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सरकार तथ्यों और आंकड़ों को नकारे नहीं तभी तीसरी लहर का सामना संभव : आंनद शर्मा - कोरोना वायरस

कांग्रेस नेता ने कहा कि चाहे जवाहरलाल नेहरू की सरकार हो या नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार हो, हर सरकार का एक दायित्व है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर हृदय विदारक थी. उन्होंने कहा कि यह किसी पर दोषारोपण नहीं है क्योंकि यह एक त्रासदी है.

आंनद शर्मा
आंनद शर्मा
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Published : Jul 20, 2021, 6:49 PM IST

Updated : Jul 20, 2021, 7:48 PM IST

नई दिल्ली : कोविड महामारी की तीसरी लहर (third wave of covid) की आशंका को देखते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को सरकार को नसीहत दी कि वह तथ्यों और आंकड़ों को नकारे नहीं, तभी भविष्य (तीसरी लहर) का सामना किया जा सकता है. पार्टी ने सरकार से यह भी कहा कि कोविड से होने वाली मौतों के मामले में उसे उच्चतम न्यायालय का कोई आदेश आने से पहले ही मुआवजा तय कर देना चाहिए.

राज्यसभा में कोविड के बारे में हुई चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस (Congress) के उप नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को ऐसे बच्चों के लालन-पालन के लिए एक विशेष कोष बनाना चाहिए जिन्होंने कोविड के कारण अपने अभिभावकों को खो दिया है.

दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हो महामारी पर चर्चा

शर्मा ने कहा कि सदन में महामारी को लेकर होने वाली यह चर्चा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर की जानी चाहिए क्योंकि यह लाखों लोगों की पीड़ा से जुड़ा मामला है. उन्होंने कहा कि इसमें हमारे और आपके की बात नहीं बल्कि पूरे भारत की बात होनी चाहिए. अभी तक चर्चा में यह भावना देखने को नहीं मिली है.

शर्मा ने कहा कि हमें तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए और आंकड़ों को लेकर नहीं लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें अपने देश के वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और दवा निर्माताओं पर गर्व है. उन्होंने कहा कि भारत को दवा निर्माता के रूप में आज नहीं बल्कि 1990 के दशक में विश्व के सबसे बड़े दवा निर्माता के रूप में पहचान मिली थी.

कांग्रेस नेता ने कहा कि चाहे जवाहरलाल नेहरू की सरकार हो या नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार हो, हर सरकार का एक दायित्व है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर हृदय विदारक थी. उन्होंने कहा कि यह किसी पर दोषारोपण नहीं है क्योंकि यह एक त्रासदी है.

पढ़ें : कोरोना टीके की दोनों खुराक कब तक मिलेगी, सरकार ने संसद में दी जानकारी

उन्होंने कोरोना वायरस (Corona Virus) की तीसरी लहर को लेकर जताए जा रहे अनुमानों की ओर सरकार का ध्यान दिलाते हुए कहा कि किसी एक एजेंसी को यह तय करके बताना चाहिए कि ऐसी किसी अगली लहर के कब तक आने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि रोकथाम और एहतियात के मामले में पहली लहर के बाद थोड़ी शिथिलता और संतुष्टि का भाव आ गया था.

महामारी को लेकर सरकार को आगाह

शर्मा ने महामारी (Pandemic) को लेकर सरकार को आगाह कि यदि तथ्यों और वास्तविकताओं को नकारा जाता है तो फिर भविष्य का सामना नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि पूरे देश में ऑक्सीजन सहित सभी सुविधाओं को तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से तैयार अवस्था में रखना होगा.

उन्होंने कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं, एकजुटता दिखाने का है क्योंकि हमने देखा है कि राष्ट्रीय राजधानी में आम मरीजों के साथ डॉक्टरों की भी जान गयी है. हमें लोगों को बचाने की बात करनी चाहिए तथा अगली लहर की बात करनी चाहिए तभी शायद हम उससे बच पाएं.

उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि उसने ऑक्सीजन संयंत्रों (oxygen plants) को बनाने के बारे में जो घोषणाएं की थीं, उनमें से कितने संयंत्र बन गये हैं और कितने स्थापित कर दिये गये है. उन्होंने यह भी सवाल किया कि सरकारी आंकड़ों में कोविड के कारण हुयी मौतों के मामलों के अलावा जिन लोगों की कोविड के कारण मौत हुई है, सरकार को उनका भी आंकड़़ा उपलब्ध कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा राज्य स्तर, जिला स्तर और श्मशानों में अवश्य दर्ज किया जाता है.

शर्मा ने कहा कि सरकार को कोविड के कारण मारे गये लोगों के लिए मुआवजा तय करने में देर नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह काम तभी क्यों किया जाए जब इसके लिए उच्चतम न्यायालय आदेश दे. उन्होंने सरकार से ऐसे बच्चों के लिए विशेष कोष बनाने को कहा जिन्होंने अपने मां-बाप को कोविड के कारण गंवा दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : कोविड महामारी की तीसरी लहर (third wave of covid) की आशंका को देखते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को सरकार को नसीहत दी कि वह तथ्यों और आंकड़ों को नकारे नहीं, तभी भविष्य (तीसरी लहर) का सामना किया जा सकता है. पार्टी ने सरकार से यह भी कहा कि कोविड से होने वाली मौतों के मामले में उसे उच्चतम न्यायालय का कोई आदेश आने से पहले ही मुआवजा तय कर देना चाहिए.

राज्यसभा में कोविड के बारे में हुई चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस (Congress) के उप नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को ऐसे बच्चों के लालन-पालन के लिए एक विशेष कोष बनाना चाहिए जिन्होंने कोविड के कारण अपने अभिभावकों को खो दिया है.

दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हो महामारी पर चर्चा

शर्मा ने कहा कि सदन में महामारी को लेकर होने वाली यह चर्चा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर की जानी चाहिए क्योंकि यह लाखों लोगों की पीड़ा से जुड़ा मामला है. उन्होंने कहा कि इसमें हमारे और आपके की बात नहीं बल्कि पूरे भारत की बात होनी चाहिए. अभी तक चर्चा में यह भावना देखने को नहीं मिली है.

शर्मा ने कहा कि हमें तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए और आंकड़ों को लेकर नहीं लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें अपने देश के वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और दवा निर्माताओं पर गर्व है. उन्होंने कहा कि भारत को दवा निर्माता के रूप में आज नहीं बल्कि 1990 के दशक में विश्व के सबसे बड़े दवा निर्माता के रूप में पहचान मिली थी.

कांग्रेस नेता ने कहा कि चाहे जवाहरलाल नेहरू की सरकार हो या नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार हो, हर सरकार का एक दायित्व है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर हृदय विदारक थी. उन्होंने कहा कि यह किसी पर दोषारोपण नहीं है क्योंकि यह एक त्रासदी है.

पढ़ें : कोरोना टीके की दोनों खुराक कब तक मिलेगी, सरकार ने संसद में दी जानकारी

उन्होंने कोरोना वायरस (Corona Virus) की तीसरी लहर को लेकर जताए जा रहे अनुमानों की ओर सरकार का ध्यान दिलाते हुए कहा कि किसी एक एजेंसी को यह तय करके बताना चाहिए कि ऐसी किसी अगली लहर के कब तक आने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि रोकथाम और एहतियात के मामले में पहली लहर के बाद थोड़ी शिथिलता और संतुष्टि का भाव आ गया था.

महामारी को लेकर सरकार को आगाह

शर्मा ने महामारी (Pandemic) को लेकर सरकार को आगाह कि यदि तथ्यों और वास्तविकताओं को नकारा जाता है तो फिर भविष्य का सामना नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि पूरे देश में ऑक्सीजन सहित सभी सुविधाओं को तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से तैयार अवस्था में रखना होगा.

उन्होंने कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं, एकजुटता दिखाने का है क्योंकि हमने देखा है कि राष्ट्रीय राजधानी में आम मरीजों के साथ डॉक्टरों की भी जान गयी है. हमें लोगों को बचाने की बात करनी चाहिए तथा अगली लहर की बात करनी चाहिए तभी शायद हम उससे बच पाएं.

उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि उसने ऑक्सीजन संयंत्रों (oxygen plants) को बनाने के बारे में जो घोषणाएं की थीं, उनमें से कितने संयंत्र बन गये हैं और कितने स्थापित कर दिये गये है. उन्होंने यह भी सवाल किया कि सरकारी आंकड़ों में कोविड के कारण हुयी मौतों के मामलों के अलावा जिन लोगों की कोविड के कारण मौत हुई है, सरकार को उनका भी आंकड़़ा उपलब्ध कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा राज्य स्तर, जिला स्तर और श्मशानों में अवश्य दर्ज किया जाता है.

शर्मा ने कहा कि सरकार को कोविड के कारण मारे गये लोगों के लिए मुआवजा तय करने में देर नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह काम तभी क्यों किया जाए जब इसके लिए उच्चतम न्यायालय आदेश दे. उन्होंने सरकार से ऐसे बच्चों के लिए विशेष कोष बनाने को कहा जिन्होंने अपने मां-बाप को कोविड के कारण गंवा दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jul 20, 2021, 7:48 PM IST
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