नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस ने राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर देश के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tuhar Mehta) को उनके पद से हटाने की मांग की है. सोमवार को तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) और शुखेंदु शेखर राय (Sukhendu Sekhar roy) दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले और ज्ञापन सौंपा.
दरअसल यह मामला भाजपा नेता, पश्चिम बंगाल में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी से जुड़ा हुआ है. एक जुलाई को शुभेंदु अधिकारी दिल्ली में थे और उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. बताया जा रहा है कि कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास पर गृह मंत्री से मिलने के बाद शुभेंदु अधिकारी सीधे अकबर रोड स्थित सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के आवास पहुंचे. बताया जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी और तुषार मेहता के बीच आधे घंटे तक मुलाकात हुई.
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मेहता का ट्वीट, कोई बातचीत नहीं हुई
शुभेंदु अधिकारी की मुलाकात तुषार मेहता से होने की खबरें आने के बाद जब तृणमूल कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए तो तुषार मेहता ने ट्वीट कर जानकारी दी कि शुभेंदु उनके आवास पर उनको बिना सूचना दिए आए. उनके बीच न तो कोई मुलाकात हुई और न ही कोई बातचीत हुई.
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सच बोलने का रिकॉर्ड अच्छा नहीं : महुआ मोइत्रा
महुआ मोइत्रा ने सॉलिसिटर जनरल के बारे में कहा कि उनके सच बोलने का रिकॉर्ड कुछ अच्छा नहीं रहा है. इससे पहले दो अवसरों पर हम देख चुके हैं कि वह कितना सच बोलते हैं. कोरोना महामारी के दौरान जब एक तरफ हजारों प्रवासी मजदूर सड़कों पर थे तब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि सड़क पर कोई प्रवासी मजदूर नहीं है. दूसरी बार उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कोई दिक्कत नहीं है. जबकि महामारी के दूसरे दौर में जनता ऑक्सीजन के लिए त्राहि त्राहि कर रही थी.
मॉनसून सत्र में मुद्दा उठाएगी टीएमसी
संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है. ऐसे में तृणमूल सांसद इस मुद्दे को संसद में भी उठाने की तैयारी में हैं. तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा शुभेंदु अधिकारी को बचाना चाहती है और इसलिए शुभेंदु, गृहमंत्री से मुलाकात के बाद सीधे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मिलने पहुंचे. यदि देश केसॉलिसिटर जनरल गृह मंत्री के इशारे पर काम कर रहे हैं तो शुभेंदु के खिलाफ दर्ज मामलों में सीबीआई द्वारा निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है? तृणमूल सांसदों ने कहा है कि संविधान की अस्मिता को बचाए रखने के लिए सॉलिसिटर जनरल को उनके पद से हटाया जाना चाहिए.
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गौरतलब है कि अधिकारी 2016 के नारद टेप मामले में आरोपी हैं और मेहता उच्चतम न्यायालय और कलकत्ता उच्च न्यायालय में इस मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का पक्ष रखते हैं.