नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मिलने पहुंचा. टीएमसी के इस सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में पश्चिम बंगाल सरकार के 4 मंत्री, 2 विधायक और सांसद दीपक अधिकारी मौजूद रहे. जिन्होंने जल शक्ति मंत्री के समक्ष 8 सूत्री मांगें रखीं.
बैठक के बाद दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि भाखड़ा मास्टर डैम, दामोदर पराकर बेसिन से पानी छोड़ने के कारण बाढ़ की समस्या पर चर्चा की गई. इसके अलावा उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, मालदा आदि क्षेत्र बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो रहे हैं.
मालदा और मुर्शिदाबाद में नदियां उफान पर हैं. भागीरथ- हुगली नदी में कटाव के कारण आठ जिलों में समस्या है. जो कि फरक्का से शुरू होकर नबिया, उत्तर 26 परगना, कोलकाता, हावड़ा, हुगली, दक्षिण 26 परगना में व्यापक असर देखा जा सकता है.
तृणमूल सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने बताया कि बाढ़ के कारण क्षेत्र में जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. इन समस्याओं के लिए तृणमूल सरकार के मंत्री, विधायकों और सांसदों ने एक प्रोजेक्ट भी केंद्रीय मंत्री को सौंपा है. इसके क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक मदद मांगी है.
इसके अलावा दीघा-शंकरपुर समुद्री तट यास और अन्य समुद्री तूफान के बाद से ही क्षतिग्रस्त हैं. सुंदरबन एनबैंकमेन्ट को भी तूफान से काफी क्षति पहुंची है. सुंदरबन एक विश्व हेरिटेज साइट है लेकिन उसका पूरा हरित क्षेत्र बर्बाद हो चुका है. साथ ही स्थानीय जनजीवन पर भी संकट है.
सुखेंदु शेखर रॉय ने बताया कि राज्य सरकार ने योजनाओं के माध्यम से तमाम प्रयास किए और पर्याप्त पैसे भी खर्च किए हैं लेकिन राज्य सरकार की क्षमता सीमित है. इसलिए अब केंद्र से मदद की दरकार है. सांसद दीपक अधिकारी ने इन विषयों को लोकसभा और राज्य सभा में भी उठाया था. इस विषय में केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के अधिकारियों को भी प्रतिनिधिमंडल ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट सौंपी है.
यह भी पढ़ें-Covid Vaccine : भारत ने तोड़े रिकॉर्ड, एक ही दिन में 1.09 करोड़ + टीके
तृणमूल सांसद ने केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के साथ हुई चर्चा को सकारात्मक बताते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि आगे सरकार का रवैया सकारात्मक रहेगा. साथ ही तृणमूल सांसद सुखेंदु शेखर ने कहा कि सरकार का रवैया देखने के बाद यदि बंगाल सरकार की तरफ से कुछ और करने की आवश्यकता दिखी तो वह जरूर करेंगे.