नई दिल्ली : फ्रांस से तीन और राफेल भारत पहुंच रहे हैं. फ्रांस में भारतीय दूतावास ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी. संयुक्त राष्ट्र अमीरात (यूएई) में हवा में उड़ान के दौरान इनमें ईंधन भरा गया. इनके आने से भारत की वायुसेना और मजबूत होगी. पहले पांच राफेल भारत आए थे.
भारत द्वारा फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपए की लागत से 36 विमानों की खरीद के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के लगभग चार साल बाद पांच राफेल जेट का पहला बैच 29 जुलाई को भारत आया था.
क्या है इस विमान की खासियत
![पांच राफेल पहले आ चुके हैं](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10401561_rafel.jpg)
यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है. राफेल लड़ाकू जेट SNECMA के दो M88-2 इंजन द्वारा संचालित होता है. प्रत्येक इंजन 75kN का थ्रस्ट प्रदान करता है. राफेल फाइटर जेट एक-दूसरे की उड़ान के दौरान मदद कर सकते हैं.
METEOR - विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल होता है, जो दुश्मन के विमानों को 100 किलोमीटर से अधिक की रेंज में देख सकता है. SCALP मिसाइल 300 किलोमीटर की दूरी पर ऑन-ग्राउंड टारगेट को निकाल सकती हैं.
राफेल SCALP मिसाइल है, जो एक सटीक लॉन्ग रेंज ग्राउंड से मिसाइल से लैस अटैक करने में सक्षम होती है. यह 300 किलोमीटर के दायरे में टारगेट करने में सक्षम होती है.
राफेल एक समय में कई मिसाइलों को साथ ले जा सकता है. प्रत्येक एएएसएम मिसाइल में जीपीएस और इमेजिंग इन्फ्रारेड टर्मिनल मार्गदर्शन होता है. यह सटीक रूप से 10 मीटर की सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद सकता है. इसके अलावा इसमें एक होलोग्राफिक कॉकपिट डिस्प्ले होता है. यह एक बार में आठ लक्ष्यों को निशाना बना सकता है.