नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में आज चौथी परिवर्तन रथ यात्रा को रवाना किया. इस दौरान गृह मंत्री ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी पर सीधा निशाना साधा.हालांकि, उनकी यात्रा 30 और 31 जनवरी को निर्धारित थी, लेकिन इजरायली दूतावास के बाहर हुए आईडी विस्फोट के बाद उसे टाल दिया गया था.
सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल की निर्णायक लड़ाई में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए तय किया है कि पार्टी अब धीरे-धीरे और आक्रामक रुख अख्तियार करेगी और यह आक्रमण मात्र टीएमसी पर नहीं बल्कि टीएमसी की नेत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी पर किया जाएगा. इसका असर अमित शाह के बंगाल दौरे पर देखने को मिला.
वहीं, तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी भारतीय जनता पार्टी की इस रथयात्रा पर कटाक्ष करते हुए रथयात्रा का मखौल भी उड़ाया और उन्होंने सार्वजनिक बयान भी दिया कि भारतीय जनता पार्टी के नेता ऐसे रथ यात्रा कर रहे हैं, जैसे वे भगवान हैं. उन्होंने पार्टी की रथ यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि वह जानती हैं कि भगवान जगन्नाथ बलराम और सुभद्रा इन रथों पर यात्रा करते हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता रथयात्रा का उपयोग अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं.
इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के बंगाल से सांसद जगन्नाथ सरकार ने ईटीवी भारत को बताया कि गृह मंत्री ने जो भी भाषण दिया है वह बिल्कुल वास्तविकत है . उन्होंने कहा पश्चिम बंगाल में अराजकता आक्रामकता और निरंकुश शासन का दीदी के शासन में बोलबाला है. उनके कार्यकर्ता ,हमारे कार्यकर्ताओं पर लगातार हमले कर रहे हैं. इस वजह से इस निरंकुशता से तंग आकर कई नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी का दामन भी थाम लिया है.
जगन्नाथ ने यहां तक आरोप लगाया कि टीएमसी अब मात्र बुआ और भतीजे की पार्टी रह गई है पार्टी के अंदर आंतरिक लोकतंत्र नहीं है, जिससे पार्टी के नेता भी नाराज चल रहे हैं. उन्होंने एक बार फिर से दावा किया कि पश्चिम बंगाल में पूर्ण बहुमत की सरकार भारतीय जनता पार्टी बनाने जा रही है.
एक तरफ भारतीय जनता पार्टी खुद भी हिंदू और हिंदुत्व की बात करते हुए कहीं ना कहीं पश्चिम बंगाल के चुनावों को भगवा रंग देने की कोशिश कर रही है. वही पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर लगातार तुष्टीकरण के भी आरोप लगा रही है.
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चौथे चरण के परिवर्तन यात्रा के शुभारंभ पर नारा दिया गया 'चलो पलटाई' जिसका मतलब है उन्हें बदलने का समय आ गया है. इससे पहले भारतीय जनता पार्टी की तरफ से नारा दिया गया था 'सोनार बांग्ला'. इसके अलावा पार्टी ने इस बात को भी प्रचार प्रसार के दौरान काफी प्रचारित किया कि जय श्री राम बोलने का मतलब गुनाह नहीं है.
गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को जिस तरह से ममता बनर्जी को अपने भाषणों में एक फेल प्रशासक और विफल मुख्यमंत्री बताया. साथ ही यह भी आरोप लगा दिया की बुआ भतीजे के भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए भारतीय जनता पार्टी सोनार बांग्ला के निर्माण के लिए यह यात्रा कर रही है. यह बीजेपी की आक्रामकता को दर्शाता है.
कहीं ना कहीं अब परिवर्तन यात्रा के चौथे चरण से पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि अब पार्टी सीधे तौर पर मुख्यमंत्री यानी ममता बनर्जी के खिलाफ और उनके कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ और ज्यादा आक्रमक होगी.
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अभी तक प्रधानमंत्री जब भी पश्चिम बंगाल के लोगों को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि अगर राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आएगी, तो बीजेपी राज्य के लिए कौन-कौन से विकास कार्य और कौन-कौन सी योजनाएं लेकर आएगी, लेकिन अब यह चुनाव प्रचार आक्रामकता के साथ साथ राजनैतिक मोड़ लेता जा रहा है. इसमें कहीं ना कहीं पार्टी का भगवा रंग, तो दिख ही रहा है साथ ही तुष्टिकरण की राजनीति और सीधे-सीधे मुख्यमंत्री और उनके भतीजे पर लगाया जा रहा परिवारवाद और भ्रष्टाचार के आरोप भी शामिल होते जा रहे हैं.
गृह मंत्री ने सीधे यह आरोप लगाया कि ममता दीदी ने ऐसा माहौल कर दिया है की जय श्रीराम नारे से उन्हें तकलीफ होती है, क्योंकि उन्हें तुष्टीकरण करके एक वर्ग विशेष के वोट चाहिए. साथ ही साथ यह भी दावा कर दिया कि चुनाव समाप्त होते होते वह ममता बनर्जी को बाध्य कर देंगे कि वह जय श्री राम बोलने लगें. कहीं ना कहीं गृह मंत्री का यह बयान पार्टी का ओवरकॉन्फिडेंस दिखा रहा है.
सूत्रों की मानें तो ,पार्टी समय-समय पर कुछ अंतराल के बाद लगातार पार्टी के सर्वे करा रही है और उन सर्वे में जिन इलाकों में बीजेपी को अपना जनाधार कम होता दिखाई दे रहा है उन इलाकों में पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंक रही है. सूत्रों की मानें तो गोरिल्ला वार की नीति अपनाते हुए लोकसभा चुनाव की तरह पार्टी ने फिर से अंतिम चरण आते आते आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है.