अगरतला/कोलकाता: त्रिपुरा पुलिस ने रविवार को पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की नेता सायानी घोष को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया. एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कि घोष पर शनिवार रात को मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब की एक नुक्कड़ सभा के दौरान उन्हें धमकी देने का आरोप है. घोष ने बैठक स्थल पर पहुंचकर कथित तौर पर 'खेला होबे' के नारे लगाकर सभा को बाधित किया. तृणमूल कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई की युवा शाखा की सचिव सायानी घोष को तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी के दौरे से 24 घंटे पहले हिरासत में लेने के बाद गिरफ्तार किया गया. घोष को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि अभिषेक की अगरतला में एक रैली आयोजित करने की योजना थी, जिसे कोविड के वर्तमान हालात को देखते हुए अनुमति नहीं दी गई है. वहीं, पार्टी सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल त्रिपुरा में पुलिस की कथित बर्बरता के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के लिए दिल्ली रवाना हो रहा है. सूत्रों ने बताया कि पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में 15 से अधिक सदस्य शामिल हैं. टीएमसी ने शाह से मुलाकात का समय मांगा है और पार्टी के नेता सोमवार सुबह से धरना पर बैठने वाले हैं.
उधर, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (सदर) रमेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई टिप्पणियों के आरोप में सायानी घोष के खिलाफ भादंसं की धारा 307 (हत्या का प्रयास), धारा 153ए (दो समूहों के बीच वैमन्स्य को बढ़ावा देना) के तहत गिरफ्तार किया गया है. यादव ने कहा कि घोष और उनके साथ पहुंचे कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री की सभा के दौरान कथित तौर पर पथराव किया. एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि भाजपा के एक कार्यकर्ता ने घोष पर शनिवार रात को मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब की एक नुक्कड़ सभा को बाधित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि घोष ने बैठक स्थल पर पहुंचकर 'खेला होबे' के नारे लगाए.
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि पूर्वी अगरतला महिला पुलिस थाने के बाहर उनके कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा समर्थकों ने धक्कामुक्की की. हालांकि, भाजपा ने आरोप को खारिज किया है. बनर्जी ने ट्वीट कर त्रिपुरा की भाजपा सरकार पर राजनीतिक दलों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों पर उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया. बनर्जी ने रविवार सुबह को किए गए कथित हमले का वीडियो ट्विटर पर साझा किया और मुख्यमंत्री बिप्लब देब पर निशाना साधते हुए कहा, वह हमारे समर्थकों और महिला उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय हमला करने के लिए लगातार गुंडे भेज रहे हैं. त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा लोकतंत्र का मजाक बना रही है.
उच्चतम न्यायालय ने हाल में त्रिपुरा पुलिस को निर्देश दिया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसी भी राजनीतिक दल को शांतिपूर्ण तरीके से प्रचार करने के अधिकार से वंचित नहीं किया जाए. पुलिस ने कहा कि घोष से पूछताछ के दौरान थाने के बाहर एकत्र लोगों के समूह पर कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने हमला किया. हालांकि, हमले में किसी को चोट नहीं आयी. वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि उसके कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं.
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, त्रिपुरा में गुजरात मॉडल. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस इस तरह की फासीवादी क्रूरता को कभी स्वीकार नहीं करेगी. तृणमूल कांग्रेस के सांसद दिल्ली रवाना. तृणमूल कांग्रेस की नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देब ने पत्रकारों से कहा, हमारे उम्मीदवारों को पीटा गया, उनके घरों में तोड़-फोड़ की गई और शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई. पुलिस यहां एकतरफा तरीके से काम कर रही है.
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तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा कि त्रिपुरा में जिस तरह का लोकतंत्र है तो, हम अपने नेताओं से पश्चिम बंगाल में (भाजपा के साथ) भी ऐसा ही करने को कहेंगे. वहीं, भाजपा की त्रिपुरा इकाई के प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कभी भी तृणमूल कांग्रेस के किसी समर्थक पर हमला नहीं किया, क्योंकि पार्टी इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं मानती.
पीटीआई-भाषा