नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और जम्मू-कश्मीर पुलिस से पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों से सहानुभूति रखने वाले ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) पर नकेल कसने को कहा है.
नॉर्थ ब्लॉक में 1:30 घंटे चली लंबी बैठक के बाद, गृह मंत्रालय ने राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) से आतंकी मामलों की जांच में तेजी लाने की बात कही है. जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं के बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक हुई. भल्ला के अलावा, बैठक में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी, एनआईए/सीआरपीएफ के डीजी, बीएसएफ के डीजी, इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख और अन्य ने मौजूद रहे.
बैठक में आतंकवादियों द्वारा स्थानीय युवाओं की भर्ती रणनीति की जांच के विकल्पों पर भी चर्चा हुई. साथ ही ड्रोन के जरिए हथियार गिराने की चुनौती से निपटने के लिए व्यापक रणनीति तैयार करने पर भी चर्चा हुई.
बता दें कि पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य जैसे आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के युवाओं की भर्ती करते हैं और विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए छोटे-छोटे संगठन बनाते हैं. वहीं, लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) पर हाल ही में हुई जम्मू-कश्मीर में नागरिकों की हत्या का आरोप लगाया गया है.
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जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह और खुफिया प्रमुख रश्मि रंजन स्वैन ने घाटी में मौजूदा स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुति दी. उल्लेखनीय है कि पिछले डेढ़ माह में अब तक 14 नागरिक मारे जा चुके हैं.