महीने पूरे होने को सेलिब्रेट कर रहे हैं. उन्होंने कहा, सांसद बनने के बाद छह महीनों के लंबे इंतजार के बाद वे पहली बार बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने छह महीनों के कार्यकाल में किसी विषय पर चर्चा में भाग नहीं लिया.

Last Updated : Feb 3, 2022, 4:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.