दरभंगा : दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) के शिशु रोग विभाग में इलाज के दौरान एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत होने से पूरा परिवार सदमे में है. इसके साथ ही ढाई साल के मासूम ने भी कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया.
एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत
मधुबनी जिले के विस्फी थाना क्षेत्र के इटहरवा गांव निवासी राम पुनीत यादव 28 मई की शाम को अपने तीन बच्चे को इलाज के लिए डीएमसीएच के शिशु रोग विभाग में भर्ती करवाया. दो दिन के अंदर तीनों बच्चे ने बारी-बारी से दम तोड़ दिया.
- 29 मई की देर शाम चंदन और पूजा की मौत हो गई.
- 30 मई को आरती की भी मौत हो गई.
- एक पखवाड़े पहले उनके एक बेटे की बीमारी से मौत हो चुकी थी. बच्चों की मौत ने दंपती को पूरी तरह तोड़ दिया.
''अगर सही तरीके से बच्चों का इलाज किया जाता तो बच्चों की जान बच सकती थी. अस्पताल प्रशासन ने उचित इलाज नहीं किया. तीनों बच्चे की मौत के बाद माता-पिता की हालत काफी खराब है. उनका इलाज दरभंगा के एक निजी अस्पताल में चल रहा है.''- संतोष कुमार, मृत बच्चों के परिजन
''तीनों बच्चों के शरीर में खून की कमी थी. इसके साथ सभी निमोनिया बीमारी से ग्रस्त थे. पहले गांव में, फिर निजी अस्पताल में इलाज करवाने के बाद जब स्थिति नाजुक हो गयी तो यहां लाया गया. यहां के चिकित्सकों के द्वारा बेहतर से बेहतर इलाज किया जा रहा था. लेकिन तीनों बच्चों को नहीं बचाया जा सका. उन लोगों की कोरोना जांच की रिपोर्ट भी नेगेटिव आयी थी.''- के.एन. मिश्रा, प्राचार्य, दरभंगा मेडिकल कॉलेज
ढाई साल के मासूम की कोरोना से मौत
इधर, कोरोना की चपेट में अब बच्चे भी आने लगे हैं. रविवार की शाम को DMCH में इलाज के क्रम में ढाई साल के बच्चे की कोरोना से मौत हो गई. मौत की खबर के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और बच्चे की डेड बॉडी को कोविड प्रोटोकॉल के हिसाब से परिजनों को सौंपते हुए एम्बुलेंस से मधुबनी भेज दिया. दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस उम्र में बच्चे की कोरोना से मौत का मामला पहला है.
पोस्ट मेनिनजाइटिस हाइड्रोकैफेलस से ग्रसित था बच्चा
''कोरोना से पीड़ित बच्चे को एक साल पहले मैनेनजाइटिस हुआ था. उसके शरीर मे खून की काफी कमी थी. वह एक साल से गंभीर रूप से बीमार चल रहा था. उसका इलाज पहले दरभंगा के निजी अस्पताल में चल रहा था. वह पोस्ट मेनिनजाइटिस हाइड्रोकैफेलस से ग्रसित था. उसके माथे पर वीपी शंट लगा हुआ था.''- के.एन. मिश्रा, प्राचार्य, दरभंगा मेडिकल कॉलेज
पटना में बच्चा निकला था कोरोना पॉजिटिव
जब उसका इलाज दरभंगा के निजी अस्पताल में संभव नहीं हो पाया तो उसे न्यूरोलॉजिकल इलाज के लिए उदयन हॉस्पिटल पटना ले जाया गया. जहां न्यूरो सर्जन के द्वारा उसका इलाज किया जा रहा था. इलाज के दौरान ही उसकी आरटीपीसीआर जांच करायी गयी थी, जिसमें वह पॉजिटिव निकला था. उसकी बीमारी की स्थिति के अनुसार उस बच्चे को पटना एम्स रेफर किया जाना था, लेकिन टेक्निकल वेंटिलेटर पर उसे डीएमसीएच लाया गया.
बच्चे को बचाने का किया गया पूरा प्रयास
''यहां पर आने के बाद उसे आईसीयू में रखा गया. जहां उसकी गहन चिकित्सा की गई. चूंकि वह एक साल से गंभीर एवं जटिल बीमारी से ग्रसित था और उसके शरीर में खून की काफी कमी थी. जिसके कारण 30 मई 2021 के सुबह 6 बजे भर्ती किया गया था तथा 30 मई को ही शाम 4:30 बजे उसकी मृत्यु हो गई.''- के.एन. मिश्रा, प्राचार्य, दरभंगा मेडिकल कॉलेज
इधर, जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने बच्चों की हुई मौत को लेकर सरकार पर सवाल उठाया है. पूर्व सांसद पप्पू यादव के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से सोमवार को ट्वीट कर लिखा गया, '' डीएमसीएच, दरभंगा में चार बच्चों की मौत कोरोना से हुई. यह पहली बार है इतनी संख्या में बच्चे कोरोना के शिकार हुए हैं. साफ संकेत है तीसरी लहर का कहर शुरू हो गया है. सरकारें अपनी पीठ थपथपाने में मस्त हैं."
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DMCH दरभंगा में चार बच्चों की मौत कोरोना से हुई।यह पहली बार है इतनी संख्या में बच्चे कोरोना के शिकार हुए हैं।
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) May 30, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
साफ संकेत है तीसरा लहर का कहर शुरू हो गया है। सरकारें अपनी पीठ थपथपाने में मस्त है।निर्दयी PM मन की बात करने में, तो स्वास्थ्य मंत्री दोषारोपण की राजनीति में व्यस्त हैं।
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— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) May 30, 2021
साफ संकेत है तीसरा लहर का कहर शुरू हो गया है। सरकारें अपनी पीठ थपथपाने में मस्त है।निर्दयी PM मन की बात करने में, तो स्वास्थ्य मंत्री दोषारोपण की राजनीति में व्यस्त हैं।DMCH दरभंगा में चार बच्चों की मौत कोरोना से हुई।यह पहली बार है इतनी संख्या में बच्चे कोरोना के शिकार हुए हैं।
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साफ संकेत है तीसरा लहर का कहर शुरू हो गया है। सरकारें अपनी पीठ थपथपाने में मस्त है।निर्दयी PM मन की बात करने में, तो स्वास्थ्य मंत्री दोषारोपण की राजनीति में व्यस्त हैं।
उन्होंने आगे लिखा, "निर्दयी प्रधानमंत्री मन की बात करने में, तो स्वास्थ्य मंत्री दोषारोपण की राजनीति में व्यस्त हैं." पप्पू यादव चारों बच्चों की मौत को भले ही कोरोना से हुई मौत बता रहे हैं, जबकि अस्पताल ने सिर्फ एक बच्चे को कोरोना पॉजिटिव बताया है.
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CM साहब
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) May 31, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
करबद्ध निवेदन है बिहार के बच्चों को कोरोना के तीसरे लहर के कहर से बचा लीजिए।ये नौनिहाल आपके खस्ताहाल अस्पतालों को झेल नहीं पाएंगे
अविलंब हस्तक्षेप कीजिए।अन्यथा,मां-बाप के आंखों के तारे टूटेंगे,मां की गोद सूनी होगी तो मर्माहत ममता के क्रोध से सारे तख्त-ओ-ताज बिखर जाएंगे।
">CM साहब
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) May 31, 2021
करबद्ध निवेदन है बिहार के बच्चों को कोरोना के तीसरे लहर के कहर से बचा लीजिए।ये नौनिहाल आपके खस्ताहाल अस्पतालों को झेल नहीं पाएंगे
अविलंब हस्तक्षेप कीजिए।अन्यथा,मां-बाप के आंखों के तारे टूटेंगे,मां की गोद सूनी होगी तो मर्माहत ममता के क्रोध से सारे तख्त-ओ-ताज बिखर जाएंगे।CM साहब
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) May 31, 2021
करबद्ध निवेदन है बिहार के बच्चों को कोरोना के तीसरे लहर के कहर से बचा लीजिए।ये नौनिहाल आपके खस्ताहाल अस्पतालों को झेल नहीं पाएंगे
अविलंब हस्तक्षेप कीजिए।अन्यथा,मां-बाप के आंखों के तारे टूटेंगे,मां की गोद सूनी होगी तो मर्माहत ममता के क्रोध से सारे तख्त-ओ-ताज बिखर जाएंगे।
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बता दें कि राज्य में कोरोना के दूसरी लहर की रफ्तार धीमी पड़ गई है. रविवार को राज्य में 1,475 नए मरीज मिले हैं. एक्टिव मरीजों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की जा रही है.