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टीएमसी विधायक ने ममता सरकार पर लगाया आसनसोल से भेदभाव का आरोप - टीएमसी विधायक

आसनसोल नगर पालिका के प्रशासनिक बोर्ड के अध्यक्ष और टीएमसी विधायक जितेंद्र तिवारी ने राज्य के मंत्री फरहाद हकीम को लिखे एक पत्र में कहा कि आसनसोल केवल राजनीति के कारण विकास से वंचित है. चुनाव से पहले जितेंद्र तिवारी के पत्र से खलबली मच गई है.

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केंद्रीय निधि
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Published : Dec 14, 2020, 3:58 PM IST

कोलकाता : आसनसोल नगर निगम के प्रमुख और तृणमूल कांग्रेस के नेता जितेंद्र तिवारी ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक पत्र लिखकर इस औद्योगिक शहर को केंद्रीय कोष से वंचित रखने का आरोप लगाया है.

तृणमूल कांग्रेस के विधायक तिवारी ने निकाय मामलों के मंत्री फरहाद हाकिम को पत्र लिखकर कहा है कि आसनसोल नगर निगम को 2,000 करोड़ रुपये के केंद्रीय कोष से वंचित होना पड़ा क्योंकि राज्य सरकार ने स्मार्ट सिटी परियोजना में शहर के चयन में अवरोध खड़ा किया.

तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'अपने पत्र में जितेंद्र ने आरोप लगाया कि केंद्र ने आसनसोल को स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए चुना था लेकिन राज्य सरकार ने अड़चनें पैदा की और सुनिश्चित किया शहर का नाम इस सूची में शामिल नहीं हो'

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जितेंद्र तिवारी ने फरहाद हकीम को लिखा पत्र

वरिष्ठ नेता ने कहा, 'उन्होंने (जितेंद्र) इसके लिए राजनीतिक कारणों को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि अगर आसनसोल को चुना गया होता तो शहर को 2,000 करोड़ रुपये का कोष मिलता. राज्य सरकार और पार्टी इस मामले को देख रही है.'

संपर्क किए जाने पर तिवारी ने कहा कि यह गोपनीय पत्र है. उन्होंने कहा, 'इसे प्रेस को जारी नहीं करना चाहिए था. मुझे जो भी कहना होगा मैं पार्टी और मंत्री से कहूंगा. मैं प्रेस से इस मुद्दे पर बात नहीं करूंगा. मैं पार्टी का वफादार कार्यकर्ता हूं.'

पश्चिम बर्द्धमान जिले में तृणमूल कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेता तिवारी ने हाल में आसनसोल में एक कॉलेज के संचालन मंडल से भी इस्तीफा दे दिया था. हाकिम ने कहा कि वह मुद्दे के समाधान के लिए तिवारी से बात करेंगे.

केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद बाबुल सुप्रियो ने आरोप लगाया, 'जितेंद्र तिवारी ने जो कहा वह सही है. तृणमूल कांग्रेस सरकार ने अपने निहित राजनीतिक हितों के लिए राज्य के लोगों को केंद्रीय योजनाओं से वंचित रखा है.'

आसनसोल नगर पालिका के प्रशासनिक बोर्ड के अध्यक्ष जितेंद्र तिवारी ने फरहाद हकीम को लिखे एक पत्र में कहा कि आसनसोल नगरपालिका का नाम केंद्र सरकार की 2,000 करोड़ रुपये की स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए रखा गया था, लेकिन हमें राजनीतिक कारणों से राज्य सरकार द्वारा नामित नहीं किया गया था. इतना ही नहीं, पत्र में उन्होंने उल्लेख किया कि केंद्र सरकार के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से 1,500 करोड़ रुपये भी राज्य के निर्णय के लिए आसनसोल नहीं आये. आसनसोल को वंचित रखा गया है.

पढ़ें : नौकरियां देने का वादा निभाने में नाकाम रहीं ममता : मुकुल रॉय

भाजपा ने इस मुद्दे पर तिवारी का समर्थन करते हुए ममता सरकार पर निशाना साधा है. आसनसोल के सांसद बाबुल सुप्रिया ने ट्वीट किया, मैंने बार-बार कहा है कि आसनसोल को राज्य से वंचित किया जा रहा है. अंत में, जितेंद्र तिवारी ने सच्चाई का खुलासा किया.

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बाबुल सुप्रिया का ट्वीट

वहीं भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने लिखा, आसनसोल के मेयर और टीएमसी के विधायक जितेंद्र तिवारी ने ममता बनर्जी की सरकार पर केंद्र की योजना से आसनसोल को वंचित रखने और स्मार्ट सिटी के रूप में इसके विकास को बाधित करने का आरोप लगाया है.

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अमित मालवीय का ट्वीट

कोलकाता : आसनसोल नगर निगम के प्रमुख और तृणमूल कांग्रेस के नेता जितेंद्र तिवारी ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक पत्र लिखकर इस औद्योगिक शहर को केंद्रीय कोष से वंचित रखने का आरोप लगाया है.

तृणमूल कांग्रेस के विधायक तिवारी ने निकाय मामलों के मंत्री फरहाद हाकिम को पत्र लिखकर कहा है कि आसनसोल नगर निगम को 2,000 करोड़ रुपये के केंद्रीय कोष से वंचित होना पड़ा क्योंकि राज्य सरकार ने स्मार्ट सिटी परियोजना में शहर के चयन में अवरोध खड़ा किया.

तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'अपने पत्र में जितेंद्र ने आरोप लगाया कि केंद्र ने आसनसोल को स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए चुना था लेकिन राज्य सरकार ने अड़चनें पैदा की और सुनिश्चित किया शहर का नाम इस सूची में शामिल नहीं हो'

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जितेंद्र तिवारी ने फरहाद हकीम को लिखा पत्र

वरिष्ठ नेता ने कहा, 'उन्होंने (जितेंद्र) इसके लिए राजनीतिक कारणों को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि अगर आसनसोल को चुना गया होता तो शहर को 2,000 करोड़ रुपये का कोष मिलता. राज्य सरकार और पार्टी इस मामले को देख रही है.'

संपर्क किए जाने पर तिवारी ने कहा कि यह गोपनीय पत्र है. उन्होंने कहा, 'इसे प्रेस को जारी नहीं करना चाहिए था. मुझे जो भी कहना होगा मैं पार्टी और मंत्री से कहूंगा. मैं प्रेस से इस मुद्दे पर बात नहीं करूंगा. मैं पार्टी का वफादार कार्यकर्ता हूं.'

पश्चिम बर्द्धमान जिले में तृणमूल कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेता तिवारी ने हाल में आसनसोल में एक कॉलेज के संचालन मंडल से भी इस्तीफा दे दिया था. हाकिम ने कहा कि वह मुद्दे के समाधान के लिए तिवारी से बात करेंगे.

केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद बाबुल सुप्रियो ने आरोप लगाया, 'जितेंद्र तिवारी ने जो कहा वह सही है. तृणमूल कांग्रेस सरकार ने अपने निहित राजनीतिक हितों के लिए राज्य के लोगों को केंद्रीय योजनाओं से वंचित रखा है.'

आसनसोल नगर पालिका के प्रशासनिक बोर्ड के अध्यक्ष जितेंद्र तिवारी ने फरहाद हकीम को लिखे एक पत्र में कहा कि आसनसोल नगरपालिका का नाम केंद्र सरकार की 2,000 करोड़ रुपये की स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए रखा गया था, लेकिन हमें राजनीतिक कारणों से राज्य सरकार द्वारा नामित नहीं किया गया था. इतना ही नहीं, पत्र में उन्होंने उल्लेख किया कि केंद्र सरकार के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से 1,500 करोड़ रुपये भी राज्य के निर्णय के लिए आसनसोल नहीं आये. आसनसोल को वंचित रखा गया है.

पढ़ें : नौकरियां देने का वादा निभाने में नाकाम रहीं ममता : मुकुल रॉय

भाजपा ने इस मुद्दे पर तिवारी का समर्थन करते हुए ममता सरकार पर निशाना साधा है. आसनसोल के सांसद बाबुल सुप्रिया ने ट्वीट किया, मैंने बार-बार कहा है कि आसनसोल को राज्य से वंचित किया जा रहा है. अंत में, जितेंद्र तिवारी ने सच्चाई का खुलासा किया.

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बाबुल सुप्रिया का ट्वीट

वहीं भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने लिखा, आसनसोल के मेयर और टीएमसी के विधायक जितेंद्र तिवारी ने ममता बनर्जी की सरकार पर केंद्र की योजना से आसनसोल को वंचित रखने और स्मार्ट सिटी के रूप में इसके विकास को बाधित करने का आरोप लगाया है.

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अमित मालवीय का ट्वीट
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