पुणे: देश में कोरोना का कहर अभी थमा नहीं है. हर दिन नए मामले सामने आ रहे हैं. इन सबके बीच कोरोना की तीसरी लहर का खतरा भी बरकरार है. कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा खतरा होने की बात कही जा रही है. इस मामले पर पुणे के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडवे ने बयान दिया है.
उन्होंने कहा कि यह कहना साहसिक होगा कि महाराष्ट्र में कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी. पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप देखा जा रहा है. एक के बाद नए वैरियंट भी सामने आ रहे हैं. डॉ. भोंडवे ने कहा कि जब भी कोरोना की नई लहर आती है तब नए वेरिएंट बनाने पड़ते हैं. वर्तमान में डेल्टा प्लस संस्करण AY4 विकसित किया जा रहा है और इसकी संख्या दिन प्रतिदिन दिन बढ़ती जा रही है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के बयान को साहसिक बताया. उन्होंने कहा कि अगस्त में डेल्टा प्लस रोगियों में वृद्धि हुई थी. राज्य में 137 मरीजों में नए वेरिएंट के लक्षण पाए गए हैं और अब 1 फीसदी हो गया है. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे समय बीतेगा वैसे-वैसे यह वैरियंट भी बढ़ता जाएगा. उन्होंने आम जनता को चेतावनी देते हुए कहा कि अब लोगों ने मास्क लगाना बंद कर दिया है. ऐसे में यह खतरा और बढ़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में टेस्टिंग दर भी कम हो गई है. वहीं, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी पहले जैसे नहीं रही.
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डॉ. अविनाश भोंडवे ने कहा कि लापरवाही बरतने से मरीजों की संख्या में इजाफा हो सकता है. उन्होंने कहा कि तीसरी लहर आ रही है कोरोना महामारी बढ़ता जा रहा है. जब लहर अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचती है, तो वह घटती भी है. भारत की तुलना में आज पश्चिमी देशों में जो हो रहा है उसे हम देख सकते हैं कि तीसरी और चौथी लहरें भी हैं. डॉ. भोंडवे ने कहा कि भारत में तीसरी लहर अक्टूबर या नवंबर में आ सकती है.