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Tight security in Tamil Nadu: आरएसएस के रूट मार्च के चलते तमिलनाडु में कड़ी सुरक्षा - तमिलनाडु में आरएसएस का रूट मार्च

आरएसएस के रूट मार्च के चलते तमिलनाडु में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. आरएसएस राज्य के 45 स्थानों पर रूट मार्च किया. इससे पहले आरएसएस ने कहा था कि अगर उसके मार्च के दौरान आतंकी हमला होता है तो उसे सुरक्षा प्रदान करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होगी.

Tight security in Tamil Nadu
तमिलनाडु में आरएसएस का रूट मार्च
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Published : Apr 16, 2023, 1:56 PM IST

Updated : Apr 16, 2023, 7:38 PM IST

तमिलनाडु में आरएसएस का रूट मार्च

चेन्नई: तमिलनाडु के तिरुपत्तूर जिला स्थित अंबूर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की ओर से रूट मार्च किया गया. रैली से पहले आरएसएस ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और संकल्प लिया. बाद में महिलाओं ने फूल बरसा कर रैली की शुरुआत की. रैली अंबूर बाइपास से शुरू होकर मुख्य सड़कों से होते हुए वापस बायपास पर समाप्त हुई. इस रैली के लिए तिरुपत्तूर जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. बालकृष्णन भी सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं. वर्तमान में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 5 डीएसपी, 23 निरीक्षक, 63 सहायक निरीक्षक, विशेष सहायक निरीक्षक और 601 कांस्टेबल सुरक्षा में तैनात हैं.

आरएसएस के रूट मार्च के चलते तमिलनाडु पुलिस ने राज्य भर में सुरक्षा बढ़ा दी है. आरएसएस राज्य के 45 स्थानों पर रूट मार्च करेगा. रूट मार्च रविवार शाम 4 बजे से शाम 6 बजे तक चला और प्रत्येक समापन बिंदु पर सभा हुई. गौरतलब है कि आरएसएस ने अक्टूबर 2022 में रूट मार्च निकालने का अनुरोध किया था लेकिन तमिलनाडु पुलिस ने यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि झड़पें हो सकती हैं. पुलिस ने केंद्र सरकार द्वारा सितंबर 2022 में इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने का हवाला दिया और कहा कि अगर आरएसएस का रूट मार्च होता है तो राज्य के कुछ हिस्सों में उनपर हमले हो सकते हैं और उन पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है.

आरएसएस ने मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ से संपर्क किया. कोर्ट ने केवल तीन स्थानों कुड्डालोर, पेर्मबलूर और कल्लाकुरिची क्षेत्रों में मार्च आयोजित करने की अनुमति दी. 6 नवंबर, 2022 को मार्च निकाला गया और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. आरएसएस ने बाद में मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया, जिसने एकल पीठ के आदेश को रद्द करते हुए पूरे राज्य में रूट मार्च करने की अनुमति दी, तब राज्य सरकार ने खंडपीठ के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी, लेकिन शीर्ष अदालत ने अपील खारिज कर दी और मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ के फैसले को बरकरार रखा.

तमिलनाडु के डीजीपी सी सिलेंद्रबाबू ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर आरएसएस को राज्य भर में 45 स्थानों पर रूट मार्च करने की अनुमति दी. राज्य के उन सभी इलाकों में जहां रूट मार्च होना है, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है.

ये भी पढ़ें- Tamil Nadu Govt To SC On RSS March : तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, आरएसएस के मार्च पर 'व्यावहारिक तरीके' ढूंढेगे

पुलिस ने आरएसएस को रूट मार्च के दौरान छड़ी या 'डंडा' (आमतौर पर आरएसएस के रूट मार्च में, कैडर डंडा लेकर चलते हैं) नहीं चलाने का निर्देश दिया है और मार्च के दौरान या बाद में उत्तेजक नारे या भाषण नहीं देने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने आरएसएस को एम्बुलेंस सेवाओं सहित अपनी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया है.

(एजेंसी-इनपुट)

तमिलनाडु में आरएसएस का रूट मार्च

चेन्नई: तमिलनाडु के तिरुपत्तूर जिला स्थित अंबूर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की ओर से रूट मार्च किया गया. रैली से पहले आरएसएस ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और संकल्प लिया. बाद में महिलाओं ने फूल बरसा कर रैली की शुरुआत की. रैली अंबूर बाइपास से शुरू होकर मुख्य सड़कों से होते हुए वापस बायपास पर समाप्त हुई. इस रैली के लिए तिरुपत्तूर जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. बालकृष्णन भी सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं. वर्तमान में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 5 डीएसपी, 23 निरीक्षक, 63 सहायक निरीक्षक, विशेष सहायक निरीक्षक और 601 कांस्टेबल सुरक्षा में तैनात हैं.

आरएसएस के रूट मार्च के चलते तमिलनाडु पुलिस ने राज्य भर में सुरक्षा बढ़ा दी है. आरएसएस राज्य के 45 स्थानों पर रूट मार्च करेगा. रूट मार्च रविवार शाम 4 बजे से शाम 6 बजे तक चला और प्रत्येक समापन बिंदु पर सभा हुई. गौरतलब है कि आरएसएस ने अक्टूबर 2022 में रूट मार्च निकालने का अनुरोध किया था लेकिन तमिलनाडु पुलिस ने यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि झड़पें हो सकती हैं. पुलिस ने केंद्र सरकार द्वारा सितंबर 2022 में इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने का हवाला दिया और कहा कि अगर आरएसएस का रूट मार्च होता है तो राज्य के कुछ हिस्सों में उनपर हमले हो सकते हैं और उन पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है.

आरएसएस ने मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ से संपर्क किया. कोर्ट ने केवल तीन स्थानों कुड्डालोर, पेर्मबलूर और कल्लाकुरिची क्षेत्रों में मार्च आयोजित करने की अनुमति दी. 6 नवंबर, 2022 को मार्च निकाला गया और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. आरएसएस ने बाद में मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया, जिसने एकल पीठ के आदेश को रद्द करते हुए पूरे राज्य में रूट मार्च करने की अनुमति दी, तब राज्य सरकार ने खंडपीठ के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी, लेकिन शीर्ष अदालत ने अपील खारिज कर दी और मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ के फैसले को बरकरार रखा.

तमिलनाडु के डीजीपी सी सिलेंद्रबाबू ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर आरएसएस को राज्य भर में 45 स्थानों पर रूट मार्च करने की अनुमति दी. राज्य के उन सभी इलाकों में जहां रूट मार्च होना है, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है.

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पुलिस ने आरएसएस को रूट मार्च के दौरान छड़ी या 'डंडा' (आमतौर पर आरएसएस के रूट मार्च में, कैडर डंडा लेकर चलते हैं) नहीं चलाने का निर्देश दिया है और मार्च के दौरान या बाद में उत्तेजक नारे या भाषण नहीं देने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने आरएसएस को एम्बुलेंस सेवाओं सहित अपनी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया है.

(एजेंसी-इनपुट)

Last Updated : Apr 16, 2023, 7:38 PM IST
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