नागपुर : केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को महाराष्ट्र के नागपुर में एक कार्यक्रम में कहा कि हमारे देश में बहुत आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस मिलता है और इसलिए उन्होंने इसे गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि देश में 30 प्रतिशत ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी हैं. एक-एक आदमी के नाम चार-चार ड्राइविंग लाइसेंस हैं. मैंने सभी फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया है.
उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं से समाज और राष्ट्र पर जबर्दस्त बोझ पड़ता है और सड़क दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मौत होने से 91.16 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.
गडकरी ने सेव लाइफ फाउंडेशन के सहयोग से तैयार विश्व बैंक की रिपोर्ट 'सड़क दुर्घटनाओं में आकस्मिक अभिघात एवं दिव्यांगता: भारतीय समाज पर बोझ' जारी करते हुए कहा कि उनका मंत्रालय इस चिंताजनक परिदृश्य को लेकर गरीबों के हितों की रक्षा के लिये नीतियां बनाएगा और कई सुधारात्मक कदम उठाएगा.
दुनिया में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौत भारत में होती हैं. देश में प्रतिवर्ष 4.5 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है जबकि 4.5 लाख से अधिक लोग दिव्यांग हो जाते हैं. इसके अलावा देश के सकल घरेलू उत्पाद के 3.14 प्रतिशत हिस्से का नुकसान हो जाता है.
गडकरी ने विश्व बैंक की रिपोर्ट को आंखें खोलने वाला करार देते हुए कहा, 'सरकार के लिये प्रत्येक व्यक्ति का जीवन बहुमूल्य है, फिर चाहे वह गरीब परिवार से हो या अमीर परिवार से. शहरी इलाके से हो या ग्रामीण इलाके से। पुरुष हो या महिला या फिर समाज के किसी भी वर्ग से संबंध रखता हो. परिस्थितियां चिंताजनक हैं...कोविड-19 में बहुत मौतें हुई हैं...लेकिन यह कोविड-19 से भी अधिक खतरनाक है.'
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उन्होंने कहा कि भारत में किसी व्यक्ति के गंभीर रूप से घायल होने पर 3.65 लाख जबकि मामूली रूप से घायल होने पर 77,938 रुपये का नुकसान होता है और एक व्यक्ति की मौत होने से 91.16 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.
उन्होंने कहा, 'लिहाजा मौत होने पर हुआ नुकसान घायल होने पर होने से वाले नुकसान से 100 गुणा अधिक है. अगर हम सड़क दुर्घटना में किसी व्यक्ति को मौत से बचाने में सफल रहते हैं और किसी व्यक्ति को मामूली चोट लगती है तो हम प्रति व्यक्ति 90 लाख रुपये बचा सकते हैं.'