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कोरोना काल में मरीजों की सेवा के लिए ये शिक्षक बन गया ऑटो ड्राइवर - मरीजों को एम्बुलेंस सेवा

पेशे से शिक्षक लेकिन बन गये ऑटो रिक्शा चालक. ऑटो रिक्शा चलाना उनकी कोई मजबूरी नहीं, बल्कि परोपरकारी की निशानी है. जी हां, इस शिक्षक ने कोरोना मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है. ये शिक्षक मुंबई के घाटकोपर निवासी दत्तात्रेय सावंत हैं.

एक शिक्षक बन गया ऑटो चालक
एक शिक्षक बन गया ऑटो चालक
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Published : May 3, 2021, 1:50 PM IST

मुंबईः महाराष्ट्र में कोविड मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में कई मरीजों को एम्बुलेंस सेवा नहीं मिलती है. कई कोविड मरीज को एम्बुलेंस ना मिलने के कारण वक्त पर इलाज नहीं मिल पाता. जिससे कई मरीजों की मौत हो जाती है. ऐसे मरीजों के लिए मुंबई के एक शिक्षक ऑटो रिक्शा चला रहे हैं. दत्तात्रेय सावंत कोविड मरीजों को अस्पताल और घर पहुंचाने के लिए कोई पैसा भी नहीं लेते हैं.

शिक्षक दे रहा मुफ्त ऑटो सेवा

ऑटोरिक्शा चलाने वाले दत्तात्रेय सावंत मुंबई के घाटकोपर इलाके में रहते हैं. वह ध्यानसागर विद्या मंदिर स्कूल में अंग्रेजी के शिक्षक हैं. मुंबई में कोविड मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण दत्तात्रेय ने उन्हें निःशुल्क ऑटो सेवा देने का निश्चय किया. पिछले कुछ दिनों से वह उत्तर पूर्वी मुंबई में ये सेवा देते आ रहे हैं जिसकी लोग सराहना कर रहे हैं.

पढ़ेंः तीन मई : भारत की पहली फीचर फिल्म के प्रदर्शन का दिन

अब तक 26 मरीजों को दी सेवा

सावंत ने अब तक 26 कोविड मरीजों और उनके रिश्तेदारों को निःशुल्क सेवा दी है. सावंत कहते हैं कि मरीजों को कोविड सेंटर या अस्पताल तक ले जाने और अस्पताल से घर पहुंचाते हैं. इस दौरान वो कोरोना से जुड़ी सभी सावधानियां बरतते हैं. सावंत के मुताबिक मुंबई में बढ़ती मरीजों की तादाद के कारण कई मरीज एम्बुलेंस सेवा नहीं मिल पाती. जरूरतमंदर मरीजों को तो सही वक्त पर सरकारी मदद नहीं मिलती और निजी एम्बुलेंस का खर्च वहन करना गरीब मरीज के लिए असंभव हो जाता है. यहां तक कि सार्वजनिक परिवहन कोविड मरीजों को किसी भी प्रकार की सेवा नहीं दे रहे हैं. ऐसे वक्त में मैंने मुफ्त सेवा शुरू की जिससे कोविड मरीजों को सही वक्त पर अस्पताल पहुंचा सकूं. उन्होंनेकहा कि ये सेवा वो तब तक देते रहंगे जब तक कोरोना की स्थिति नियंत्रण में नहीं आ जाती. कोरोना संकट काल में जहां सगे रिश्ते भी बेगाने हो रहे हैं वहां दत्तात्रेय सावंत इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे हैं.

मुंबईः महाराष्ट्र में कोविड मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में कई मरीजों को एम्बुलेंस सेवा नहीं मिलती है. कई कोविड मरीज को एम्बुलेंस ना मिलने के कारण वक्त पर इलाज नहीं मिल पाता. जिससे कई मरीजों की मौत हो जाती है. ऐसे मरीजों के लिए मुंबई के एक शिक्षक ऑटो रिक्शा चला रहे हैं. दत्तात्रेय सावंत कोविड मरीजों को अस्पताल और घर पहुंचाने के लिए कोई पैसा भी नहीं लेते हैं.

शिक्षक दे रहा मुफ्त ऑटो सेवा

ऑटोरिक्शा चलाने वाले दत्तात्रेय सावंत मुंबई के घाटकोपर इलाके में रहते हैं. वह ध्यानसागर विद्या मंदिर स्कूल में अंग्रेजी के शिक्षक हैं. मुंबई में कोविड मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण दत्तात्रेय ने उन्हें निःशुल्क ऑटो सेवा देने का निश्चय किया. पिछले कुछ दिनों से वह उत्तर पूर्वी मुंबई में ये सेवा देते आ रहे हैं जिसकी लोग सराहना कर रहे हैं.

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अब तक 26 मरीजों को दी सेवा

सावंत ने अब तक 26 कोविड मरीजों और उनके रिश्तेदारों को निःशुल्क सेवा दी है. सावंत कहते हैं कि मरीजों को कोविड सेंटर या अस्पताल तक ले जाने और अस्पताल से घर पहुंचाते हैं. इस दौरान वो कोरोना से जुड़ी सभी सावधानियां बरतते हैं. सावंत के मुताबिक मुंबई में बढ़ती मरीजों की तादाद के कारण कई मरीज एम्बुलेंस सेवा नहीं मिल पाती. जरूरतमंदर मरीजों को तो सही वक्त पर सरकारी मदद नहीं मिलती और निजी एम्बुलेंस का खर्च वहन करना गरीब मरीज के लिए असंभव हो जाता है. यहां तक कि सार्वजनिक परिवहन कोविड मरीजों को किसी भी प्रकार की सेवा नहीं दे रहे हैं. ऐसे वक्त में मैंने मुफ्त सेवा शुरू की जिससे कोविड मरीजों को सही वक्त पर अस्पताल पहुंचा सकूं. उन्होंनेकहा कि ये सेवा वो तब तक देते रहंगे जब तक कोरोना की स्थिति नियंत्रण में नहीं आ जाती. कोरोना संकट काल में जहां सगे रिश्ते भी बेगाने हो रहे हैं वहां दत्तात्रेय सावंत इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे हैं.

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