लखनऊ: राजधानी के अलीगंज थाना क्षेत्र स्थित हनुमान मंदिर में बृहस्पतिवार शाम जिहादियों की तरफ से एक पत्र मिला है. जिसमें लखनऊ में पकड़े गए आतंकियों को 14 अगस्त से पहले रिहा करने की मांग की गई है. साथ ही धमकी दी गई कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो शहर के बड़े मंदिर व आरएसएस के दफ्तर को निशाना बनाया जाएगा. ऐसे में मंदिर प्रशासन की तरफ से शुक्रवार को ज्वाइंट कमिश्नर अपराध नीलाब्जा चौधरी को पूरे मामले की जानकारी दी गई है. जेसीपी अपराध नीलाब्जा चौधरी ने मामले में क्राइम टीम को जांच के आदेश दिये हैं.
त्रिवेदी नगर डाकघर से भेजा गया यह पत्र
मिली जानकारी के मुताबिक, अलीगंज में नया हनुमान मंदिर बना है. इस मंदिर के प्रशासन को गुरुवार को धमकी वाली चिट्ठी मिली. मंदिर में मौजूद उत्कर्ष वाजपेई ने जब उस चिट्ठी को खोला तो उनके होश उड़ गए. उत्कर्ष बाजपेई ने बताया कि चिट्ठी में लिखा है कि पकड़े गए आतंकियों (लखनऊ में पकड़े गए आतंकी) को 14 अगस्त से पहले छोड़ने की मांग की गई है.
ऐसा न करने पर बड़े मंदिर व आरएसएस के कार्यालयों को निशाना बनाने की धमकी दी गई है. उत्कर्ष की मानें तो पत्र के लिफाफे पर प्रबंधक नया हनुमान मंदिर लिखा हुआ था. वहीं भेजने वाले के नाम की जगह खदरा के मदेयगंज इलाके में रहने वाले जोगिंदर सिंह का नाम लिखा हुआ था. पत्र पर लगे डाक टिकट के जरिए पता चलता है कि उसको त्रिवेणी नगर डाकघर से भेजा गया है.
ये लिखा है पत्र में
अखलाक आप हजरात को अदा करता हूं कि हमारे जिन मुजाहिदों (आतंकियों) को आप की हुकूमत की इनतिहाई फिरकापरस्त सोच की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें फौरन रिहा कर दिया जाए. उनकी कौम के सब्र का इम्तिहान न लिया जाए. अगर ऐसा न किया गया तो उन्हें मजबूरन हथियार उठाने पड़ेंगे. उस सूरत में लखनऊ शहर के बड़े मंदिर और आरएसएस के दफ्तर हमारे निशाने पर पहले से ही हैं. पूरे शहर में 10 हिंदू हजरता आप पर हमारी खास तवज्जो भी है, जो कि इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं. वह इन सब के गले रेतकर उन्हें जल्दी ही दोजक की आग में झोंक देंगे और आपकी काफिर पुलिस के जो मुलाजिम बेगुनाहों मुसलमानों को फंसा कर जेल भेज रहे हैं. उनका हिसाब भी किया जाएगा. हिंदू औरतों के जिस्म पर इस्लाम का अजाब भर दिया जाएगा. इतना कहर बरपा देंगे कि आपकी हुकूमत हिल जाएगी. यही नहीं कोई यह न सोचे कि उन्हें किसी का खौफ है. हम सिर्फ अल्लाह से ही डरते हैं और इसीलिए वह अपना नाम भी खुले तौर पर लिख रहे हैं. हमें ढूंढने की कोशिश मत करना. आप को हिंदुस्तान यौमे आजादी यानी कि 15 अगस्त से 1 दिन पहले तक का वक्त दिया जा रहा है. आगे के अंजाम के जिम्मेदार आप खुद होंगे. एक दिन आएगा जब इस मुल्क में निजाम-ए-मुस्तफा कायम करेंगे. सबका इंसाफ होगा और जुल्म का इंतकाम लिया जाएगा.