नई दिल्ली : चीन के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच भारतीय वायु सेना को और मजबूती मिल रही है. फ्रांस से तीन और राफेल भारत पहुंच रहे हैं. ये फाइटर फ्लेन गुजरात के जामनगर आएंगे.
भारत ने लगभग 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. पांच राफेल जेट विमानों की पहली खेप पिछले साल 29 जुलाई को भारत पहुंची थी.
तीन राफेल जेट फ्रांस से आ रहे हैं और मध्य पूर्व में उन्हें रिफिलिंग प्रदान की गई. सरकारी सूत्रों ने बताया कि वे जामनगर एयरबेस पर उतरेंगे. इस महीने की शुरुआत में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के वायु सेना प्रमुख के रूप में पदभार संभालने के बाद फ्रांस से आने वाला राफेल का यह पहला बैच है. फ्रांस से आने वाले विमानों को अंबाला में गोल्डन एरो स्क्वाड्रन और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में 101 स्क्वाड्रन में तैनात किया जाएगा.
राफेल विमान की खासियत
- दुनिया के सबसे ताकतवर लडाकू विमानों में शुमार राफेल एक मिनट में 60 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है.
- ये विमान एक मिनट में 2500 राउंड फायरिंग की क्षमता रखता है.
- इसकी अधिकतम स्पीड 2130 किमी/घंटा है और ये 3700 किमी तक मारक क्षमता रखता है.
- इस विमान में एक बार में 24,500 किलो तक का वजन ले जाया जा सकता है, जो कि पाकिस्तान के एफ-16 से 5300 किलो ज्यादा है.
- राफेल न सिर्फ फुर्तीला है, बल्कि इससे परमाणु हमला भी किया जा सकता है. पाकिस्तान के सबसे ताकतवर फाइटर जेट एफ-16 और चीन के जे-20 में भी ये खूबी नहीं है.
- हवा से लेकर जमीन तक हमला करने की काबिलियत रखने वाले राफेल में 3 तरह की मिसाइलें लगती हैं. हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल. हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल और तीसरी है हैमर मिसाइल. इन मिसाइलों से लैस होने के बाद राफेल काल बनकर दुश्मनों पर टूट पड़ेगा.
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(एएनआई)