नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को कहा कि इस साल भारत का हज कोटा 1.75 लाख हजयात्रियों का होगा. उन्होंने लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत रॉय के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. ईरानी ने कहा, 'मंत्रालय ने हज प्रबंधन को लेकर राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की हज समितियों सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ कई बार चर्चा की थी, जिस दौरान पुराने हज कोटा की बहाली का आग्रह किया गया था.'
उन्होंने बताया, 'हज 2023 के लिए सऊदी अरब के साथ वार्षिक द्विपक्षीय समझौते के तहत इस मुद्दे का निदान किया गया. कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद इस साल के लिए 1,75,025 हजयात्रियों का वास्तविक हज कोटा बहाल कर दिया गया है.' उन्होंने कहा कि हज कोटा में इजाफे के कारण अब सरकार विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से और लोगों को हज के लिए भेज सकेगी. बता दें कि बीते माह ही केंद्र सरकार ने हज में 'वीआईपी कोटा' खत्म करने का फैसला किया था.
देश के आम लोगों को इससे फायदा होगा और इस धार्मिक यात्रा में 'वीआईपी कल्चर' खत्म हो जाएगा. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने जानकारी देते हुए कहा था कि 'यह (हज में वीआईपी कोटा खत्म करने का) फैसला हो चुका है. प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल के प्रथम दिन ही वीआईपी कल्चर खत्म करने का संकल्प राष्ट्र के समक्ष प्रस्तुत किया था.' ईरानी ने कहा, 'हज कमेटी और हज यात्रा को लेकर संप्रग सरकार के समय वीआईपी कल्चर स्थापित किया गया था. इसके अंतर्गत संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों के पास हज का विशेष कोटा होता था.'
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उन्होंने बताया था कि 'प्रधानमंत्री ने अपना कोटा राष्ट्र को समर्पित किया, ताकि इसमें वीआईपी संस्कृति नहीं रहे और आम हिंदुस्तानी को सुविधा मिले. राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और मैंने भी अपना कोटा छोड़ा है. हमने हज कमेटी से चर्चा की कि आप वीआईपी कल्चर छोड़ दें और कोटा समाप्त कर दें. सभी राज्यों की हज कमेटियों ने इसका समर्थन किया.'
(पीटीआई-भाषा)