सूरत: सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कुछ देशों में भी रॉयल एनफील्ड बाइक्स के दीवानों की कमी नहीं है. लेकिन सूरत के देसाई परिवार के पास रॉयल एनफील्ड की एक ऐसी बाइक है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गई है. यह बाइक पैडल से भी चलती है और सालों पुरानी है. सिर्फ यह रॉयल एनफील्ड बाइक ही नहीं, बल्कि ऐसी कई विंटेज बाइक्स सूरत के देसाई परिवार के पास है.
दरअसल सिद्धार्थ देसाई के पिता कृपलानी देसाई को बाइक्स का बहुत शौक था और उनका शौक धीरे-धीरे जुनून में बदल गया. अपने पिता के बारे में सिद्धार्थ देसाई बताते हैं कि पिताजी को बाइक्स का बहुत शौक था. खासकर वे विंटेज बाइक्स खरीदते थे. वे अपने द्वारा एकत्रित की गई बाइकों की देखभाल भी करते थे. आज भी इन बाइक्स की देखभाल के लिए खास तौर पर एक मैकेनिक भी रखा गया है.
सिद्धार्थ बताते हैं कि इन सभी बाइक्स की महीने में चार से पांच बार सर्विसिंग होती है. इस कलेक्शन की खास बात यह है कि इसमें तीन बाइक्स ऐसी हैं, जिनका इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध में किया गया था. इन बाइक्स में बीएसए, ट्रायम्फ और नॉर्टन कंपनी की बाइक्स शामिल हैं. ये तीनों बाइक्स फिलहाल हमारे पास हैं और हम इनकी देखभाल कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि विश्व युद्ध में इस्तेमाल की गई बाइक्स को अंग्रेज भारत लाए थे और पुलिस ने यहां उनका इस्तेमाल किया था.
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उन्होंने बताया कि इन बाइक्स का रजिस्ट्रेशन भारत में ही हुआ था, लेकिन इन्हें बाहर से लाया गया था. मौजूदा समय में पास बीएमडब्ल्यू, एरियल, लैम्ब्रेटा, येज्दी और जावा समेत कई कंपनियों की विंटेज बाइक्स हैं. ये बाइक्स ज्यादातर ब्रिटिश और जर्मन कंपनियों द्वारा निर्मित हैं. सिद्धार्थ ने बताया कि कई बाइक्स को उनके पिता ने दोगुनी कीमत देकर खरीदा था. उनके पिता ने इन बाइक्स को ऐसे लोगों से खरीदा था, जिनके पास ये स्क्रैप में रखी हुई थीं.