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केदारधाम में सोने की परत लगाने पर भड़के पुरोहित, कहा- छेड़छाड़ से गर्भगृह में लगी आग, करेंगे भूख हड़ताल

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगाने और गर्भगृह में आग लगने से तीर्थ पुरोहित भड़क गए हैं. उन्होंने इसे पौराणिक परंपराओं के साथ खिलवाड़ बताया है. उनका कहना है कि पहले से ही मंदिर के गर्भगृह में चांदी की परत विराजमान है. छेड़छाड़ की वजह से गर्भगृह में आग भी लगी है. अगर जबरन सोना लगाया तो आंदोलन के साथ भूख हड़ताल शुरू करेंगे.

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Published : Sep 15, 2022, 7:00 PM IST

Updated : Sep 17, 2022, 12:55 PM IST

रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में स्थित विश्व विख्यात केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में चारों दीवारों पर सोने की परत लगाया जा रहा है. इसके लिए महाराष्ट्र के एक शख्स ने सोना दान दिया है, लेकिन केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित मंदिर के भीतर सोने की परत लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं. तीर्थ पुरोहितों का आरोप है कि मंदिर की पौराणिक परंपराओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस छेड़छाड़ के कारण ही मंदिर के गर्भगृह में आग लगने की घटना हुई है, इसलिए मंदिर के भीतर किसी भी हाल में सोना नहीं लगाने दिया जाएगा. यदि जबरन सोना लगाया जाता है तो इसका घोर विरोध किया जाएगा.

केदारनाथ धाम के गर्भगृह में चांदी की परत विराजमानः दरअसल, केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की चारों दिवारों और चारों स्तंभों पर सोने की परत लगाई जा रही है. वर्तमान में मंदिर के गर्भगृह में चांदी की परत विराजमान है. जो चांदी की परत यहां लगाई गई है, उसका वजन लगभग 230 किलो तक है. ऐसे में यहां लगाए जाने वाली सोने का वजन भी 230 किलो तक होगा. गर्भगृह में स्थित बाबा केदार का छत्र एवं जलहरी भी चांदी के हैं. यहां लगाई गई चांदी को भी 2017 में एक भक्त ने दान किया था.

केदारनाथ धाम के गर्भगृह में सोने की परत लगाने पर भड़के पुरोहित.

गर्भगृह में सोने की परत लगाने पर बीकेटीसी ने भरी थी हामीः कुछ समय पहले महाराष्ट्र के एक दानदाता यात्री केदारनाथ पहुंचे थे और उन्होंने चांदी के स्थान पर सोने की परत लगाने की इच्छा जाहिर की थी. जिस पर बदरी केदार मंदिर समिति ने भी हामी भर दी. बदरी केदार मंदिर समिति (Badrinath Kedarnath Temple Committee) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इसके लिए बकायदा शासन से अनुमति मांगी. मंदिर के भीतर चांदी की परत उतारने के बाद ट्रायल के रूप में तांबे की परत लगाई जा रही हैं.
ये भी पढ़ेंः केदारनाथ धाम में हो रहा आस्था से खिलवाड़, यूट्यूबर और ब्लॉगर पर लग सकता है बैन, जानें वजह

केदारनाथ मंदिर की दीवारों पर छेद करने पर तीर्थ पुरोहितों में उबालः तांबे की परतों को लगाकर डिजाइन, फिटिंग आदि का कार्य किया जाएगा. जैसे ही यह तांबे की परतें फिट बैठेंगी, उसके बाद सोने की परतें लगाई जाएंगी. उधर, जैसे ही मंदिर के भीतर सोने की परतें लगाए जाने की भनक केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों को लगी तो उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. इस सोने की परत लगाने के लिए मंदिर के भीतर ड्रिल मशीन से भी छेद किए जा रहे हैं. मंदिर की दीवारों पर छेद होने से तीर्थ पुरोहितों में उबाल (Tirth Purohit Angry Over Gold Layering) आ गया है. उनका कहना है कि केदारनाथ मंदिर में छेड़छाड़ करने से गर्भगृह में आग लगी है.

किसी भी सूरत में नहीं लगाने दी जाएगी सोने की परतः केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि मंदिर के भीतर किसी भी हाल में सोने की परत (Gold Layer on Kedarnath Sanctorum) नहीं लगाने दी जाएगी. सोने की परत लगाने जाने से मंदिर की पौराणिक परंपराओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. मंदिर के भीतर जो चार स्तंभ विराजमान हैं, उनमें भगवान का वास है. उनकी तीर्थ पुरोहित समाज की ओर से पूजा की जाती है. जबरन सोना मढ़ना सही नहीं है. मंदिर के भीतर किसी भी स्थान पर सोने की परत नहीं लगानी दी जाएगी. यदि जबरन सोने की परत लगाए जाने की कोशिश की जाती है तो इसका घोर विरोध किया जाएगा. जरूरत पड़ी तो तीर्थ पुरोहित विरोध में भूख हड़ताल करने के लिए बाध्य हो जाएंगे.

पौराणिक परंपराओं के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहींः तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ मोक्ष धाम है. राजा परीक्षित ने जब कलियुग को बंदी बनाया था तो कलियुग ने अपने लिए सोने और चांदी स्थान को मांगा था. केदारनाथ मोक्ष धाम है और इस मोक्ष धाम के गर्भगृह में यदि कलियुग को बैठाया जाएगा तो कैसे यहां आने वाले यात्रियों को मोक्ष धाम की प्राप्ति होगी. इस मोक्ष धाम के दरवाजे पर भी चांदी लगाया गया है, जो कि सरासर गलत है. ये हमारे सनातन धर्म के खिलाफ है. सभी हिंदुओं को एकजुट होकर मंदिर के अंदर लगाए जाने वाले सोने का विरोध करना होगा.
ये भी पढ़ेंः हरिद्वार के तीर्थ स्थलों पर युवतियां बना रहीं Instagram Reels, पुरोहित नाराज

रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में स्थित विश्व विख्यात केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में चारों दीवारों पर सोने की परत लगाया जा रहा है. इसके लिए महाराष्ट्र के एक शख्स ने सोना दान दिया है, लेकिन केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित मंदिर के भीतर सोने की परत लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं. तीर्थ पुरोहितों का आरोप है कि मंदिर की पौराणिक परंपराओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस छेड़छाड़ के कारण ही मंदिर के गर्भगृह में आग लगने की घटना हुई है, इसलिए मंदिर के भीतर किसी भी हाल में सोना नहीं लगाने दिया जाएगा. यदि जबरन सोना लगाया जाता है तो इसका घोर विरोध किया जाएगा.

केदारनाथ धाम के गर्भगृह में चांदी की परत विराजमानः दरअसल, केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की चारों दिवारों और चारों स्तंभों पर सोने की परत लगाई जा रही है. वर्तमान में मंदिर के गर्भगृह में चांदी की परत विराजमान है. जो चांदी की परत यहां लगाई गई है, उसका वजन लगभग 230 किलो तक है. ऐसे में यहां लगाए जाने वाली सोने का वजन भी 230 किलो तक होगा. गर्भगृह में स्थित बाबा केदार का छत्र एवं जलहरी भी चांदी के हैं. यहां लगाई गई चांदी को भी 2017 में एक भक्त ने दान किया था.

केदारनाथ धाम के गर्भगृह में सोने की परत लगाने पर भड़के पुरोहित.

गर्भगृह में सोने की परत लगाने पर बीकेटीसी ने भरी थी हामीः कुछ समय पहले महाराष्ट्र के एक दानदाता यात्री केदारनाथ पहुंचे थे और उन्होंने चांदी के स्थान पर सोने की परत लगाने की इच्छा जाहिर की थी. जिस पर बदरी केदार मंदिर समिति ने भी हामी भर दी. बदरी केदार मंदिर समिति (Badrinath Kedarnath Temple Committee) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इसके लिए बकायदा शासन से अनुमति मांगी. मंदिर के भीतर चांदी की परत उतारने के बाद ट्रायल के रूप में तांबे की परत लगाई जा रही हैं.
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केदारनाथ मंदिर की दीवारों पर छेद करने पर तीर्थ पुरोहितों में उबालः तांबे की परतों को लगाकर डिजाइन, फिटिंग आदि का कार्य किया जाएगा. जैसे ही यह तांबे की परतें फिट बैठेंगी, उसके बाद सोने की परतें लगाई जाएंगी. उधर, जैसे ही मंदिर के भीतर सोने की परतें लगाए जाने की भनक केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों को लगी तो उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. इस सोने की परत लगाने के लिए मंदिर के भीतर ड्रिल मशीन से भी छेद किए जा रहे हैं. मंदिर की दीवारों पर छेद होने से तीर्थ पुरोहितों में उबाल (Tirth Purohit Angry Over Gold Layering) आ गया है. उनका कहना है कि केदारनाथ मंदिर में छेड़छाड़ करने से गर्भगृह में आग लगी है.

किसी भी सूरत में नहीं लगाने दी जाएगी सोने की परतः केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि मंदिर के भीतर किसी भी हाल में सोने की परत (Gold Layer on Kedarnath Sanctorum) नहीं लगाने दी जाएगी. सोने की परत लगाने जाने से मंदिर की पौराणिक परंपराओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. मंदिर के भीतर जो चार स्तंभ विराजमान हैं, उनमें भगवान का वास है. उनकी तीर्थ पुरोहित समाज की ओर से पूजा की जाती है. जबरन सोना मढ़ना सही नहीं है. मंदिर के भीतर किसी भी स्थान पर सोने की परत नहीं लगानी दी जाएगी. यदि जबरन सोने की परत लगाए जाने की कोशिश की जाती है तो इसका घोर विरोध किया जाएगा. जरूरत पड़ी तो तीर्थ पुरोहित विरोध में भूख हड़ताल करने के लिए बाध्य हो जाएंगे.

पौराणिक परंपराओं के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहींः तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ मोक्ष धाम है. राजा परीक्षित ने जब कलियुग को बंदी बनाया था तो कलियुग ने अपने लिए सोने और चांदी स्थान को मांगा था. केदारनाथ मोक्ष धाम है और इस मोक्ष धाम के गर्भगृह में यदि कलियुग को बैठाया जाएगा तो कैसे यहां आने वाले यात्रियों को मोक्ष धाम की प्राप्ति होगी. इस मोक्ष धाम के दरवाजे पर भी चांदी लगाया गया है, जो कि सरासर गलत है. ये हमारे सनातन धर्म के खिलाफ है. सभी हिंदुओं को एकजुट होकर मंदिर के अंदर लगाए जाने वाले सोने का विरोध करना होगा.
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Last Updated : Sep 17, 2022, 12:55 PM IST
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