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छत्तीसगढ़,मध्य प्रदेश कांग्रेस में बदलाव, अब राजस्थान की तैयारी ! - JAIPUR LATEST NEWS

पांच राज्यों की विधानसभा चुनाव के नतीजों से कांग्रेस खेमे में थोड़ी निराशा है.अखिल भारतीय कांग्रेस ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में संगठन और विधायक दल के लिए चेहरों का चुनाव कर लिया है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पीसीसी चीफ भी बदले गए हैं.ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान में कांग्रेस अपने संगठन और विधानसभा में मजबूत नेतृत्व देने के लिहाज से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर जल्द बदलाव कर सकती है.

राजस्थान में कांग्रेस संगठन में जल्द कर सकती है बदलाव
राजस्थान में कांग्रेस संगठन में जल्द कर सकती है बदलाव
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 16, 2023, 10:11 PM IST

जयपुर.मध्य प्रदेश और राजस्थान में मिली हार ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. पांच राज्यों की विधानसभा चुनाव के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में संगठन और विधायक दल के लिए चेहरों का चुनाव कर लिया है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पीसीसी चीफ भी बदले गए हैं, तो नेता प्रतिपक्ष स्वरूप नेता प्रतिपक्ष के नाम भी सामने आए हैं.

राजस्थान में भी पार्टी को इस तरह की हार की उम्मीद नहीं थी. अब लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी संगठन में अहम बदलाव करने को तैयार है. ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान में कांग्रेस अपने संगठन और विधानसभा में मजबूत नेतृत्व देने के लिहाज से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर जल्द बदलाव कर सकती है.

पढ़ें:संगरिया विधायक व सचिन पायलट के करीबी अभिमन्यु पूनिया बने राजस्थान यूथ कांग्रेस के नए अध्यक्ष

जल्द हो सकता है बदलाव: लोकसभा चुनाव में तैयारी का आह्वान करने के लिए कांग्रेस संगठन की ओर से रिव्यू बैठकों में आह्वान किया जा चुका है. विधानसभा चुनाव की हार को लेकर जिम्मेदारी तय करने का काम भी आलाकमान अपने स्तर पर पूरा करने के बाद अब इसे कभी भी जाहिर कर सकता है. ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान में कांग्रेस अपने संगठन और विधानसभा में मजबूत नेतृत्व देने के लिहाज से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर जल्द बदलाव कर सकती है. संभावना है कि पीसीसी चीफ के रूप में गोविंद सिंह डोटासरा को लोकसभा चुनाव तक पार्टी एक और मौका दे सकती है. ऐसी स्थिति में नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष के साथ-साथ कांग्रेस विधायक दल के सचेतक के रूप में चेहरों का चुनाव पार्टी को संभलकर करना होगा. गौरतलब है कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है, जबकि सीएलपी लीडर उमंग सिंगार को और हेमंत कटारे को डिप्टी सीएलपी लीडर बनाया गया है. वहीं छत्तीसगढ़ में चरण दास महंत को सीएलपी लीडर नियुक्त किया गया है , वहीं दीपक बैज प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे.

पढ़ें:युवा ब्रिगेड को MP कांग्रेस की कमान, पार्टी की डूबती हुई नैया को धार देंगे जीतू, उमंग और हेमंत

कांग्रेस में युवा कांग्रेस अध्यक्ष के बाद अब नेता प्रतिपक्ष: कांग्रेस लोकसभा चुनाव, परफॉरमेंस और समीकरण को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष का फ़ैसला ले सकती है. हालांकि मौजूदा परिस्थितियों में पांच नाम प्रमुखता के साथ चर्चाओं में है. इनमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, वरिष्ठ नेता और आदिवासी चेहरा महेंद्रजीत सिंह मालवीय, भाजपा के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ को चुनाव हराकर आने वाले एक और वरिष्ठ नेता नरेंद्र बुड़ानिया और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी का नाम चर्चाओं में है. हालांकि पार्टी में पूर्व मंत्री और वरिष्ठ जाट नेता हरेंद्र मिर्धा के नाम की भी चर्चा है. ऐसे में अगर जाट वर्ग से नेता प्रतिपक्ष नियुक्त होता है , तो फिर पीसीसी चीफ अन्य वर्ग से बनाया जाएगा और किसी भी तरह की फैसले से पहले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर निर्णय किए जाएंगे.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में हार के बाद कांग्रेस का बड़ा फैसला, चरणदास महंत होंगे नेता प्रतिपक्ष, दीपक बैज को दोबारा पीसीसी चीफ की कमान

जल्द फैसला करेगा कांग्रेस नेतृत्व: राजस्थान कांग्रेस में पीसीसी के प्रमुख का क्या चेहरा बदल जाएगा और क्या नेता प्रतिपक्ष का नाम तय हो चुका है, यह सवाल बीते दिनों राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से भी किया गया था. दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी की समीक्षा बैठक के बाद जब रंधावा मीडिया से रूबरू हुए तो उन्होंने इन सवालों का जवाब देते हुए पार्टी के नेतृत्व की ओर से इंतजार किए जाने की बात कही थी. रंधावा ने कहा कि कांग्रेस का हाई कमान इस बारे में जल्द फैसला लेकर तस्वीर साफ कर देगा.

पायलट का बढ़ेगा कद, ब्राह्मण चेहरे को मिलेगी तवज्जो!: राजस्थान कांग्रेस की गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि अभिमन्यु पूनिया को यूथ कांग्रेस की कमान देकर आलाकमान ने सचिन पायलट की ओर बदले हुए रुख का इशारा दे दिया है. ऐसे में इस बार गहलोत गुट की जगह सचिन पायलट के चेहरे को पार्टी प्रमुखता दे सकती है. यदि पायलट के रूप में ओबीसी नेता विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष या कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाते हैं, तो फिर एक चेहरा ब्राह्मण कार्ड के रूप में भी कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले अपनी रणनीति के हिस्से में रख सकती है. जिस तरह से बीजेपी ने ब्राह्मण चेहरे को तवज्जो देखकर सवर्ण जातियों को साधने का प्रयास किया और भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया, उसके बाद लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस भी किसी ब्राह्मण चेहरे को दो प्रमुख पोस्ट में से एक जगह स्थान दे सकती है.

जयपुर.मध्य प्रदेश और राजस्थान में मिली हार ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. पांच राज्यों की विधानसभा चुनाव के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में संगठन और विधायक दल के लिए चेहरों का चुनाव कर लिया है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पीसीसी चीफ भी बदले गए हैं, तो नेता प्रतिपक्ष स्वरूप नेता प्रतिपक्ष के नाम भी सामने आए हैं.

राजस्थान में भी पार्टी को इस तरह की हार की उम्मीद नहीं थी. अब लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी संगठन में अहम बदलाव करने को तैयार है. ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान में कांग्रेस अपने संगठन और विधानसभा में मजबूत नेतृत्व देने के लिहाज से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर जल्द बदलाव कर सकती है.

पढ़ें:संगरिया विधायक व सचिन पायलट के करीबी अभिमन्यु पूनिया बने राजस्थान यूथ कांग्रेस के नए अध्यक्ष

जल्द हो सकता है बदलाव: लोकसभा चुनाव में तैयारी का आह्वान करने के लिए कांग्रेस संगठन की ओर से रिव्यू बैठकों में आह्वान किया जा चुका है. विधानसभा चुनाव की हार को लेकर जिम्मेदारी तय करने का काम भी आलाकमान अपने स्तर पर पूरा करने के बाद अब इसे कभी भी जाहिर कर सकता है. ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान में कांग्रेस अपने संगठन और विधानसभा में मजबूत नेतृत्व देने के लिहाज से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर जल्द बदलाव कर सकती है. संभावना है कि पीसीसी चीफ के रूप में गोविंद सिंह डोटासरा को लोकसभा चुनाव तक पार्टी एक और मौका दे सकती है. ऐसी स्थिति में नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष के साथ-साथ कांग्रेस विधायक दल के सचेतक के रूप में चेहरों का चुनाव पार्टी को संभलकर करना होगा. गौरतलब है कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है, जबकि सीएलपी लीडर उमंग सिंगार को और हेमंत कटारे को डिप्टी सीएलपी लीडर बनाया गया है. वहीं छत्तीसगढ़ में चरण दास महंत को सीएलपी लीडर नियुक्त किया गया है , वहीं दीपक बैज प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे.

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कांग्रेस में युवा कांग्रेस अध्यक्ष के बाद अब नेता प्रतिपक्ष: कांग्रेस लोकसभा चुनाव, परफॉरमेंस और समीकरण को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष का फ़ैसला ले सकती है. हालांकि मौजूदा परिस्थितियों में पांच नाम प्रमुखता के साथ चर्चाओं में है. इनमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, वरिष्ठ नेता और आदिवासी चेहरा महेंद्रजीत सिंह मालवीय, भाजपा के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ को चुनाव हराकर आने वाले एक और वरिष्ठ नेता नरेंद्र बुड़ानिया और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी का नाम चर्चाओं में है. हालांकि पार्टी में पूर्व मंत्री और वरिष्ठ जाट नेता हरेंद्र मिर्धा के नाम की भी चर्चा है. ऐसे में अगर जाट वर्ग से नेता प्रतिपक्ष नियुक्त होता है , तो फिर पीसीसी चीफ अन्य वर्ग से बनाया जाएगा और किसी भी तरह की फैसले से पहले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर निर्णय किए जाएंगे.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में हार के बाद कांग्रेस का बड़ा फैसला, चरणदास महंत होंगे नेता प्रतिपक्ष, दीपक बैज को दोबारा पीसीसी चीफ की कमान

जल्द फैसला करेगा कांग्रेस नेतृत्व: राजस्थान कांग्रेस में पीसीसी के प्रमुख का क्या चेहरा बदल जाएगा और क्या नेता प्रतिपक्ष का नाम तय हो चुका है, यह सवाल बीते दिनों राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से भी किया गया था. दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी की समीक्षा बैठक के बाद जब रंधावा मीडिया से रूबरू हुए तो उन्होंने इन सवालों का जवाब देते हुए पार्टी के नेतृत्व की ओर से इंतजार किए जाने की बात कही थी. रंधावा ने कहा कि कांग्रेस का हाई कमान इस बारे में जल्द फैसला लेकर तस्वीर साफ कर देगा.

पायलट का बढ़ेगा कद, ब्राह्मण चेहरे को मिलेगी तवज्जो!: राजस्थान कांग्रेस की गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि अभिमन्यु पूनिया को यूथ कांग्रेस की कमान देकर आलाकमान ने सचिन पायलट की ओर बदले हुए रुख का इशारा दे दिया है. ऐसे में इस बार गहलोत गुट की जगह सचिन पायलट के चेहरे को पार्टी प्रमुखता दे सकती है. यदि पायलट के रूप में ओबीसी नेता विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष या कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाते हैं, तो फिर एक चेहरा ब्राह्मण कार्ड के रूप में भी कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले अपनी रणनीति के हिस्से में रख सकती है. जिस तरह से बीजेपी ने ब्राह्मण चेहरे को तवज्जो देखकर सवर्ण जातियों को साधने का प्रयास किया और भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया, उसके बाद लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस भी किसी ब्राह्मण चेहरे को दो प्रमुख पोस्ट में से एक जगह स्थान दे सकती है.

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