नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union home minister Amit Shah) ने मंगलवार को कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) का निदेशक कौन है, क्योंकि जो कोई भी इस पद पर होगा, वह विकास विरोधी मानसिकता रखने वाले परिवारवादियों के बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पर नजर रखेगा. उच्चतम न्यायालय द्वारा ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्रा को तीसरा कार्यकाल विस्तार दिए जाने को अवैध ठहराये जाने और उनका विस्तारित सेवाकाल 31 जुलाई तक सीमित किये जाने के कुछ घंटे बाद शाह ने यह कहा.
सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी का कार्यकाल 18 नवंबर, 2023 तक निर्धारित था. शाह ने कहा, 'ईडी मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर खुशी मना रहे लोग विभिन्न कारणों से भ्रम में हैं. सीवीसी(केंद्रीय सतर्कता आयोग) अधिनियम में संशोधन, जिसे संसद द्वारा विधिवत पारित किया गया था, को बरकरार रखा गया है.'
उन्होंने कहा कि भ्रष्ट और कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए ईडी की शक्तियां पहले जैसी हैं क्योंकि यह एक ऐसी संस्था है जो किसी व्यक्ति विशेष से परे है और यह अपने मुख्य उद्देश्य को प्राप्त करने के प्रति लक्षित है, यानी धन शोधन और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन के अपराधों की जांच करना. उन्होंने कहा, 'इसतरह, यह महत्वपूर्ण नहीं है कि ईडी का निदेशक कौन है, क्योंकि जो कोई भी इस पद पर होगा, वह विकास विरोधी मानसिकता रखने वाले 'परिवारवादियों के क्लब' के बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पर नजर रखेगा.'
ये भी पढ़ें - केंद्र सरकार को SC से झटका, कहा- ED निदेशक का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाना अवैध
(पीटीआई-भाषा)