लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार के प्राविधिक शिक्षा मंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) ने युवाओं को भारत का 'भाग्य विधाता' करार देते हुए कहा कि 'यह दशक भारत के भविष्य के लिए निर्णायक होगा और यह तय करेगा कि भारत विश्व पटल पर क्या भूमिका निभाएगा.' ठीक दो माह पहले प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल किए गए युवा नेता के अनुसार, 'छात्र और युवा देश के नेतृत्व से प्रभावित हैं और उन्हें भरोसा है कि वह निश्चित ही भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.'
जितिन प्रसाद (48) ने दावा किया कि प्रदेश में जिस तरह का माहौल है, उसमें उन्हें कोई शक नहीं है कि भाजपा आने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly elections) में 'तीन सौ' पार के अपने पिछले प्रदर्शन से भी आगे जायेगी. उन्होंने कहा, 'मैं तो देख रहा हूं, पूरे सामर्थ्य से भाजपा का कार्यकर्ता और शीर्ष नेतृत्व मेहनत कर रहा है. यह दर्शाता है कि पार्टी हर चुनाव को गंभीरता से लेती है. रुझान साफ है और मैं 100 प्रतिशत दावे के साथ कह सकता हूं कि 300 पार का जो पिछला रिकॉर्ड है, भाजपा उसको भी पार कर जाएगी.'
उनके इस दावे का आधार क्या है, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'देखिए यूपी में कानून-व्यवस्था इतनी सुदृढ़ हुई है कि परिवर्तन साफ दिखता है. पहले हम कहते थे कि उत्तर प्रदेश आइए तो लोग कहते थे कि दक्षिण भारत जाएंगे, हमें यहां सुरक्षा नहीं मिलती, बिजनेस फ्रेंडली एनवायरमेंट (कारोबार अनुकूल माहौल) नहीं मिलता. लेकिन अब यहां निवेश हो रहा है, पांच अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट उप्र में हो जाएंगे और यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. यह उप्र के भविष्य के लिए आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा.' उन्होंने कहा, 'एक्सप्रेस-वे के जरिये यूपी का कायाकल्प हो रहा है. मुझे पूरा विश्वास है कि हमें प्रदेश की जनता का आशीर्वाद मिलेगा और आप देखिएगा कि राज्य हर पैमाने में अव्वल होगा.'
कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में मंत्री रह चुके जितिन प्रसाद ने इसी वर्ष जून में कांग्रेस से नाता तोड़ भाजपा में शामिल होने की घोषणा की थी. भाजपा में शामिल होने के करीब तीन माह बाद उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में प्राविधिक शिक्षा विभाग का मंत्री बनाया गया.
प्रसाद ने बताया कि मंत्रालय संभालने के दो माह के भीतर ही वह 20 जिलों का दौरा कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि इस दौरान खासतौर से पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों के साथ उनकी बातचीत हुई और छात्रों की समस्याओं से सीधे रूबरू होने का मौका मिला. निजी विद्यालयों और महाविद्यालयों में मनमानी फीस और छात्रों के उत्पीड़न के शिकायतों पर उन्होंने कहा, 'अभी मुझे कुछ ही दिन हुए हैं और आपकी बात सटीक है. फीस के मामले में मनमानापन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'
प्रसाद ने कहा, 'मैं खुद ही इस बात को लेकर प्रतिबद्ध हूं. हाल ही में मैंने निर्देश दिए हैं चाहे इंजीनियरिंग कॉलेज हो, चाहे पॉलिटेक्निक, वह अपना 'फीस स्ट्रक्चर' सार्वजनिक करें, अपनी वेबसाइट में डालें और कहीं कोई शिकायत छात्र-छात्रा की आए तो उसके लिए पोर्टल बनाया जाए और मंत्रालय से लेकर तकनीकी विवि एकेटीयू (अब्दुल कलाम प्राविधिक शिक्षा विश्वविद्यालय) लखनऊ में भी.'
प्राविधिक शिक्षा के क्षेत्र में नया क्या कर रहे हैं, इस सवाल के जवाब में प्रसाद ने कहा, 'कोशिश यही है कि रोजगारपरक शिक्षा होनी चाहिए. मैंने खुद देखा है, चाहे ग्रामीण क्षेत्र के हों या जहां से आते हों मगर हमारे उप्र के छात्र छात्राओं की प्रतिभा 'वर्ल्ड क्लास' है. 'टैलेंटेड' लोग हैं.' मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री जी का भी यही कहना है कि प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए हमें अवसर प्रदान करना है. सिर्फ मदद नहीं देनी है क्योंकि मदद लाचार बना देती है. उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर अवसर पैदा करना है ताकि अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल कर वह आगे बढ़ सकें.'
उनके विभाग में जो संस्थान हैं वहां ज्यादातर छात्रों की उम्र 18 वर्ष के आस पास और उसके ऊपर है तो क्या चुनाव से पहले इसे नये मतदाताओं से जोड़कर देखा जाना चाहिए? प्रसाद ने कहा, 'मैं इनको मतदाता के रूप में नहीं देखता हूं, मैं इनको भारत के भाग्य विधाता के रूप में देखता हूं. ये वो ऊर्जा है जो प्रधानमंत्री मोदी से बहुत प्रभावित भी है और उनके मार्गदर्शन में भारत के लिए कुछ योगदान देना चाहती है.'
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और नरसिंह राव के राजनीतिक सलाहकार रह चुके कांग्रेस के कद्दावर नेता पंडित जितेंद्र प्रसाद के पुत्र जितिन प्रसाद ने भाजपा में शामिल होने से पहले ब्राह्मण चेतना परिषद के जरिये ब्राह्मण समुदाय के 'सम्मान, स्वाभिमान और हक' के लिए एक मुहिम शुरू की थी. यह माना जा रहा है कि ब्राह्मण समुदाय में एक वर्ग की कथित नाराजगी को दूर करने के लिए प्रसाद को महत्व दिया गया है.
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इस सवाल पर कि सभी राजनीतिक दल जाति आधारित राजनीति कर रहे हैं, आप इसे किस नजरिये से देखते हैं, प्रसाद ने कहा कि जहां तक भाजपा का सवाल है, उसके लिए सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास, यही मूल मंत्र है और इसी के दृष्टिगत कार्य किये जा रहे हैं. लक्ष्य यही है कि यूपी की जनता के जीवन में परिवर्तन आए, सुधार आये और उनके रहन सहन का स्तर बढ़िया हो और समग्र विकास हो. इसी के तहत प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री काम कर रहे हैं. बाकी जो जाति और अन्य चीजों पर चर्चा हो रही है जनता इससे आगे बढ़ चुकी है. इसी कारण भाजपा को इतना बड़ा बहुमत मिल रहा है, क्योंकि भाजपा सबको आगे लेकर बढ़ रही है.'
ब्राह्मणों की भाजपा से नाराजगी की चर्चा पर प्रसाद ने कहा, 'कहने वाले कहते रहें, मगर मैं पूर्ण विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हर समाज का बहुमत भाजपा के प्रति नजर आता है और एकतरफा है. जहां तक ब्राह्मण समाज की बात है तो हम तो सार्वजनिक जीवन में हैं तो सबको साथ लेकर चलते हैं, लेकिन कोई समाज की बात करता है तो अगर किसी का उत्पीड़न हो रहा है. तो हम लोग तत्पर हैं कि उसे न्याय मिले और जहां तक मदद संभव हो सकती है वह की जाती है और आगे भी करेंगे.'
जितिन प्रसाद उप्र की तराई पट्टी के शाहजहांपुर के हैं और जब उनसे इस क्षेत्र के विकास को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'हमारा जो क्षेत्र हैं वह कृषि प्रधान हैं काफी चीनी मिलें और उद्योग लगे हैं, लेकिन एक तो बाढ़ प्रभावित रहता है और दूसरा शिक्षा के संस्थान दूसरे क्षेत्रों के मुकाबले कम हैं. मेरा प्रयास रहेगा कि एक राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज की शाहजहांपुर में स्थापना हो, जिससे आस-पास के जिले के लोगों को भी बेहतर शिक्षा मिले.'
गांधी (सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी) परिवार के नजदीकी होने के बावजूद कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर प्रसाद ने कहा, 'मैंने पहले भी बताया था कि बहुत सोच विचार के बाद दल परिवर्तन का फैसला किया और यह कोई क्षणिक निर्णय नहीं था कि किसी से नाराज हो गये और हमारा टिकट कट गया या पद न मिला हो. मैंने विभिन्न बिंदुओं पर विचार किया और यह देखा कि जो एक मजबूत, सशक्त नेतृत्व प्रधानमंत्री मोदी का है उन्हीं से प्रभावित होकर मैंने यह फैसला भी लिया.'
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उन्होंने कहा, 'यह कोई साधारण नेतृत्व नहीं है. क्योंकि, जो विभिन्न कार्य हो रहे हैं वह उस सोच से हो रहे हैं कि देश मजबूत कैसे हो, जो परिवर्तन हो रहा है उससे आमजन की भलाई कैसे हो. यह सब ऐसे कार्य हो रहे हैं जो दर्शाता है कि प्रधानमंत्री मोदी की सोच जनहित की समस्याओं को तो प्राथमिकता पर लेने की है, जनसमर्थन को साथ लेकर वह समस्याओं का निस्तारण करने में विश्वास रखते हैं.' प्रसाद ने साथ में जोड़ा 'ऐसे ही नहीं वह विश्व के सबसे प्रसिद्ध प्रधानमंत्री बन गये. यह गौरव की बात है कि भारत के प्रधानमंत्री की विश्व स्तर की स्वीकार्यता है.'
जब उनसे पूछा गया कि आप प्रधानमंत्री से प्रभावित होकर भाजपा में आये लेकिन संयोग ऐसा बना कि आपको केंद्र की राजनीति छोड़कर प्रदेश में आना पड़ा और यहां आपको मंत्री बनाया गया तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ काम करते हुए कैसा लग रहा है? उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री सबकी स्वीकृति से मुझे सदस्यता मिली तो मैं अपने को भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे इतने बड़े नेताओं के साथ उनके मार्गदर्शन में काम करने का सौभाग्य मिल रहा है. केंद्र हो या राज्य इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. जो लक्ष्य है लोगों की सेवा करने का और जनता के हितों की रक्षा करने का इससे बड़ा सौभाग्य क्या होगा कि अपने गृह प्रदेश में मुझे दायित्व दिया गया और पार्टी ने मुझ पर विश्वास किया और यह जिम्मेदारी दी है.'
(पीटीआई भाषा)