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Bengal News : मालदा में टीएमसी नेता की पीटकर हत्या, SEC ने मांगी रिपोर्ट

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले हिंसा का दौर जारी है. शनिवार को एक पूर्व पंचायत सदस्य के पति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. अब तृणमूल और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. राज्य चुनाव आयुक्त और राजभवन ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी है.

Trinamool leader betean to death in Malda
मालदा में टीएमसी नेता की पीटकर हत्या
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Published : Jun 17, 2023, 10:46 PM IST

मालदा: पंचायत चुनाव नामांकन प्रक्रिया के दौरान कई जिलों में मौतों के बाद अब शनिवार को मालदा के कालियाचक में एक तृणमूल कार्यकर्ता मुस्तफा शेख की पीटकर हत्या कर दी गई. सवाल ये है कि इस घटना का कारण राजनीतिक है या इसमें असामाजिक तत्वों का हाथ है.

राज्य मंत्री सबीना यास्मीन ने हत्याकांड में सीधे तौर पर कांग्रेस पर उंगली उठाई. हालांकि, कांग्रेस ने आरोपों से इनकार किया है. मुस्तफा शेख सुजापुर ग्राम पंचायत क्षेत्र के चर्चित तृणमूल कार्यकर्ता थे (TMC leader Mustafa Sheikh was murdered in Sujapur).

उनका घर बालूपुर गांव में है. उनकी पत्नी जिबू बीबी ने तृणमूल के टिकट पर 2013 का पंचायत चुनाव जीता और सुजापुर ग्राम पंचायत की मुखिया बनीं. हालांकि, मुस्तफा या उनकी पत्नी ने इस बार प्रत्याशी बनने से इनकार कर दिया. उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया. विशेष रूप से, मुस्तफा आगामी पंचायत चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात जुटे थे.

हालांकि उन पर इलाके में अवैध रूप से जुआ चलाने का आरोप है. कथित तौर पर, इस काम में उनका साथ स्थानीय तृणमूल नेता सोहरुल बिस्वास का भाई सफीकुल दे रहा था. स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, मुस्तफा शनिवार दोपहर मस्जिद में नमाज पढ़ने गए थे. वहां से लौटते समय कुछ लोगों से उनकी कहा-सुनी हो गई. पता चला है कि विवाद जुए के पैसे को लेकर हुआ. आरोप है कि इसी दौरान पीट-पीट कर हत्या कर दी गई.

मुस्तफा की बहू अख्तरी खातून ने बताया कि 'मेरे ससुर नमाज पढ़कर घर लौट रहे थे. इसी दौरान असमौल और मन्नान ने सड़क पर हंगामा शुरू कर दिया. मुझे नहीं पता कि वे किस बारे में बहस कर रहे थे. मेरे ससुर ने उनसे कहा कि वोट अच्छे से निपट जाएगा. फिर उन्होंने ससुर को पीट-पीटकर मार डाला. हम उनके लिए सख्त सजा चाहते हैं.'

खबर मिलने के बाद राज्य मंत्री सबीना यास्मीन मुस्तफा के परिवार वालों को सांत्वना देने गईं. उन्होंने घटना को 'बहुत दुर्भाग्यपूर्ण' बताया. उन्होंने कहा कि 'यह राजनीतिक हत्या है. मुस्तफा को मारने वालों को हमने टिकट नहीं दिया था इसलिए वे कांग्रेस में चले गए. आज उन्होंने वोट हासिल करने के लिए हमारे पूर्व प्रमुख के पति को पीट-पीट कर मार डाला. हम प्रशासन और चुनाव आयोग से शिकायत कर हत्यारों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं.'

कांग्रेस ने कहा-आरोप निराधार : हालांकि जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष मोत्तकिन आलम ने दावा किया कि तृणमूल की शिकायत निराधार है. उन्होंने कहा, 'अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना. लेकिन इस घटना का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. हमारे पास जानकारी है कि एक अवैध जुआ पार्टी से पैसे के विवाद को लेकर एक व्यक्ति को उसके गिरोह ने पीट-पीट कर मार डाला. हम घटना की पूरी जांच की भी मांग करते हैं. लेकिन जिस व्यक्ति की हत्या की गई वह विधानसभा चुनाव के दौरान हमारी प्रत्याशी ईशा खान चौधरी पर हुए हमले में भी शामिल था. उस पर कई आरोप हैं.'

इस बीच, तृणमूल कार्यकर्ताओं ने हत्यारों को कड़ी सजा देने की मांग करते हुए कुछ देर के लिए सूजापुर में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 12 को जाम कर दिया. हालांकि, पुलिस के आश्वासन के एक घंटे बाद वह हट गए. हत्या के बाद, राज्य चुनाव आयुक्त ने जिला मजिस्ट्रेट को फोन किया और मामले पर रिपोर्ट मांगी. यहां तक ​​कि राजभवन भी इस घटना से क्षुब्ध नजर आया और ब्योरा मांगा.

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राज्य मंत्री सबीना यास्मीन ने हत्याकांड में सीधे तौर पर कांग्रेस पर उंगली उठाई. हालांकि, कांग्रेस ने आरोपों से इनकार किया है. मुस्तफा शेख सुजापुर ग्राम पंचायत क्षेत्र के चर्चित तृणमूल कार्यकर्ता थे (TMC leader Mustafa Sheikh was murdered in Sujapur).

उनका घर बालूपुर गांव में है. उनकी पत्नी जिबू बीबी ने तृणमूल के टिकट पर 2013 का पंचायत चुनाव जीता और सुजापुर ग्राम पंचायत की मुखिया बनीं. हालांकि, मुस्तफा या उनकी पत्नी ने इस बार प्रत्याशी बनने से इनकार कर दिया. उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया. विशेष रूप से, मुस्तफा आगामी पंचायत चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात जुटे थे.

हालांकि उन पर इलाके में अवैध रूप से जुआ चलाने का आरोप है. कथित तौर पर, इस काम में उनका साथ स्थानीय तृणमूल नेता सोहरुल बिस्वास का भाई सफीकुल दे रहा था. स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, मुस्तफा शनिवार दोपहर मस्जिद में नमाज पढ़ने गए थे. वहां से लौटते समय कुछ लोगों से उनकी कहा-सुनी हो गई. पता चला है कि विवाद जुए के पैसे को लेकर हुआ. आरोप है कि इसी दौरान पीट-पीट कर हत्या कर दी गई.

मुस्तफा की बहू अख्तरी खातून ने बताया कि 'मेरे ससुर नमाज पढ़कर घर लौट रहे थे. इसी दौरान असमौल और मन्नान ने सड़क पर हंगामा शुरू कर दिया. मुझे नहीं पता कि वे किस बारे में बहस कर रहे थे. मेरे ससुर ने उनसे कहा कि वोट अच्छे से निपट जाएगा. फिर उन्होंने ससुर को पीट-पीटकर मार डाला. हम उनके लिए सख्त सजा चाहते हैं.'

खबर मिलने के बाद राज्य मंत्री सबीना यास्मीन मुस्तफा के परिवार वालों को सांत्वना देने गईं. उन्होंने घटना को 'बहुत दुर्भाग्यपूर्ण' बताया. उन्होंने कहा कि 'यह राजनीतिक हत्या है. मुस्तफा को मारने वालों को हमने टिकट नहीं दिया था इसलिए वे कांग्रेस में चले गए. आज उन्होंने वोट हासिल करने के लिए हमारे पूर्व प्रमुख के पति को पीट-पीट कर मार डाला. हम प्रशासन और चुनाव आयोग से शिकायत कर हत्यारों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं.'

कांग्रेस ने कहा-आरोप निराधार : हालांकि जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष मोत्तकिन आलम ने दावा किया कि तृणमूल की शिकायत निराधार है. उन्होंने कहा, 'अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना. लेकिन इस घटना का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. हमारे पास जानकारी है कि एक अवैध जुआ पार्टी से पैसे के विवाद को लेकर एक व्यक्ति को उसके गिरोह ने पीट-पीट कर मार डाला. हम घटना की पूरी जांच की भी मांग करते हैं. लेकिन जिस व्यक्ति की हत्या की गई वह विधानसभा चुनाव के दौरान हमारी प्रत्याशी ईशा खान चौधरी पर हुए हमले में भी शामिल था. उस पर कई आरोप हैं.'

इस बीच, तृणमूल कार्यकर्ताओं ने हत्यारों को कड़ी सजा देने की मांग करते हुए कुछ देर के लिए सूजापुर में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 12 को जाम कर दिया. हालांकि, पुलिस के आश्वासन के एक घंटे बाद वह हट गए. हत्या के बाद, राज्य चुनाव आयुक्त ने जिला मजिस्ट्रेट को फोन किया और मामले पर रिपोर्ट मांगी. यहां तक ​​कि राजभवन भी इस घटना से क्षुब्ध नजर आया और ब्योरा मांगा.

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