कोय्युरू: आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है. देश को आजाद हुए 75 साल से ज्यादा का समय हो गया गया है, इन 75 सालों में कितनी सरकारें आईं लेकिन अल्लूरी सीताराम राजू जनपद का सुदूर स्थित कोय्युरू आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम है. कोय्युरू में सड़क नहीं होने के कारण आज भी मरीजों को जान से हाथ धोना पड़ता है.
तीन महीने की बच्ची की मौत: बीते शनिवार को कोय्युरू गांव में समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण तीन महीने की बच्ची की जान चली गयी. पीड़ित के परिवार से मिली जानकारी के मुताबिक अल्लूरी सीताराम राजू जिले के गुडेम कोथा विधी (Gudem Kotha Veedhi) और कोय्युरू मंडल की सीमा पर मर्रिपकालु गांव के ग्राम स्वयंसेवक कोर्रा सत्थीबाबू की बेटी साई (3 महीने) का स्वास्थ्य बिगड़ गया. बेटे के इलाज के लिए सत्थीबाबू पैदल चलकर मल्लिकार्जुला गांव गए और वहां से उन्हें दोपहिया वाहन पर चिंतापल्ली अस्पताल ले जाया गया. चूंकि बच्चे की हालत ज्यादा खराब थी, इसलिए नरसीपट्टनम और वहां से विशाखापट्टनम केजीएच ले जाते समय उसकी मौत हो गई.
ये भी पढ़ें- |
अब शव को वापस ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं था, इसलिए स्थानीय भाजपा नेता पाडेरू ने आईटीडीए के पीओ को इसकी जानकारी दी और एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई. वे गुडेनकोट्टावीधि मंडल के मल्लिकार्जुला गांव तक जाने में सक्षम थे लेकिन सड़क की हालत खराब होने के कारण उन्हें दोपहिया वाहन पर बैठाकर वहां से 18 किलोमीटर दूर ले जाया गया. लड़के के माता-पिता ने रोते हुए कहा कि अगर सड़क सुविधाजनक होती तो उनकी बच्ची बच जाती.